रिपीटर क्या है – Repeater in Hindi
रिपीटर (Repeater) एक “Network Device” है इसका उपयोग डाटा सिगनल को बूस्ट करने के लिए किया जाता है ताकि सिगनल की क्वालिटी और ट्रांसमिशन डिस्टेंस बढाया जा सके. आज के इस लेख में हम आपको Repeater in Hindi (Repeater Kya Hai) के बारें में विस्तार से बताएँगे साथ ही दोस्तों रिपीटर के प्रकार और रिपीटर से जुड़े विभिन्न जानकारीके बारें में विस्तार से बतायेंगें। तो दोस्तों देर किस बात की आइये देखते है:
What is Repeater in Hindi? Repeater क्या है?
Repeater एक नेटवर्क डिवाइस है। जिनका उपयोग Digital Signal को Regenerate करने के लिए किया जाता है। जब नेटवर्क में ट्रांसमिशन लम्बी दुरी में किया जाता है तो सिग्नल Week होने लगते है उस समय Repeater का उपयोग सिग्नल को Regenerate करके ट्रांसमिशन करने के लिए किया जाता है जिससे लम्बी दुरी में ट्रांसमिशन Successfully हो जाता है।
Repeater एक Intelligent डिवाइस है जो signal को Regenerate करने के साथ साथ Signal में उपस्थित Noise और Error को भी Solve करता है। Repeater अलग-अलग प्रकार के Network Media के साथ कार्य कर सकता है। कई प्रकार के Hub एवम् Switch में भी Repeater को inbuilt किया जाता है।
Repeater एक नेटवर्क डिवाइस है जो सिग्नल को रिसीव करता है और Week सिग्नल को Regenerate करके आगे ट्रांसमिट कर देता है। रिपीटर OSI Model के फिजिकल लेयर पर कार्य करता है। नेटवर्क में जितने ज्यादा रिपीटर का उपयोग किया जायेगा उस नेटवर्क का सिग्नल उतना ही ज्यादा Strong होगा और लम्बी दुरी तक ट्रांसमिट किया जा सकता है।
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वर्तमान में आने वाले आधुनिक रिपीटर में HUB और Switch इनबिल्ट होते है अतः यह हब और स्विच दोनों का भी कार्य कर सकता है। Repeater को एक इंटेलीजेंट डिवाइस माना जाता है क्योकिं यह ट्रांसमिट होने वाले डाटा पैकेट के Noise और Error को रिपेयर कर देता है।
- Repeater में नेटवर्क को मॉनिटर करने एवम् उनको ठीक करने की फंक्शन नहीं होती है।
- रिपीटर का उपयोग केवल डिजिटल सिग्नल के लिए किया जाता है यह एनालॉग सिग्नल के लिए कार्य नहीं करता है।
- Repeater का उपयोग करके दो अलग-अलग LAN को कनेक्ट नहीं किया जा सकता है इसके द्वारा केवल एक ही LAN के अलग-अलग सिग्मेंट को जोड़ा जा सकता है।
- Repeater नेटवर्क के ट्रैफिक को फ़िल्टर नहीं कर सकता है।
- Repeater केवल एक ही प्रकार के प्रोटोकॉल पर कार्य कर सकता है।
रिपीटर कैसे कार्य करता है?
रिपीटर का काम डिजिटल सिग्नल को Regenerate करके लम्बी दुरी तक ट्रांसमिट करना होता है. कमजोर सिग्नल को रिसीव करके मजबूत करने का काम रिपीटर करता है.
जब किसी भी नेटवर्क में रिपीटर को कनेक्ट किया जाता है उसके बाद नेटवर्क से ट्रांसमिट होने वाले सभी सिग्नल सबसे पहले रिपीटर के पास पहुचता है. जिसके बाद रिपीटर Week सिग्नल को Regenerate करके आगे ट्रांसमिट कर देता है. यदि किसी सिग्नल में एरर या नॉइज़ हो तो उसे रिपेयर भी कर देता है.
वर्तमान के आधुनिक रिपीटर में हब, स्विच और राऊटर सभी के फंक्शन दिया जाता है. एक रिपीटर सिग्नल को 100 मीटर की दुरी तक ट्रांसमिट कर सकता है.
रिपीटर कितने प्रकार के होते है?
रिपीटर को कार्य और सिग्नल के आधार पर अलग अलग बांटा गया है. यदि हम सिग्नल के आधार पर रिपीटर के प्रकार की बात करें तो यह दो प्रकार के होते है. जिनकी जानकारी निचे दे रहे है.
- Digital Repeater
- Analogue Repeater
रिपीटर को कार्य के आधार पर 4 प्रकार में बांटा गया है जिनकी जानकरी निचे दे रहे है.
