Computer Generation in Hindi / कंप्यूटर की सभी 6 पीढ़ियां, विशेषता, कमियाँ और उदाहरण

Computer Generation in Hindi

जैसे हम मनुष्यों की पीढ़ियां होती है उसी प्रकार कंप्यूटर की भी पीढ़ियां होती हैं। इनकी शुरुआत 1940 से हुई है हर एक पीढ़ी के अंतर्गत कंप्यूटर में कुछ ना कुछ परिवर्तन आया है। पहले के कंप्यूटर आकार में बड़े होते थे लेकिन आज के कंप्यूटर आकार में बहुत छोटे होते हैं। कंप्यूटर में के क्षेत्र में हो रहे निरंतर विकास को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि वह दिन अब दूर नहीं जब हम कंप्यूटर को जेब में लेकर चलेंगे तथा पहले से अधिक गति के साथ उसका उपयोग कर सकेंगे।

कंप्यूटर की पीढ़ी: जब कंप्यूटर के टेक्नोलॉजी में बहुत बड़ा परिवर्तन आता है तो उसको कंप्यूटर का नया जनरेशन कहा जाता है. वर्तमान में कंप्यूटर के 6 जनरेशन उपलब्ध है.

अनुक्रम --दिखाएँ --

कंप्यूटर पीढ़ियां क्या है?

वैज्ञानिकों के निरंतर प्रयास से कंप्यूटर में विकास हो रहा है। वैज्ञानिकों का उद्देश्य है कि कंप्यूटर को और अधिक उपयोगी बनाएं सुविधाजनक बनाएं। सस्ता तीव्र गति से कार्य करने वाला और अधिक विश्वसनीय मशीन बनाएं, इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए कंप्यूटर में निरंतर विकास किया जा रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कंप्यूटर का विकास तेजी से हुआ जिसके चलते इनके आकार प्रकार में कई परिवर्तन हुए।

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कंप्यूटर के इन्हीं तकनीकी विकास को कई भागों में बांटा गया है जिन्हें हम कंप्यूटर की पीढ़ियां कहते हैं अभी तक कंप्यूटर की 6 पीढ़ियां आ चुकी हैं प्रत्येक पीढ़ी की गुण और दोष और उनका संक्षिप्त परिचय नीचे दिया गया है।

कंप्यूटर की कितनी पीढ़ियां होती है?

अभी तक कंप्यूटर की 6 पीढ़ियां हैं। प्रत्येक पीढ़ियां की अपनी अलग अलग विशेषताएं हैं। उसके काम करने के तरीके अलग हैं तथा छोटे, सस्ते और अधिक कुशल तरीके से कार्य करने वाले हैं।

  1. प्रथम पीढ़ी (1946-1956)
  2. द्वितीय पीढ़ी (1956-1964)
  3. तृतीय पीढ़ी (1964-1971)
  4. चतुर्थ पीढ़ी (1971- 2010)
  5. पंचम पीढ़ी (2010 से वर्तमान तक)
  6. छटवां पीढ़ी ( भविष्य की पीढ़ी )

तो चलिए दोस्तों हमने कंप्यूटर के पांच पीढ़ियां के नाम तो जान लिया अब उनके बारे में विस्तार से पढ़ते हैं।

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प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी का समय 1946 से 1956 तक माना जाता हैं। जिसकी शुरुआत 1946 में एनिएक नामक कंप्यूटर के निर्माण से हुई थी इसको एकर्ट व मुचली ने बनाया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते थे जिनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान नहीं था। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया गया था। जिसका अविष्कार 1904 में John Ambrose Fleming द्वारा किया गया था।

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इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता था। वेक्यूम ट्यूब बड़े घटक थे जिसके कारण पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के आकार बहुत बड़े थे। एक-एक कमरे की जगह लेते थे। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में मशीन लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता था और स्टोरेज के लिए पंच कार्ड का उपयोग किया जाता था। इनके कार्य करने की क्षमता अत्यधिक धीमी थी।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों के Advantage

