आप जानते है Computer memory क्या है? कंप्यूटर के इलेक्ट्रोनिक स्टोरेज एरिया को ही मेमोरी कहा जाता है. मेमोरी कंप्यूटर के एक हार्डवेयर पार्ट है जिसमे डाटा को स्टोर करके रखा जाता है. यदि आपके मन में मेमोरी क्या है और कितने प्रकार के होते है? इस प्रकार के सवाल है तो हम इस पोस्ट में इन्ही के बारें में विस्तार से बताएँगे.
कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (Computer memory in Hindi)
कंप्यूटर के “इलेक्ट्रोनिक स्टोरेज एरिया” को ही मेमोरी कहा जाता है. मेमोरी एक स्टोरेज unit है जिसमे किसी भी प्रकार के data (text, image, audio, video etc.) को store करके रखा जाता है। मेमोरी computer का बहुत ही जरूरी हिस्सा होता है क्योंकि मेमोरी के बिना हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते हैं।
यदि हमे computer को कोई भी निर्देश देना है या फिर किसी भी तरह का data input कराना हैं तो उसके लिए भी मेमोरी की जरूरत पड़ती हैं। यदि computer में मेमोरी नही है तो कोई भी कार्य नहीं कर सकते। यदि computer को चालू भी करेंगे तो ऑपरेटिंग सिस्टम load नही होगा तो काम कैसे होगा।
Computer में मेमोरी मदरबोर्ड में लगी होती हैं. जिसमे program तथा data store होते हैं. जब भी CPU को किसी भी तरह के processing के लिए डाटा तथा program की जरूरत होती हैं तो वह सीधे memory को access करता है।
मान लीजिये हमे computer से कोई भी काम हैं मन लीजिए हमे कैलकुलेटर open करना हैं। जैसे ही हम computer को calculator open करने का निर्देश देते हैं तो processor सीधा मेमोरी को access करता है और जहां पर भी वह program उपलब्ध होता हैं उसे open करके हमारी screen में रख देता हैं।
कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार (types)
कंप्यूटर मेमोरी को 2 केटेगरी में डिवाइड किया गया है जिनकी जानकरी निचे दे रहे है.
1. Primary memory (प्राथमिक मेमोरी)
2. Secondary memory (द्वितीयक मेमोरी)
1. प्राइमरी मेमोरी क्या है? (Primary Memory)
ये computer की मुख्य memory होती हैं. जिसे सीधे CPU के द्वारा एक्सेस किया जाता हैं. यह मेमोरी सूचनाओं को अस्थाई रूप से संग्रहित करती है अर्थात् जो भी data है उसे अस्थाई रूप से संग्रहित करता हैं मतलब जब तक पावर सप्लाई मिलता हैं. computer को तभी तक डाटा स्टोर रहता है और जैसे ही computer का current बंद हों जाता हैं. डाटा नष्ट, delete हो जाता है।
प्राथमिक मेमोरी, सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत ही महंगी होती हैं तथा इसके कार्य करने की गति बहुत तेज़ होती हैं। प्राथमिक मेमोरी computer में स्थाई रूप से लगी होती हैं. तथा अपने इसे हम निकाल दे तो computer हमारा ठीक से काम नही करेगा।
2. सेकेंडरी मेमोरी क्या है? (Secondary Memory)
ये computer की ऐसी मेमोरी हैं जहां पर data को लंबे समय के लिए store करके रखा जाता है. सेकेंडरी मेमोरी के रूप में हार्ड डिस्क और optical डिस्क का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। हार्ड डिस्क में भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती हैं और इसमें अधिक से अधिक डाटा को लंबे समय के लिए store करके रख सकते हैं.
हार्ड डिस्क computer के अंदर लगी होती हैं जिसका use स्थाई रूप से बड़ी मात्रा में डाटा और प्रोग्राम को store करके रखने के लिए किया जाता हैं। यह मेमोरी primary memory के मुकाबले सस्ती होती है। सेकेंडरी मेमोरी pen drive, memory card, cd, hard डिस्क, floppy डिस्क, optical डिस्क जैसे अलग अलग प्रकार की होती है.
इन्हें उपयोग करने के लिए अलग से लगाया जाता हैं। इसीलिए इसे सेकेंडरी मेमोरी कहते हैं। इनका उपयोग करके सूचनाओं को आसानी से एक computer से दुसरे computer ले जाया जा सकता हैं।
Cache Memory क्या है? (Cache Memory in Hindi)
कैश मेमोरी में डाटा अस्थाई रूप से स्टोर होता है. ये मैमोरी बहुत ही तीव्र गति से काम करती हैं. Cache Memory बहुत कम space वाली होता है। CPU में ही लगे होने के कारण ये मेमोरी primary और secondary memory की तुलना में बहुत fast होती हैं।
इसमें वहीं डाटा store होता हैं जिसकी CPU को बार बार जरूरत पड़ती हैं। Main memory slow होने के कारण CPU प्रोग्राम के execution भी बहुत धीरे धीरे होता हैं। इसलिए cache memory का use किया जाता हैं ताकि process की speed बनी रहे।
प्राइमरी मेमोरी के प्रकार (Types)
प्राइमरी मेमोरी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं
- RAM
- ROM
कंप्यूटर रैम क्या है? (RAM in Hindi)
इसका पूरा नाम random access memory हैं। Ram में वर्तमान में computer में किए जा रहे काम का data store होता हैं. ये volatile मैमोरी होती हैं।
यह एक read write memory हैं जो computer में काम करने तक data को store रखती है और जैसे ही computer को बंद किया जाता हैं data delete हो जाता हैं।
- CPU क्या है और कैसे काम करता है?
