आज के इस पोस्ट में हम आपको डाटा रिप्रजेंटेशन के बारें में विस्तार से बताएँगे. इसके साथ डाटा प्रोसेसिंग, डाटा, डाटा मापने की इकाई, डाटा स्टोरेज स्टेज इत्यादि को विस्तार से बताएँगे. डाटा रिप्रजेंटेशन के बारें में पूरी जानकरी के लिए पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें.
डाटा रिप्रजेंटेशन क्या है? – Data Representation in Hindi
Data representation का अर्थ हैं कैसे हम किसी डाटा को represent करते हैं अर्थात् कैसे किसी डाटा को दर्शाते हैं, यहां पर डाटा representation दो शब्दों से मिलकर बना हैं डाटा+representation, यहां डाटा का मतलब हैं information से या कहें तो fact से, डाटा किसी भी form में हो सकता हैं जैसे audio, video, pictures, gif etc. और इन्हीं डाटा को किस तरह से represent किया जाए, ये डाटा का representation कहलाता हैं।
Computer में सभी डाटा मतलब audio, video, pictures ये सभी बाइनरी के फॉर्म में स्टोर किए जाते हैं computer में होने वाले इसी प्रोसेस को data representation कहते हैं।
डाटा क्या हैं?
डाटा एक raw fact होता हैं जो अपने raw form में किसी काम का नहीं होता है. लेकिन उसी data को जब हम process और interpret करते हैं तब जाकर उनका सही मतलब सामने आता है, और जो की हमारे लिए बहुत उपयोगी होते हैं. इन्ही processed data को Information भी कहा जाता है. इसी information को computer में audio, video, pictures, MP3 के फॉर्म में save किया जाता है। जिसे हम डाटा कहते हैं।
डाटा मापने की इकाई
Computer में कितना डाटा रख सकते है, उसे मापने के लिए कुछ स्टैंडर्ड का उपयोग करते हैं। डाटा को अलग अलग तरीके से मापा जा सकता हैं अर्थात् उसकी कैपेसिटी और space के हिसाब से उसे मापा जाता हैं जिसे लिए कुछ यूनिट्स use किए जाते हैं जैसे –
- Bit
- Bite
- Nibble
- KB
- MB
- GB
- TB
- PB
- EB
- ZB
- YB
Bit
Bit यानी ‘Binary Digit’, यह मापन की सबसे छोटी इकाई हैं इसमें एक बिट की वैल्यू केवल एक ही बाइनरी डिजिट हो सकती हैं चाहे वो 0 हो या 1. अर्थात् 1 bit = binary digit (0,1), इस तरह से कंप्यूटर में जितना अक्षर लिखेंगे उतना बीट का जगह मेमोरी में लेगा. एक Bit का सिर्फ एक ही मान हो सकता है। कंप्यूटर बाइनरी कोड्स की ही भाषा को समझता है। इन बाइनरी कोड्स को ही Bit कहा जाता है।
बिट दो तरह से ही जानकारी को सेव कर सकती है जैसे – On Or Off (0 Or 1) कंप्यूटर की सभी बड़ी से बड़ी और छोटी Activities बिट के द्वारा ही संपन्न होती है। Bit को English के Small Letter ‘b’ से दर्शाया जाता है।
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Nibble
यह मापन की दूसरी सबसे छोटी इकाई हैं। यहां 4 bit = 1 nibble होता हैं अर्थात् 1 nibble की value 4 bit होती है।
Byte