- वाई-फाई रिपीटर (WiFi Repeater)
- सैटेलाइट रिपीटर (Satellite Repeater)
- टेलीफ़ोन रिपीटर (Telephone Repeater)
- ऑप्टिकल रिपीटर (Optical Repeater)
वाई-फाई रिपीटर (Wi-Fi Repeater) क्या है?
जिस रिपीटर में Wi-Fi के फंक्शन अवेलेबल होते है उसे Wi-Fi रिपीटर कहा जाता है. इस प्रकार के रिपीटर को इंटेलिजेंट डिवाइस भी कहते है. इस डिवाइस को आप WIFI से जोड़ सकते है.
WIFI रिपीटर का उपयोग प्रायः घरो में किया जाता है. उदाहरण के लिए यदि आपका घर बहुत बड़ा है जिसमे इन्टरनेट एक्सेस करने के लिए आपने wifi लगाया हुआ है लेकिन घर के एक कोने से दुसरे कोने में सिग्नल कमजोर हो जाता है जिससे इन्टरनेट एक्सेस करने में दिक्कत होती है तो ऐसे में वाई फाई रिपीटर का उपयोग किया जाता है.
वाई फाई रिपीटर के उपयोग करने से कमजोर सिग्नल स्ट्रोंग होकर घर के दुसरे कोने तक असानी से पहुच पाता है जिससे इन्टनेट असानी से एक्सेस किया जा सकता है.
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सैटेलाइट रिपीटर (Satellite Repeater) क्या है?
आप जानते ही होंगे की सॅटॅलाइट संचार के दौरान डाटा ट्रांसमिशन का काम भी किया जाता है. लेकिन हमारे घरती का सैटेलाइट अन्तरिक्ष में रहता है. जिसके साथ में भी रिपीटर लगा होता है. सैटेलाइट रिपीटर का काम ट्रांसमिशन के समय सिग्नल को दूर तक पहुचना होता है.
टेलीफ़ोन रिपीटर (Telephone Repeater) क्या है?
टेलीफ़ोन लाइन में उपयोग लाने वाले रिपीटर को टेलीफोन रिपीटर कहा जाता है. आपने देखा होगा 2 टेलीफोन पोल के बिच में एक डब्बा सा लगा रहता है. उस डिब्बे को ही टेलीफोन रिपीटर कहा जाता है.
टेलीफ़ोन रिपीटर को आप एनालॉग रिपीटर भी कहा जाता है. क्योकिं यह रिपीटर एनालॉग सिग्नल को Regenerate करके आगे ट्रांसमिट कर देता है.
ऑप्टिकल रिपीटर (Optical Repeater) क्या है?
ऑप्टिकल कम्युनिकेशन के लिए उपयोग होने वाले रिपीटर को ऑप्टिकल रिपीटर कहा जाता है. ऑप्टिकल रिपीटर सिग्नल को इलेक्ट्रिक फार्म में रिसीव करता है. सिग्नल को रिसीव करने के बाद कमजोर सिग्नल को Regenerate करके आगे ट्रांसमिट कर देता है.
राउटर और रिपीटर में अंतर क्या है?
- राउटर का मुख्य काम ट्रांसमिट होने वाले डाटा पैकेट को बेस्ट रूट में भेजना होता है. जबकि रिपीटर का उपयोग कमजोर सिग्नल को मजबूत बनाना होता है.
- राऊटर के उपयोग केवल नेटवर्क में किया जाता है जबकि रिपीटर का उपयोग नेटवर्क के अलावा टेलीफोन लाइन, सॅटॅलाइट इत्यादि में किया जाता है.
- राउटर एक एडवांस डिवाइस है जबकि रिपीटर एक पुराना डिवाइस है.
- राउटर रिपीटर के तरह काम कर सकता है जबकि रिपीटर राउटर की तरह काम नहीं कर पायेगा.
- राउटर से सिग्नल लॉस हो जाता है जबकि रिपीटर में ऐसा नहीं होता है रिपीटर जबकि कमजोर सिग्नल को मजबूत करता है.
रिपीटर के फायदे ( Advantages)
- सिग्नल को बूस्ट करके नेटवर्क की क्वालिटी को बढ़ा देता है.
- ट्रांसमिशन डिस्टेंस को बढ़ा देता है.
- एरर कण्ट्रोल कर सकता है.
- सिग्नल के नॉइज़ को remove कर सकता है.
रिपीटर के नुकसान (Disadvantage)
- रिपीटर थोडा सा महंगा होता है.
- रिपीटर दो अलग अलग नेटवर्क को कनेक्ट नहीं कर सकता है.
- नेटवर्क ट्रैफिक को फ़िल्टर नहीं कर सकता है.
हब क्या है – Hub in Hindi
हब एक “नेटवर्क डिवाइस” है जिसका उपयोग नेटवर्क में कंप्यूटर की संख्या को बढ़ाने के लिए किया जाता है. हब में बहुत सारें नेटवर्किंग पोर्ट होते है जिससे विभिन्न डिवाइस या कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है.