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Vacuum tube का प्रयोग किया जाता था।
  • मशीनी तथा असेंबली भाषा का प्रयोग किया जाता था।
  • Input और Output के लिए पंच कार्ड और चुम्बकीये टेप का प्रयोग किया जाता था।
  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का प्रयोग मुख्य रूप से वैज्ञानिक अनुसंधान एवं सैन्य कार्यों के लिए किया जाता था।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के Disadvantage

  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही नाजुक और कम विश्वसनीय के होते थे।
  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत ही बड़े होते थे वह एक एक कमरे के बराबर के होते थे।
  • आकार में बड़े होने के कारण अधिक बिजली की खपत करते थे।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर को ठंडा रखने के लिए बहुत सारे एयरकंडीशनरो (AC) का प्रयोग किया जाता था।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर बेहद महंगे होते थे।
  • इसकी भंडारण क्षमता कम और गति मंद थी।

पहली पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • ENIAC
  • EDVAC
  • EDSAC
  • UNIVAC
  • MARK-1

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर

कंप्यूटर के द्वितीय पीढ़ी का समय 1956 से 1964 तक माना जाता है। द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत कंप्यूटरों में वेक्यूम ट्यूब कि जगह ट्रांजिस्टरो का उपयोग करने से हुई। ट्रांजिस्टर के उपयोग से कंप्यूटरो को वेक्यूम ट्यूब की अपेक्षा अधिक गति और विश्वसनीयता प्राप्त हुई । ट्रांजिस्टर का अविष्कार विलियम शॉक्ले ने 1947 में किया था।

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Transistor के साथ vacuum ट्यूबों को बदलने से computers का आकार कम हो गया था। हाई लेवल मशीन लैंग्वेज का प्रयोग किया गया तथा भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में दो प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था पहला है बैच प्रोसेसिंग, दूसरा मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों के Advantage

  • वेक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया।
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक तेज एवम् विश्वसनीय थे।
  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के अपेक्षा छोटे एवं कम खर्चीले थे।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई जिसके लिए मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस का प्रयोग किया गया।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्युटर में बिजली की खपत कम होती थी।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग व्यवसाय तथा उद्योग में किया जाने लगा।
  • इसमें Fortran , Cobol जैसे उच्च स्तरीय भाषा तथा असेंबली लैंग्वेज का उपयोग किया गया था।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरो के Disadvantage

  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर साइज में अभी भी बड़े थे जिसके कारण इसे एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाने में परेशानी होती थी।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को लगातार मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती थी।
  • दुसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को भी ठंडा रखने के लिए AC की जरूरत पड़ती थी।

दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • IBM 1620
  • IBM 7094
  • CDC 1604
  • CDC 3600
  • UNIVAC 1108

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर

कंप्यूटर के तृतीय पीढ़ी का समय 1964 से 1971 तक माना जाता हैं । तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरों में Transistor की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट चिप (IC-Integrated Circuit Chip) का प्रयोग आरंभ हुआ। जिसके कारण कंप्यूटर की गति और कार्यकुशलता में काफी वृद्धि हुई। इंटीग्रेटेड सर्किट का आविष्कार Jack Kilby ने किया था। इस पीढ़ी के कम्पूटरो में remote processing, टाइम शेयरिंग और multi programming ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था।

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तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में कीबोर्ड और मॉनिटर का उपयोग शुरू हुआ जिसके प्रयोग से हम कंप्यूटर में डाटा डाल सकते थे व कंप्यूटर को निर्देश दे सकते थे।

Magnetic tape तथा Disc के भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई। सेमीकंडक्टर भंडारण उपकरणों का विकास हुआ। RAM (Random Access Memory) के कारण Computer की गति में वृद्धि हुई।

