प्रोटोकॉल क्या होता है – Protocol in Hindi
प्रोटोकॉल नेटवर्क का Rule (नियम) है जिसके माध्यम से नेटवर्क में कंप्यूटर के बिच डाटा का ट्रान्सफर किया जाता है. आज के इस लेख What is Protocol in Hindi? प्रोटोकॉल क्या है और इसके प्रकार में प्रोटोकॉल के बारें में विस्तार से बताएँगे. तो दोस्तों देर किस बात की आइये देखते है:
प्रोटोकॉल क्या है – What is Protocol in Hindi
प्रोटोकॉल set of rules और regulations होते हैं अर्थात् कुछ ऐसे rules का set होता है जिसे हमे follow करना पड़ता हैं डाटा को ट्रांसफर करने के समय, ताकि हम सही तरीके से और safely data transfer कर सकें। यह प्रोटोकॉल मानना बहुत आवश्यक होता हैं ताकि हमारे डाटा ट्रांसमिशन में कोई भी दिक्कत ना आए।
प्रोटोकॉल नेटवर्क के rules और इंस्ट्रक्शन के समूह है जो नेटवर्क में होने वाले ट्रांसमिशन को कण्ट्रोल करता है. प्रोटोकॉल नेटवर्क ट्रांसमिशन के लिए रुल का निर्धारण करते है.
प्रोटोकॉल यह बताता हैं कि हमारे डाटा को किस तरीके से दूसरे स्थान पर भेजना हैं और क्या क्या rules follow करते हुए भेजना हैं। प्रोटोकॉल के बिना हम कम्युनिकेशन या डाटा ट्रांसमिशन नहीं कर सकते क्योंकि प्रोटोकॉल के जरिए ही हम ये जान पाते है कि डाटा कैसे ट्रांसफर करना हैं या इंटरनेट पर communication कैसे करना है।
प्रोटोकॉल का क्या कार्य होता है?
प्रोटोकॉल का कार्य हैं कुछ limitation या rules के साथ data transmission करना, ताकि डाटा loss या डाटा से संबंधित कोई परेशानी ना आए और डाटा easily ट्रांसफर किया जा सके । ये प्रोटोकॉल डिजिटल transmission में काम करता हैं। इसके बिना हम इंटरनेट पर एक दुसरे से communicate नहीं कर सकतें ना ही एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में डाटा भेज सकते।
प्रोटोकॉल की परिभाषा – Definition of protocol in Hindi
प्रोटोकॉल में कुछ set of rules होते हैं जो ये बताते हैं कि हमें इंटरनेट पर कैसे कम्युनिकेशन करना हैं और कैसे डाटा ट्रांसमिशन करना हैं, जिसकी मदद से हम डाटा ट्रांसमिशन करते हैं और इंटरनेट पर कम्युनिकेट करते हैं। यह एक बहुत ही important part है जिसके बिना हम इंटरनेट पर transmission नहीं कर सकते।
प्रोटोकॉल के प्रकार – types of protocol in Hindi
प्रोटोकॉल डिफरेंट डिफरेंट types के होते हैं जो अलग अलग तरीके के ट्रांसमिशन पर काम करते हैं। आइए कुछ प्रोटोकॉल को संक्षिप्त में जानते हैं –
- HTTP (Hypertext Transfer Protocol)
- HTTPS (Secure Hypertext Transfer Protocol)
- FTP (File Transfer Protocol)
- SMTP (Simple Mail Transfer Protocol)
- POP (Post Office Protocol)
- IMAP (Internet Message Access Protocol)
- TCP (Transmission Control Protocol)
- IP (Internet Protocol)
- ICMP (Internet Control Message Protocol )
- DNS (Domain Name System)
- DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)
- SNMP (Simple Network Management Protocol)
- SSH (Secure Shell)
- SSL/TLS (Secure Sockets Layer/Transport Layer Security)
HTTP (HTTP in Hindi)
HTTP का पूरा नाम ” Hypertext Transfer Protocol” है. hypertext transfer protocol यह एक ऐसा प्रोटोकॉल हैं जिसका use सबसे ज्यादा किया जाता हैं वर्ल्ड वाइड वेब पर। यह प्रोटोकॉल दो या दो से अधिक computer के बीच हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर करता हैं अर्थात् hypertext HTML में लिखा हुआ text होता हैं। यह एक फाइल को एक computer से दूसरे कम्प्यूटर में ट्रांसफर करने का काम करता हैं। यह application layer में उपयोग किया जाने प्रोटोकॉल हैं जो सर्वाधिक उपयोग किया जाता हैं।
यह client- server based होता हैं अर्थात् यह client और सर्वर को permission देता हैं कि वो आपस मे कनेक्शन बना सके और डाटा ट्रांसमिशन कर सकें।
HTTP के फायदे:
- यह वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बिच कनेक्शन स्टेब्लिश करता है.