हब 2 पोर्ट, 4 पोर्ट, 6 पोर्ट, 8 पोर्ट, 12 पोर्ट, 24 पोर्ट इत्यादि में आते है. आजकल के हब में स्विच, राऊटर, रिपीटर इत्यादि इनबिल्ड होते है. जिसे मल्टीफंक्शन हब कहा जाता है.
हब विभिन्न प्रकार के होते है जिसमे पैसिव हब केवल डाटा ट्रांसमिशन के लिए पाथ प्रोवाइड करता है. इंटेलीजेंट हब पाथ प्रोवाइड करने के साथ साथ डाटा ट्रांसमिशन की मोनिटरिंग भी कर सकता है.
वाई-फाई क्या है – Wi-Fi kya hai
वाई-फाई एक wireless technology है जिसका उपयोग wireless LAN को क्रिएट करने के लिए किया जाता है. वाई-फाई एक नेटवर्क डिवाइस है जिसके माध्यम से बिना किसी वायर के नेटवर्क में डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है.
वाई-फाई के द्वारा कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल इत्यादि डिवाइस को बिना किसी तार के मदद से कनेक्ट किया जा सकता है. उनके बिच में कम्युनिकेशन कराया जा सकता है. सामान्यतः वाई-फाई की रेंज 100 मीटर से 200 मीटर तक होती है.
राऊटर क्या है – Router in hindi
राउटर एक “नेटवर्क डिवाइस ” है जो नेटवर्क में ट्रांसमिट होने वाले डाटा पैकेट के लिए बेस्ट रूट का सिलेक्शन करता है. जिससे डाटा पैकेट कम समय में सुरक्षित अपने डेस्टिनेशन तक पहुच जाएँ.
राऊटर बेस्ट पाथ के सिलेक्शन करने के साथ साथ एड्रेसिंग और रूटिंग टेबल का भी काम करता है. नेटवर्क में होने वाले ट्रैफिक को मॉनिटर करने का काम भी राऊटर के द्वारा किया जाता है.
स्विच क्या है – switch in Hindi
स्विच एक नेटवर्क डिवाइस है जो नेटवर्क में कंप्यूटर / डिवाइस की संख्या बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. स्विच के माध्यम से डाटा का फ़िल्टर किया जा सकता है. डाटा पैकेट को उसके निर्धारित मार्ग में ट्रांसमिट किया जा सकता है.
आजकल स्विच का काम नए ज़माने के राऊटर करने लग गये है. जिसमे स्विच के साथ साथ हब का भी काम करा लिया जाता है.
FAQ
रिपीटर क्या है इन हिंदी?
रिपीटर के नेटवर्क डिवाइस है जिसका मुख्य काम नेटवर्क में ट्रांसमिट होने वाले कमजोर सिग्नल को मजबूत करके ट्रांसमिट करना होता है. रिपीटर के पुराना नेटवर्क डिवाइस है जिसका उपयोग वर्तमान में राऊटर, स्विच और हब भी कर लेता है.
रिपीटर का प्रमुख कार्य क्या है?
रिपीटर का काम डिजिटल सिग्नल को Regenerate करके लम्बी दुरी तक ट्रांसमिट करना होता है. कमजोर सिग्नल को रिसीव करके मजबूत करने का काम रिपीटर करता है.
रिपीटर कितने प्रकार के होते हैं?
रिपीटर को कार्य और सिग्नल के आधार पर अलग अलग बांटा गया है. Digital Repeater, Analogue Repeater रिपीटर को कार्य के आधार पर 4 प्रकार में बांटा गया है जिनकी जानकरी निचे दे रहे है. वाई-फाई रिपीटर (WiFi Repeater), सैटेलाइट रिपीटर (Satellite Repeater), टेलीफ़ोन रिपीटर (Telephone Repeater). ऑप्टिकल रिपीटर (Optical Repeater)
राउटर कैसे काम करता है?
राउटर का मुख्य काम ट्रांसमिट होने वाले डाटा पैकेट को बेस्ट रूट में भेजना होता है. राउटर एक एडवांस डिवाइस है.
राउटर और रिपीटर से आप क्या समझते हैं?
राउटर का मुख्य काम ट्रांसमिट होने वाले डाटा पैकेट को बेस्ट रूट में भेजना होता है. जबकि रिपीटर का उपयोग कमजोर सिग्नल को मजबूत बनाना होता है.
तो दोस्तों उम्मींद करता हु यह लेख Repeater क्या है? (Repeater kya hai) आपको बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख ( learn Repeater in hindi) पसंद आया हो तो लाइक करें। लोगो को शेयर करें।
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Nice sir
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Good language
Thank you sir
Thank sir jankari likhne ke liye
thanku so much sir