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के Advantage

  • इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग किया गया।
  • प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ी के computer की तुलना में तृतीय पीढ़ी के computer में इसका आकार छोटा था तथा वजन भी कम था।
  • द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर की अपेक्षा कम ऊर्जा खपत करता था तथा अधिक विश्वसनीय था।
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को ज्यादा चलाने पर बंद नहीं होता था तथा इसे मेंटेनेंस की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती थी क्योंकि इसके हार्डवेयर के खराब होने की संभावना बहुत कम थी।
  • एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाना आसान था तथा इसको चलाना भी सरल था।
  • पहले कंप्यूटर की तुलना में यह थोड़े सस्ते थे तथा हर एक व्यक्ति इसको खरीद सकता था अपने निजी उद्देश्य के कार्यों के लिए।
  • उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग बढ़ गया।
  • तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर में multi programming और multi processing अर्थात एक ही समय पर अनेक प्रोग्राम व प्रोसेसर को चला सकते थे।

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के Disadvantage

  • तृतीय पीढ़ी के समय computer को AC की आवश्यकता होती थी।
  • इंटीग्रेटेड चिप बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर थोड़े महंगे होते थे।

तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • IBM-360 Series
  • Honeywell – 6000 series
  • PDP (Personal Data Processor)
  • IBM-370/168
  • TDC-316

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर का समय 1971 से 2010 तक माना गया है। इस पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट को और अधिक विकसित जिसे Large Integrated Circuit कहा जाता है। इसके आविष्कार से पूरी Central processing unit एक छोटी सी चिप में आ गई है जिसे micro processor कहां जाता है जिस कंप्यूटर में इसका उपयोग किया जाता है उसे माइक्रोकंप्यूटर कहते हैं। ALTAIR 8800 यह सबसे पहला माइक्रो कंप्यूटर है जिसका निर्माण MITS नामक कंपनी ने किया था। उसके बाद 1981 में IBM ने माइक्रो कंप्यूटर का विकास किया, जिसे पर्सनल कंप्यूटर (PC) कहा जाता है।

microprocessor fourth generation of computer

इस पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में बहुत तेजी से किया जाने लगा क्योंकि यह अन्य पीढ़ियों की तुलना में काफी सस्ते तेज और अधिक विश्वसनीय थे। चौथी पीढ़ी के computers में  internet, GUI ( ग्राफिकल यूजर इंटरफेस) और ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे- MS Window, MS Dos और Apple OS का विकास हुआ था।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर Advantage

  • Very Large Scale Integrated Circuit का प्रयोग किया गया।
  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर कम खर्चीली तथा अधिक तेज व विश्वसनीय थे।
  • अन्य पीढ़ियों के कंप्यूटर की तुलना में इसके आकार बहुत छोटे कम वजनी तथा विद्युत का उपयोग कम करते थे।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर को AC की जरूरत नहीं थी। इसके रखरखाव सरल थे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते थे।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर को ऑपरेट करना वह चलाना बहुत ही सरल था।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में उच्च स्तरीय लैंग्वेज जैसे C, C++, DBASE का उपयोग किया गया।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरो Disadvantage

  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों की Design और Technique जटिल हैं।
  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के रखरखाव और मरम्मत के लिए अत्यधिक कुशल पेशेवरों की जरूरत पड़ती थी।
  • micro processor चिप के ख़राब होने की सम्भावना इसमें अधिक होती थी।
  • इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) के प्रयोग होने के कारण कई मामलों में AC की आवश्यकता पड़ती थी।
  • माइक्रोप्रोसेसरों का Design और निर्माण बहुत जटिल कार्य था।
  • VLSI सर्किट के निर्माण के लिए उन्नत तकनीक की पड़ती थी।
  • बहुत कम गर्मी उत्पन्न करने के बाद भी चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों को आंतरिक कॉम्पोनेन्ट को ठंडा करने के लिए पंखे की आवश्यकता पड़ती थी।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों के नाम

  • Dec 10
  • Star 1000
  • PDP 11
  • CRAY-1
  • CRAY-X-MP (Super Computer)
  • PCs