- यह एक सिंपल प्रोटोकॉल है.
- यह विभिन्न डिवाइस और प्लेटफार्म को सपोर्ट करता है.
- ब्राउज़र में वेबसाइट/ वेब पेज को तेजी से डाउनलोड करता है.
- कैशिंग को सपोर्ट करता है.
HTTP के नुकसान
- यह सुरक्षित नहीं है.
- सेंडर की पहचान नहीं कर पाता है.
- बड़ी वेबसाइट को लोड लेने में काफी टाइम लेता है.
HTTPS (HTTPS in Hindi)
इसका पूरा नाम Hypertext transfer protocol secure है इसके द्वारा इंटरनेट पर secure कम्युनिकेशन किया जा सकता है यह http protocol की तरह ही होता हैं पर यह encrypted होता हैं अर्थात् यह कम्युनिकेशन को encrypt करके रखता हैं, इस प्रोटोकॉल को Netscape ने विकसित किया है तथा यह ज्यादातर ऑनलाइन banking और shopping में security के लिए use किया जाता हैं।
HTTPS के फायदे:
- यह एक सिक्योर प्रोटोकॉल है.
- यह एसइओ (SEO) फ्रेंडली है.
- दुसरे प्रोटोकॉल की तुलना में ऑनलाइन बैंकिंग और पेमेंट के लिए सुरक्षित है.
HTTPS के नुकसान
- HTTPS के उपयोग से कैश के माध्यम से वेबसाइट डाटा को चोरी कर सकता है.
- HTTP की तुलना में स्लो प्रोटोकॉल है.
FTP (File Transfer Protocol in Hindi)
FTP का पूरा नाम “file transfer protocol” कहते हैं यह प्रोटोकॉल फाइल को इंटरनेट के माध्यम से ट्रांसफर करने के लिए उपयोग किया जाता हैं यह OSI Model के एप्लीकेशन लेयर में काम करता हैं।
इस प्रोटोकोल का सर्वाधिक उपयोग किया जाता हैं file transfer के लिए। इसे TCP/IP द्वारा बनाया गया था। इसका उपयोग करके फाइल को सर्वर से डाउनलोड कर सकता हैं। यह फाइल को ट्रांसफर करते समय तीन अलग अलग mode – block , stream or compressed का उपयोग करता हैं।
FTP के फायदे:
- नेटवर्क में फाइल ट्रान्सफर के लिए बेस्ट है.
- इसका उपयोग असानी से किया जा सकता है.
- अधिक साइज़ के फाइल को असानी से ट्रान्सफर कर सकता है.
- यह सिक्योर प्रोटोकॉल है.
FTP के नुकसान
- इसमें डाटा एन्क्रिप्शन की सुविधा नहीं है.
- हैकर फाइल को चोरी कर सकते है.
- फाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल में एरर को फाइंड करना मुश्किल है.
SMTP (SMTP in Hindi)
SMTP का पूरा नाम “simple mail transfer protocol” कहते हैं यह simple mail भेजने के लिए उपयोग किया जाता हैं सीधी भाषा में इसे email प्रोटोकॉल कहा जाता हैं क्योंकि यह email ट्रांसफर करने का काम करता हैं। यह TCP/ IP द्वारा बनाया गया हैं। यह application layer पर काम करता हैं। यह एक या एक से अधिक यूजर को एक साथ संदेश भेजने का काम करता हैं।
SMTP के फायदे:
- बहुत से लोगो को एक साथ मेल या मेसेज किया जा सकता है.
- SMTP के माध्यम से टेक्स्ट, ऑडियो, विडियो और एनीमेशन जैसे मल्टीमीडिया फाइल को भेजा जा सकता है.
SMTP के नुकसान
- यह सुरक्षित नहीं है.
- बड़ी फाइल को भेजने में काफी टाइम लेता है.