ये 8 बिट मैमोरी से मिलकर बनता हैं अर्थात् 8bit = 1byte, मतलब 1byte 2 nibble से मिलकर बना हैं। ये एक स्टैंडर्ड unit होती हैं मैमोरी की। अर्थात् कोई भी डाटा स्टोर करते हैं तो कम से कम 1 बाइट का स्पेस occupy करता ही हैं। बाइट information की 256 स्टेटस को स्टोर कर सकती हैं। computer में बाइट, बिट से आगे की इकाई हैं एक ‘B’ को हमेशा बाइट कहा जाता हैं। और स्मॉल ‘b’ का मतलब bit होता हैं।
Kilobytes
यह 1024 बाइट से मिलकर किलोबाइट बनता हैं। Kilobytes को अक्सर इस्तमाल किया जाता है छोटे files के size को measure करने के लिए. उदाहरण के लिए, एक plain text document में होते हैं 10 KB की data और इसलिए इसकी एक file size होती है करीब 10 kilobytes की जितनी. यह माप अक्सर मेमोरी क्षमता और डिस्क स्टोरेज का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
Megabytes
यहा megabytes का मतलब हैं 1024 KB अर्थात् 1024 kb मिलकर मेगाबाइट बनता है ,
Mb के पास KB के मुकाबले डाटा स्टोर करने की कैपेसिटी ज्यादा होती है। Megabyte का उपयोग अक्सर बड़ी फ़ाइलों के आकार को मापने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक High Resolution वाली JPEG इमेज फ़ाइल एक से पांच मेगाबाइट तक की हो सकती है।
एक डिजिटल कैमरे से Uncompressed raw images को 10 से 50 एमबी डिस्क स्थान की आवश्यकता हो सकती है। एक Compressed format में सहेजा गया तीन मिनट का गीत आकार में लगभग तीन मेगाबाइट हो सकता है, मीडिया के अधिकांश अन्य रूपों की क्षमता, जैसे फ्लैश ड्राइव और हार्ड ड्राइव, को आमतौर पर गीगाबाइट या टेराबाइट्स में मापा जाता है।
Gigabytes
यह 1024 मेगा बाइट मिलकर 1 गीगाबाइट होता है. यह MB के मुकाबले GB का साइज बड़ा होता है। 1 GB 1024 MB के बराबर होता है। इसमें बड़ी फाइल्स कि स्टोरेज आ जाती हैं। अगर 1 जीबी की क्षमता की बात करें तो 230 Mp3 Songs को Store किया जा सकता है।
Terra byte (TB)
यह 1024 गीगाबाइट मिलकर एक टेराबाइट होता है.TB full form Terabyte होता है। Terabyte GB का के मुकाबले ज्यादा बड़ा होता है। बता दूं कि 1TB, 1024 GB से मिलकर बना होता है। इसमें बहुत सारा डाटा को स्टोर करने की क्षमता होती है।
Petabyte (PB)
यह 1024 TB मिलकर एक Peta byte होता है. PB full form Petabyte होता है। 1024 TB और 1000000 GB के बराबर एक Petabyte होता है. इसका मतलब कि एक Petabyte 1024 TB से मिलकर बना हुआ होता है। लेकिन बता दू कि अभी तक इतनी बड़ी मात्रा में कोई भी device उपलब्ध नहीं है।
Exabyte (EB)
यह 1024 PB मिलकर एक EXA BYTE होता है. यह बहुत बड़ी स्टोरेज यूनिट हैं इसमें बहुत अधिक मात्रा में डाटा स्टोर करके रखा जा सकता है या कहा जाए तो 5 Exabyte में हम पूरी मानव जाति द्वारा बोले गए सभी शब्दों को स्टोर कर सकते है।
Zettabyte (ZB)
Zetta Byte (ZB) यह 1024 EB मिलकर एक ZETTA BYTE होता है. 1024 EB = 1 ZB इसकी तुलना हम किसी से नहीं कर सकते क्योंकि ये बहुत ही ज्यादा बड़ा स्टोरेज प्रोवाइड कराता हैं।
Yettabyte (YB)
यह 1024 ZB मिलकर एक Yetta Byte होता है.1024 ZB =1 YB.