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का समय 2010 से वर्तमान तक माना जाता है। पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में अधिक बदलाव आया है धीरे-धीरे कंप्यूटर लैपटॉप टेबलेट में बदल गए हैं अब छोटे-छोटे कंप्यूटर लैपटॉप बनने लगे हैं keyboard, mouse, mobile phone तथा अलग से CPU microphone इन सब का अविष्कार हुआ है साथ इनका अत्यधिक प्रचलन भी बढ़ने लगा।

artificial intelligence in fifth generation of computer

इस पीढ़ी में उन कंप्यूटरों को शामिल किया है जो अधिक शक्तिशाली एवं उच्च तकनीक कंप्यूटर से लेकर भविष्य में आने वाले जितने भी कंप्यूटर हैं। आज के कंप्यूटर इतने कुशल हैं कि वे जीवन के हर क्षेत्र जैसे कि एकाउंटिंग, इंजीनियरिंग, भवन निर्माण, अंतरिक्ष एवं दूसरे प्रकार के शोध कार्यों में उपयोग किए जा रहे हैं। यह कंप्यूटर पोर्टेबल हैं तथा इंटरनेट से सहायता से सूचना एवं डॉक्यूमेंट का आदान-प्रदान तथा पैसों का लेनदेन आसानी से कर सकते हैं। आज कंप्यूटर इतने छोटे आने लगे हैं जिसे हम आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते कहीं पर भी इसे चला सकते हैं।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों के Advantage

  • पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर अत्यंत छोटे तथा हाथ में लेकर चलने योग्य हैं इन कंप्यूटर की गणना क्षमता अत्यंत तीव्र तथा अधिक है।
  • मल्टीमीडिया और एनिमेशन की वजह से कंप्यूटर शिक्षा तथा मनोरंजन के क्षेत्र में इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाने लगा है।
  • इंटरनेट से सोशल मीडिया के विकास से सूचनाओं का आदान प्रदान तथा एक दूसरे से संपर्क स्थापित करना आसान हो गया है।
  • भंडारण के लिए Optical Disc जैसे- CD, DVD या ब्लू रे डिस्क का विकास हुआ जिनकी भंडारण क्षमता अत्यधिक है।
  • दो Processor को एक साथ जोड़कर तथा parallel processing द्वारा कम्प्यूटर प्रोसेसर की गति को अत्यंत तीव् बनाया जा सकता है।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में कृत्रिम ज्ञान यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligent) डालने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कंप्यूटर हर एक परिस्थिति अनुसार स्वयं निर्णय ले सके।
  • ULSI टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है।
  • मल्टीमीडिया फीचर्स जैसे – ध्वनि, graphics, Picture और Text आदि का निर्माण हुआ
  • C, C++, Java, .NET और ASP जैसी high level language का प्रयोग किया।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के Disadvantage

  • पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर इतना आसान है कि लोग इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं जिसके कारण इंसान का दिमाग सुस्त और बर्बाद हो रहा है जिससे लोग आलस्यता की ओर बढ़ रहे हैं।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों के ज्यादा उपयोग करने से थोड़ी मात्रा में हिट उत्पन्न हो जाते हैं।
  • इस जनरेशन के कंप्यूटर अधिक विश्वसनीय तेज गति से कार्य करने वाले होते हैं जिसके कारण इसने मनुष्यों की जगह दे दी है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही हैं।
  • कंप्यूटर मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं तथा मानव मस्तिष्क की रचनात्मक और सोचने की क्षमता को कम तथा बर्बाद कर रहे हैं।
  • कंप्यूटर कई मामलों में खतरा भी बनता जा रहे हैं इसके माध्यम से साइबर अपराध किए जा रहे हैं जो आज सबसे बड़ी चुनौती है।
  • पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर संचार और नेटवर्क अच्छा माध्यम है लेकिन कुछ बुरे लोग इस तकनीक का उपयोग गलत एवं अनुचित जानकारी फैलाने के लिए करते हैं।

पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • Desktop
  • Laptop
  • Notebook
  • Ultra book
  • Chrome book

छटवी पीढ़ी के कंप्यूटर (भविष्य की पीढ़ी )

2022 के कंप्यूटर को आज अधिकांश लोगो कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी मानते है इसका मुख्य कारण वर्तमान में भी AI (आर्टिफीसियल इंटेलीजेंसी) का विकास चल रहा है. कंप्यूटर के सभी जानकार का कहना की जब तक क्वांटम कंप्यूटर का विकास नहीं होते तब तक कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी चलेगी. जैसे से क्वांटम कंप्यूटर का विकास हो जायेगा और क्वांटम कंप्यूटर व्यापक रूप से उपयोग होने लगेगा तब कंप्यूटर की छटवी पीढ़ी शुरू हो जाएगी.