IMAP (IMAP in Hindi)
IMAP का पूरा नाम “Internet message access protocol” हैं. यह email को mail server से यूजर के local computer पर retrieve करने के लिए उपयोग किया जाता है इसके लिए Pop और IMAP दोनो प्रोटोकॉल का सर्वाधिक उपयोग किया जाता हैं।
IMAP के फायदे:
- इसके माध्यम से रिमोट एक्सेस किया जा सकता है.
- ईमेल को फोल्डर, टैग, लेबल इत्यादि के माध्यम से मैनेज कर सकते है.
- ईमेल अकाउंट को असानी से दुसरे डिवाइस में कॉपी किया जा सकता है.
- ईमेल अकाउंट के एक साथ विभिन्न डिवाइस में सिंक्रनाइज कर सकते है.
IMAP के नुकसान
- IMAP का उपयोग इन्टरनेट कनेक्ट करने पर ही किया जा सकता है.
- उपयोग करने के लिए इसका सेटअप करने की जरुरत होती है जो सामान्य यूजर के लिए करना थोडा कठिन है.
- अधिक साइज़ वाले ईमेल में ये स्लो परफॉरमेंस करता है.
TCP (TCP in Hindi)
TCP का पूरा नाम “Transmission Control Protocol” है. ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल, यह एक ऐसा प्रोटोकॉल हैं जो डाटा के ट्रांसमिशन को manage करता हैं कि कोनसा मैसेज ट्रांसमिट करना हैं और कौनसा नहीं।
TCP के फायदे:
- यह एक reliable protocol है.
- फ्लो कण्ट्रोल और एरर कण्ट्रोल परफॉर्म करता है.
- डाटा और इनफार्मेशन को सेंड करने में हेल्प करता है.
- डाटा को एक साथ दोनों दिशा में ट्रान्सफर कर सकते है.
TCP के नुकसान
- यह इन्टरनेट के लिए उपयुक्त है पर LAN नेटवर्क के लिए नहीं
- यह नेटवर्क गति स्लो कर देता है.
- ब्लूटूथ को सपोर्ट नहीं करता है.
UDP (UDP in Hindi)
UDP का पूरा नाम “User Datagram Protocol” है. user datagram protocol, यह इंटरनेट पर कम्युनिकेशन के लिए उपयोग किया जाता हैं। तथा डाटा ट्रांसमिशन के लिए उपयोग किया जाता हैं, यहां पर डाटा ट्रांसमिशन के लिए कनेक्शन स्थापित करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह कनेक्शनलेस प्रोटोकॉल हैं। यह ट्रांसपोर्ट लेयर में कम्युनिकेशन के लिए use किया जाता हैं।
UDP के फायदे:
- file transfer करने से पहले कनेक्शन करने की जरुरत नहीं.
- मल्टीटास्किंग को सपोर्ट करता है.
- हाई स्पीड में कार्य करने की क्षमता होती है.
UDP के नुकसान
- यह टी सी पी के तुलना में कम reliable है.
- इसमे एरर कण्ट्रोल नहीं होता है.
IP (Internet Protocol in Hindi)
IP का पूरा नाम ” Internet Protocol”है. यह इंटरनेट पर कम्युनिकेशन के लिए और डाटा ट्रांसमिशन के लिए उपयोग किया जाता हैं ,यह एक कनेक्शनलैस प्रोटोकॉल हैं तथा इसे TCP/IP, UDP/IP के नाम से भी जाना जाता हैं तथा यह मैसेज को सोर्स से डेस्टिनेशन तक पहुंचाने का काम करता हैं। यह एक लोकप्रिय प्रोटोकॉल हैं जिसे बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता हैं।
IP के फायदे:
- किसी भी कंपनी या पर्सन के लिए यूज़ कर सकते है.
- इसे बढाया जा सकता है.
- यह विभिन्न Network Routing Protocol को सपोर्ट करता है.
IP के नुकसान
- IP एक जटिल प्रोटोकॉल है इसका इनस्टॉल करना कठिन होता है.
- इसे असानी से मैनेज नहीं किया जा सकता है.
- यह छोटे नेटवर्क के लिए अच्छा नहीं है.
ICMP (ICMP in Hindi )
इसे इंटरनेट कंट्रोल मैसेज प्रोटोकॉल कहा जाता हैं इसका उपयोग नेटवर्क लेयर में error मैनेजमेंट के लिए किए जाता हैं। नेटवर्क लेयर में बहुत सारे error और bug आते हैं जिनको solve करने के लिए ICMP प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता हैं।
ICMP के फायदे:
- यह नेटवर्क की ट्रबलशूटिंग असानी से कर सकता है.