इनफार्मेशन क्या हैं? (Information kya hai)
किसी को कोई जानकारी बताना या सुनाना, या किसी माध्यम से उसके पास पहुँचाना ही Information कहलाता है।information एक बहुत ही जरूरी यूनिट होता हैं, किसी भी चीज की information के जरिए हम उसके बारे में जान पाते हैं और बेहतर जानकारी के लिए हम और भी information इकट्ठा करते हैं ताकि उसकी पूरी जानकारी हो सकें।Information एक प्रकार का डेटा होता है। जिसे हमारे द्वारा समझने में और उपयोग करने के अनुरूप बनाया जाता है। information के जरिए हम किसी काम को कैसे करना हैं उसकी जानकारी ले सकते हैं।
- कई महान व्यक्तियों ने Information को अलग-अलग प्रकार से व्यक्त किया।
- एन बैल्किन के अनुसार — Information उसे कहा जाता हैं, जिसमें आकार को परिवर्तित करने की क्षमता होती है।
- हाफमैन ने कहा — Information वक्तव्यों, तथ्यों अथवा आकृतियों का संकलन होती है।
- जे बीकर का मानना है। – किसी विषय से सम्बंधित तथ्यों को ही Information कहते हैं।
Information की जरूरत सभी काम को बेहतर बनाने के लिए होती हैं। जब तक हमे इन्फोर्मेशन नही होगी हम किसी काम को proper नही कर सकतें। जैसे – हमने स्टूडेंट्स से कहा की project बनाना है तो जब तक हम उनको information नहीं देंगे की कैसे बनाना है क्या बनाना हैं. तो students कैसे बनाएंगे बिना किसी information के।
डाटाबेस क्या है? (Database)
Database एक ऐसा स्थान है जहां पर data को स्टोर करके रखा जाता हैं ताकि डाटा सुरक्षित रहें और कोई भी बाहरी लोग उसे ऐक्सेस ना कर पाए। तथा हमे जब भी जरूरत हो database से अपना data ले सकें, डाटाबेस में डाटा टेबल के फॉर्म में रखा जाता हैं। आजकल बहुत बड़े डाटा में काम होता हैं जैसे किसी बड़ी कंपनी में हजारों employs होते हैं उन सभी का डाटा अगर हमको manage करना हैं तो उसे database में स्टोर करके रख दीया जाता हैं और easily जब जरूरत हो ऐक्सेस कर लिया जाता हैं।
ठीक इसी तरह ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे Flipkart, Amazon आदि की हम बात करें तो वहां पर भी इसका उपयोग होता है। कस्टमर की जानकारी, product detail से लेकर हर एक जानकारी डेटाबेस में ही stored रहते हैं।
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डाटा को कैसे स्टोर करते हैं?
Data को सुरक्षित रखने के लिए हमें उसे स्टोर करना होता है. डाटा को स्टोर करने के लिए जरुरत पड़ती है स्टोरेज की. जब हम डाटा को स्टोर करके रखते हैं तो उसे आवश्यकतानुसार कभी भी उपयोग में ला सकते हैं. Physical World में डाटा को कागजों में लिखकर उसकी एक फाइल बनाकर स्टोर किया जाता है।
आज का युग Digital Marketing युग है, इसलिए अब डाटा को कागजों में स्टोर करने के बजाय कंप्यूटर के माध्यम से डाटाबेस में स्टोर किया जाता है. ताकि हम इसे कही से भी और कभी भी ऐक्सेस कर सकें।
इस Digital दुनिया में हम डाटा को 2 प्रकार से स्टोर कर सकते हैं।
- Temporary Storage
- Permanent Storage
#1 – Temporary Storage (अस्थायी भंडारण)
Temporary Storage में डाटा को Temporary रूप से RAM में स्टोर किया जाता है. इसमें Data Temporary रूप से स्टोर होता है. जब तक कंप्यूटर को Power Supply मिलती है तो RAM में डाटा Temporary रूप से स्टोर होता है. Power Supply बंद होने पर RAM में स्टोर डाटा भी Delete हो जाता है. जब भी हम Current Time में कंप्यूटर में कोई कार्य करते हैं तो उसका डाटा RAM में स्टोर रहता है.
#2 – Permanent Storage (स्थायी भंडारण)
Permanent Storage में डाटा को हमेशा के लिए स्टोर किया जाता है. डाटा को Permanent स्टोर करने के लिए हार्ड डिस्क ड्राइव, SSD आदि के इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा कुछ External Device जैसे कि पैन ड्राइव, मेमोरी कार्ड आदि में भी डाटा को Permanent Store किया जाता है.
अगर आपके पास कोई महत्वपूर्ण डाटा है तो आप उसे Permanent Store कर सकते हैं ताकि जब आपको जरूरत पड़े तो आप उस डाटा को Access कर सकें.