Quantam and naino technogoy

अभी तक कंप्यूटर की छटवी पीढ़ी भविष्य की पीढ़ी है. जिनके बारें में रिसर्च चल रहा है. कई लोग नैनो टेक्नोलॉजी को भी कंप्यूटर की छटवी पीढ़ी का हिस्सा बताते है. क्वांटम कंप्यूटर की तरह ही नैनो टेक्नोलॉजी अभी शुरुवाती दौर में है जिनमे काफी सारें रिसर्च होने बांकी है.

आज आपने क्या सिखा

मुझे आशा है आज का मेरा लेख कंप्यूटर की पीढ़ी क्या है (computer generation in Hindi) को पढ़कर आपको कुछ अच्छी जानकारी मिला होगा. हमने कंप्यूटर के सभी पीढ़ी को समझाने का पूरा प्रयास किया है. यदि आपको कोई डाउट है तो मुझे कमेंट करे यदि आपका कोई सुझाव है तो भी आप मुझे कमेंट करें. यदि यह लेख आपको पसंद आया होगा तो लोगो को इसे शेयर करें ताकि वे भी इस जानकरी को पा सकें

आपके प्रोत्साहन और सुझाव से मुझे लिखने में काफी मदद मिलता है. कंप्यूटर टेक्नोलॉजी से जुड़े सभी सब्जेक्ट की जानकारी के लिए और अनेक प्रकार के बिजनेस आइडियाज का इनफार्मेशन के लिए मेरा Youtube चैनल computervidya को फॉलो करें. इनके साथ साथ मेरा दूसरा वेबसाइट nayabusiness.in में विजिट करके नए नए बिजनेस की जानकारी प्राप्त करें.

FAQ

लेटेस्ट कंप्यूटर जनरेशन कौन सी है?

कंप्यूटर का लेटेस्ट जनरेशन छटवां जनरेशन है जिसे भविष्य का जनरेशन कहा जाता है जिसमे क्वांटम कंप्यूटिंग और नैनो टेक्नोलॉजी का विकास शामिल है.

जनरेशन ऑफ कंप्यूटर क्या है in Hindi?

जब कंप्यूटर के टेक्नोलॉजी में बहुत बड़ा परिवर्तन आता है तो उसको कंप्यूटर का नया जनरेशन कहा जाता है. वर्तमान में कंप्यूटर के 6 जनरेशन उपलब्ध है.

कंप्यूटर में कितनी पीढियां होती है?

कंप्यूटर की वर्तमान में 6 पीढ़िया है जिसमे पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पाचवां और छटवी पीढ़ी शामिल है.

कंप्यूटर के कितने जनरेशन होते हैं?

कंप्यूटर में वर्तमान में 6 जनरेशन है जिसमे पहला जनरेशन, दूसरा जनरेशन, तीसरा जनरेशन, चौथा जनरेशन, पांचवा जनरेशन और छटवां जनरेशन शामिल है.

कंप्यूटर का जनरेशन कब हुआ था?

कंप्यूटर का जनरेशन सन 1946 से शुरू हुआ है जिसमे वैक्कुम ट्यूब का उपयोग किया जाता था. इस समय के कंप्यूटर को पहला जनरेशन का कंप्यूटर कहा जाता है.

2022 में कंप्यूटर की जनरेशन कितनी है?

2022 में कंप्यूटर के जनरेशन को पाचवीं पीढ़ी का जनरेशन कहा जाता है जिसमे AI टेक्नोलॉजी का विकास माना जाता है. AI का विकास अभी पूरी तरह से नहीं हुआ है जिसके चलते पाचवी पीढ़ी का कंप्यूटर जनरेशन चल रहा है. भविष्य में क्वांटम कंप्यूटर और नैनो टेक्नोलॉजी को छटवी पीढ़ी का कंप्यूटर कहा जायेगा.

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