- एरर रिपोर्टिंग को सपोर्ट करता है.
- पैकेट की टेस्टिंग असानी से कर सकता है.
ICMP के नुकसान
- इसमें प्राइवेसी स्ट्रोंग नहीं होता है डाटा लिक होने की सम्भावना होती है.
- हैकिंग की संभावना होती है.
POP (Post Office Protocol in Hindi)
POP का पूरा नाम “Post Office Protocol” है. यह internet पर उपलब्ध mail सर्वर में से mail को डाउनलोड कर client के mail software तक पहुंचाता है।
अर्थात् इसका उपयोग mail server से mail receive करने के लिए किया जाता हैं।
POP के फायदे:
- ऑफलाइन में भी उपयोग कर सकते है.
- इसके उपयोग के लिए स्थायी इन्टरनेट कनेक्शन की जरुरत नहीं होती.
- उपयोग में काफी असान है.
- इसके कॉन्फ़िगरेशन को कोई भी असानी से कर सकता है.
POP के नुकसान
- मेल में प्राप्त डाटा को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में भेजना कठिन है.
- हैकिंग का खतरा होता है.
- सर्वर से डाउनलोड किया गया फोल्डर करप्ट हो सकता है.
DNS (Domain Name System)
इसका पूरा नाम डोमेन नेम सिस्टम हैं यह डोमेन नेम को आईपी एड्रेस में कन्वर्ट करता हैं। ताकि ब्राउजर इंटरनेट रिसोर्स को लोड कर सकें।
DNS के फायदे:
- आई पी एड्रेस के जरिये वेबसाइट को identify कर सकता है.
- सर्वर का पता लगा सकता है.
- यह वेबसाइट के क्षमता और प्रदर्शन को बेहतर बनाता है.
- डाटा कैशिंग को असानी से मैनेज कर सकता है.
DNS के नुकसान
- इसमें डाटा लीकेज की संभावना होती है.
- सरकार के DNS में रोक लगाने से किसी विशेष वेबसाइट में नहीं पहुच सकते है.
DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)
इसे डायनेमिक होस्ट कंफीग्रेशन प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता हैं यह कंफीग्रेशन का काम करता हैं । यह एक डिफॉल्ट प्रोटोकॉल हैं जिसका use ज्यादातर सभी राउटर्स और नेटवर्किंग डिवाइस में किया जाता हैं।
SNMP (Simple Network Management Protocol)
इसे सिंपल नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता हैं। अर्थात् यह नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल है यह नेटवर्किंग डिवाइस के मैनेजमेंट का काम करता हैं कमियों को डिटेक्ट करता हैं।
SSH (Secure Shell)
इसे secure shell के नाम से जाना जाता हैं यह एक computer se दूसरे कम्प्यूटर के बीच के कम्युनिकेशन और ट्रांसमिशन को सिक्योर करता हैं , यह नेटवर्क को attacks से बचाता हैं , यह ट्रांसमिटेड डाटा की encrypt करता हैं जिससे डाटा सिक्योर हो जाय।
SSL/TLS (Secure Sockets Layer/Transport Layer Security)
secure socket layer और ट्रांसपोर्ट लेयर सिक्योरिटी ये दोनो नेटवर्क में सिक्योरिटी के लिए use किया जाता हैं जिससे ट्रांजेक्शन सिक्योरिली किया जा सकें। यहां TLS, SSL का अपडेटेड वर्जन हैं जिसमें TLS में SSL से ज्यादा सिक्योरिटी फीचर्स हैं।
प्रोटोकॉल का इतिहास (History of Protocol In Hindi)
प्रोटोकॉल का अविष्कार दो वैज्ञानिकों vint cerf and robert E Kahn ने 1970- 80 में किया था। जिसमें से vint cerf को इंटरनेट के फील्ड बहुत सारे अवार्ड भी मिले हैं और इन्हें इंटरनेट के पिता के नाम से भी जाना जाता हैं।
प्रोटोकॉल का क्या उपयोग है? (Uses of Protocol In Hindi)
प्रोटोकॉल का उपयोग नेटवर्क में बहुत ज्यादा किया जाता है, प्रोटोकॉल की मदद से ही डाटा ट्रांसमिशन और कम्युनिकेशन किया जाता हैं। प्रोटोकॉल नेटवर्क के काम को सिक्योर बनाता हैं।