डाटा कितने प्रकार के होते है? (Data Types)
डाटा अलग अलग प्रकार के होते हैं जैसे audio, video, pictures, gif आदि
- Alphabetic data (अक्षरात्मक डाटा)– ये डाटा alphabets (अक्षर) में होते हैं। ये अक्षरों के समूह से बनते हैं। इसमें सिर्फ alphabets होते हैं numbers नहीं होते। जैसे – A,B,C,D आदि।
- Numeric data (संख्यात्मक डाटा) – ये डाटा numbers में होता हैं अर्थात् ये numerical (संख्यात्मक ) होता हैं । जैसे – 1,2,3,4 आदि।
- Video data (विडियो डाटा)- ये डाटा वीडियो फॉर्म में होता हैं अर्थता ये वीडियो वाले डाटा होते हैं, जैसे की video clip, movie आदि।
- Alpha numeric data (चिन्हात्मक डाटा) – इसमें डाटा special characters के रूप में होता हैं। उसे चिन्हात्मक डाटा कहते हैं, जैसे- @,#,$ आदि।
- Graphical data (ग्राफिकल डाटा)- ये डाटा ग्राफिकल रूप में होता हैं. इसमें ग्राफिक्स उपयोग किए जाते हैं इसलिए इसे ग्राफिकल data कहते हैं, जैसे – image, pictures आदि।
- Sound data (ध्वनि डाटा) – ये डाटा ध्वनि के रूप में होता है. इसे ध्वनि डाटा कहते है। जैसे – गाने, ऑडियो आदि।
डाटा प्रोसेसिंग क्या हैं? (Data Processing)
Data processing एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमे raw डाटा को check किया जाता हैं ताकि वह आगे प्रोसेस की जा सके या आगे जिसको उसकी जरूरत हैं वह उसे उपयोग कर सके data के रुप में। ये process डाटा साइंटिस्ट लोग करते हैं, जिससे डाटा की सही तरीके से जांच की जा सके। डाटा scientist एक्सपर्ट होते हैं जिससे कोई गलती ना हों,ताकि आगे प्रोसेसिंग में दिक्कत ना आए। इसी प्रोसेस को हम डाटा प्रोसेसिंग कहते हैं।
डाटा को Process करने के लिए सबसे पहले हम किसी भी Data को Collect करते हैं Filter करते हैं तथा उसे Short भी करते हैं उसके बाद उस data का प्रोसेस करते हैं और इसके बाद उस डाटा को स्टोर किया जाता है।
डाटा प्रोसेसिंग के स्टेज (Stage)
डाटा प्रोसेसिंग पहले manual तरीके से किया जाता था जिससे बहुत अधिक टाइम लग जाया करता था तथा errors की संभावना रहती थी और समय भी अधिक लगता था। लेकिन अब ये काम computer automated तरीको का use किया जा रहा हैं जिसमें data processing बहुत फास्ट होता हैं तथा errors की संभावना भी कम हो जाती हैं। डाटा प्रोसेसिंग निम्न stages में किया जाता हैं –
- Data collection
- Preparation
- Data input
- Processing
- Output
- Storage
Data Collection
डाटा कलेक्शन Data Processing करने की सबसे पहली प्रक्रिया है इसमें हम अपने Raw Data को अलग-अलग माध्यम से Collect करते हैं और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि Data सही और विश्वसनीय है या नही। और जब चेक कर लेते हैं तो आगे प्रोसेस में डाल देते हैं।
Preparation
डाटा Preparation को हम Data Cleaning भी कहते हैं इस Process में हम अपने Raw Data को Short करते हैं जिससे उसमे जो unnecessary data होता हैं उसे remove कर देते हैं तथा उसे Filter करते हैं और फिर हमारा यह Data अगले Step के लिए तैयार हो जाता है।
Data Input
इस प्रक्रिया में हम Filter किए गए Data को Computer के अंदर मशीनी भाषा में Enter करते हैं यानी इस Data को Processing करने वाले Program के अनुसार तैयार करते हैं ताकि यह Processing के लिए आसानी से तैयार हो सके और Data Processing करने में काफी आसानी हो।
Processing
इस Step में सबसे पहले Input किये गए Data की जांच की जाती है और डाटा को अर्धपूर्ण जानकारी के लिए तैयार किया जाता है। इसमें Data Processing के लिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिथम का Use किया गया है जिससे हमें एक अच्छा Output मिल सके।
Output
इस Step में Process किए गए Data का परिणाम हमें प्राप्त होता है यानी Process किए गए Raw Data की अर्धपूर्ण जानकारी हमें दिखाई देती है। इस Output को User अलग-अलग फॉर्मेट में ( जैसे Graph, Table, Audio, Video, Document आदि) के रूप में देख सकता है।
Storage
ये डाटा प्रोसेसिंग का सबसे last stage है यहां पर हम प्रोसेस किए डाटा को अपने future use के लिए स्टोर करके रखते हैं। यहां ये डाटा safely store रहता है ताकि हमें जब भी जरूरत हैं इसे use कर सकते हैं।
डाटा प्रोसेसिंग के क्या विधि है? (Data Processing Method)
data processing निम्न तरीकों से किया जा सकता हैं.