प्रोटोकॉल के फायदे (Advantages of Protocol In Hindi)
प्रोटोकॉल के उपयोग के निम्न फायदे हैं –
- प्रोटोकॉल की वजह से डाटा का ट्रांसमिशन आसान हो जाता हैं।
- इसमें error को पहचानना काफी आसान हो जाता हैं।
- जब यूजर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन use करता हैं तो प्रोटोकॉल अधिक सुरक्षा प्रदान करता हैं।
- प्रोटोकॉल की वजह से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सारे डिवाइस को एक साथ जोड़ा जा सकता है और उन डिवाइस के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है भले ही वो डिवाइस दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो।
प्रोटोकॉल के नुकसान (Disadvantages of Protocol In Hindi)
प्रोटोकॉल के निम्न नुकसान है:
- प्रोटोकॉल के द्वारा नेशनल इंटरनेशन कनेक्शन स्थापित किया जाता है और प्रोटोकॉल में कोई दिक्कत आने की वजह से पूरा कनेक्शन फेल हो जाता हैं।
- कई बार हैकर प्रोटोकॉल को हैक कर लेता हैं जिससे यूजर को बहुत समस्या का सामना करना पड़ता हैं।
- तकनीकी जटिलता – इंटरनेट प्रोटोकॉल को स्थापित करने और बनाए रखने के लिए विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, जिससे सीमित तकनीकी ज्ञान वाले लोगों के लिए इसका उपयोग करना और समझना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
वेब प्रोटोकॉल किसे कहते है – web protocol in hindi
वेब प्रोटोकॉल एक ऐसा प्रोटोकॉल हैं जो कुछ नियम से मिलकर बना हैं जिसे सर्वर में किए जाने वाले किसी भी ट्रांजेक्शन में follow करना पड़ता हैं। यह एक तरीके का rules और regulations होता हैं जिसके उपयोग से सर्वर पर ट्रांजेक्शन सिक्योर होता हैं।
प्रोटोकॉल का महत्व (Importance of protocol in Hindi)
प्रोटोकॉल का सर्वर पर बहुत अधिक महत्व हैं क्योंकि प्रोटोकॉल के जरिए ही ट्रांसमिशन को सुरक्षित बनाया जा सकता हैं।
प्रोटोकॉल के मुख्य तत्व (Key elements of protocol in Hindi)
प्रोटोकॉल के मुख्य तत्व अर्थात् किन तत्वों के द्वारा आसानी से इंटरनेट कम्युनिकेशन किया जा सकता हैं।
- Syntax
- Sementic
- Timing
प्रोटोकॉल का आविष्कार किसने किया
प्रोटोकॉल का अविष्कार vint cerf or robert E Kahn ने किया था सन् 1970-80 में।
- IP एड्रेस क्या है कैसे काम करता है?
- TCP/IP मॉडल क्या है?- हिन्दी नोट्स
- OSI मॉडल क्या है? हिन्दी नोट्स
- ISDN क्या है हिन्दी नोट्स
- ISP क्या है? हिन्दी नोट्स
- TDMA क्या है?-हिन्दी नोट्स
- IEEE 802 क्या है?-हिन्दी नोट्स
FAQ
Protocol क्या होता है?
प्रोटोकॉल set of rules and regulations होता हैं।
प्रोटोकॉल के कितने प्रकार होते हैं?
प्रोटोकॉल के बहुत सारे प्रकार होते हैं। जैसे – TCP/IP, HTTP,HTTPS,FTP,SMTP,POP,SNMP,UDP ETC.
इन्टरनेट प्रोटोकॉल क्या है
इंटरनेट प्रोटोकॉल एक ऐसा प्रोटोकॉल हैं जिसका उपयोग इंटरनेट पर डाटा ट्रांसमिशन के लिए किया जाता हैं यहां कुछ नियम होते हैं जो ट्रांसमिशन में फॉलो किए जाते हैं।
प्रोटोकॉल क्या है और इसके प्रकार?
प्रोटोकॉल नियमो का समूह होता है जिसको follow करके हमें इंटरनेट में डाटा ट्रांसमिशन और कम्युनिकेशन करना होता हैं.
आज आपने सिखा – प्रोटोकॉल क्या है और इसके प्रकार
तो दोस्तों मुझे आशा है आज का यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा. अगर आपके इस लेख के लिए कुछ सवाल या सुझाव है तो लेख के निचे कमेंट करें.
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