- Manual data processing
- Mechanical data processing
- Batch processing
- Real time processing
- Data mining
Manual data processing
Manual डाटा प्रोसेसिंग एक ऐसी प्रोसेसिंग तकनीक हैं जिसमे डाटा मैनुअली प्रोसेस होता हैं यहां किसी भी tools या डिवाइस से नहीं की जाती बल्कि यहां डाटा प्रोसेसिंग कुछ software की मदद से की जाती हैं जैसे calculations, logical operations के हेल्प से डाटा प्रोसेसिंग की जाती हैं।
Mechanical data processing
Mechanical डाटा प्रोसेसिंग में डाटा को मैकेनिकल device की मदद से प्रोसेस किया जाता हैं जैसे type writer, प्रिंटर आदि से। ये काफी fast होता हैं जिससे समय की बचत होती हैं और accurate डाटा मिल जाता हैं।
Batch processing
बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing) में डाटा एक निश्चित समयावधि में संकलित (Collected) किया जाता है और इस डाटा पर प्रक्रिया बाद में एक बार में होती है, यह डाटा प्रोसेसिंग की बहुत पुरानी विधि हैं। जिससे बहुत कम समय में बहुत सारे डाटा में काम हो जाता हैं। बैच प्रोसेसिंग सिस्टम में प्रत्येक user अपना प्रोग्राम ऑफ-लाइन में तैयार करता है और फिर उसे कम्प्यूटर सेंटर को दे देता है।
Real time processing
Real time processing का उपयोग तब किया जाता है जब हमे रिजल्ट तुरंत चाहिए होता हैं, यह प्रोसेस बहुत जल्दी रिजल्ट देता हैं तथा कोई काम को continue चल रहा हो उसके लिए इस प्रकार के system का use किया जाता हैं।
Data mining
ये एक ऐसा प्रोसेस हैं जिसमे डाटा को माइनिंग किया जाता हैं अर्थात् डाटा को खोज करके निकाला जाता हैं, जिससे आगे उसको प्रोसेस किया जा सके। और डाटा को filter करके निकाला जा सके। यह एक बहुत ही important पार्ट होता हैं डाटा प्रोसेसिंग का।
FAQ
कंप्यूटर में डाटा प्रेजेंटेशन क्या है?
कंप्यूटर में डाटा प्रेजेंटेशन डाटा को रिप्रेजेंट करने का एक तरीका है. जिसमे डाटा को प्रस्तुत किया जाता है. डाटा को ग्राफ, इमेज या विसुअल रूप में दिखाना ही डाटा का प्रेजेंटेशन है.
डाटा कितने प्रकार के होते हैं?
डाटा 6 प्रकार के होते है.
डाटा अलग अलग प्रकार के होते हैं जैसे audio, video, pictures, gif आदि
Alphabetic data (अक्षरात्मक डाटा)जैसे – A, B, C, D आदि।
Numeric data (संख्यात्मक डाटा) – जैसे – 1,2,3,4 आदि।
Video data (विडियो डाटा)- जैसे की video clip, movie आदि।
Alpha numeric data (चिन्हात्मक डाटा) – जैसे- @,#,$ आदि।
Graphical data (ग्राफिकल डाटा)- जैसे – image, pictures आदि।
Sound data (ध्वनि डाटा) – जैसे – गाने, ऑडियो आदि।
डाटा क्या हैं?
इनफार्मेशन के समूह को डाटा कहा जाता है जो एक रॉ फैक्ट होता है. डाटा को प्रोसेस करके इन्टरप्रेट करने पर उसका अर्थ पता चलता है.
डेटा प्रतिनिधित्व में कितने नंबर सिस्टम का उपयोग किया जाता है?
डेटा प्रतिनिधित्व के लिए बाइनरी नंबर सिस्टम का उपयोग किया जाता है. बाइनरी नंबर सिस्टम का बेस 2 होता है. इसमें डाटा को रिप्रेजेंट करने के लिए (01) का उपयोग किया जाता है.
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