- आउटपुट डिवाइस क्या है इसके परिभाषा, प्रकार और उदहारण
- SMPS क्या है? इसके कार्य और प्रकार
मान लो हम हमारे computer में WordPad को open करते हैं और कोई data लिखना शुरू कर देते हैं तो यह डाटा जब तक हम save नही करते hard डिस्क में नहीं जाता यह RAM में रहता हैं इस समय हम जो भी कार्य कर रहे हैं वह RAM में load होता हैं जब तक हम उसे save ना कर दे, वह secondary memory में नहीं जाता है.
कंप्यूटर रोम क्या है? (ROM in Hindi)
इसका पूरा नाम Read only memory हैं। इसमें उपस्थित data को सिर्फ पढ़ सकते हैं या देख सकते हैं। इसमें उपस्थित डाटा को edit या delete नहीं कर सकते हैं। ये non volatile मैमोरी होती हैं। अर्थात् जिसके डाटा को नहीं मिटाया जा सकता उसे non volatile मेमोरी कहते हैं।औरनिर्माण के द्वारा ही rom मेमोरी में program स्थाई रूप से संग्रहित किया जाता हैं ।
ROM एक ऐसी मैमोरी होती हैं जब इसको बनाया जाता है या फिर computer बनाया जाता हैं उसी समय इस मैमोरी में जो program होते हैं या जो भी डाटा होता है उसे स्थाई रूप से store कर दिया जाता हैं इसमें जो data होता हैं उसे हम delete नही कर सकते सिर्फ देख सकते हैं।
जब computer ऑन होता हैं तब वह booting प्रोसेस होता हैं वो भी rom में होता हैं उसे हम सिर्फ देख सकते हैं।delete नही कर सकते । Rom मेमोरी में ऐसे program को संग्रहित किया जाता हैं जो computer को शुरू करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस ऑपरेशन को boot straps के नाम से जाना जाता हैं।
- ROM मेमोरी का use सिर्फ computer में ही नहीं अलग अलग electronic मशीनों में भी किया जाता हैं।
- ROM मैमोरी मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं PROM,EPROM,EEPROM.
- memory या hard डिस्क में save नही होता हैं। और उसी बीच यदि लाईट चली जाती हैं या फिर computer किसी कारण से बंद हो जाता हैं तो जो भी हम काम कर रहें थे जो भी डाटा था वो सब destroy या डिलीट हों जाता हैं कहने का मतलब हैं की RAM एक अस्थाई मेमोरी हैं।
- RAM का use server, mobile, computer, टेबलेट आदि में किया जाता हैं।
- RAM के भी दो प्रकार होते हैं SRAM और DRAM.
रैम कैसे काम करता हैं? (Work)
RAM “रैंडम एक्सेस मैमोरी” है। यह current process पे काम करता हैं अर्थात् जो process current टाइम पर चल रही है उनपर काम करता हैं। यह हमारे computer में स्टोर रहता हैं। जब भी कोई application download करते हैं तो वो आपके internal storage में स्टोर रहता हैं और आप जब उसे open करते हैं, run करते है, तो वो RAM में run होता हैं।
CPU को जिन जिन फाइल्स की जरूरत होती हैं उन्हें RAM जल्दी से जल्दी CPU तक पहुंचाता हैं। दरअसल RAM का मुख्य काम files को जल्द से जल्द CPU तक पहुंचाना ही होता हैं। RAM में डाटा save नही होता।
जैसे अगर आप अपने फोन में या computer में YouTube में कोई वीडियो देख रहे हैं और अचानक आपका फोन बंद हो जाता हैं तो जब फोन चालू होता हैं तो YouTube अपने आप बंद होगया होता हैं। अर्थात जब current जाता हैं तो डाटा erase हो जाता हैं। इसी प्रकार RAM काम करता हैं।
रैम की विशेषता (feature)
- Data को randomly access करता है।
- ये primary memory का एक प्रकार हैं।
- ये अस्थाई होने के बाद भी बहुत fast memory होती हैं।
- ये एक volatile मेमोरी हैं।
- ये एक साथ मल्टीपल applications का आसानी से उपयोग किया जा सकता हैं।
- RAM की कैपेसिटी ज्यादा होने की वजह से computer या phone में easily High स्टोरेज वाला game खेल सकते हैं साथ ही साथ वीडियो ऑडियो फॉर्मेटिंग किया जा सकता हैं।
- ज्यादा RAM होने के कारण phone हैंग नहीं करता हैं। और smoothly चलता हैं। working capacity बढ़ जाती हैं।
- सारे एप्लीकेशन प्रोग्राम इस memory में ही चलते हैं ।
- इसको computer की working memory भी कहा जाता हैं।
रैम के प्रकार (static, dynamic)
1.S-RAM
इसे static random access memory कहते हैं। ये expensive होता हैं DRAM से ज्यादा। इसमें डाटा को ट्रांजिस्टर में store किया जाता हैं। और लागतार connection की जरूरत होती हैं इसे बार बार refresh करने की जरूरत नहीं पड़ती हैं।
इसको static RAM इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि इसके डाटा में कोई changes नही किया जाता। static रहता है डाटा बदलता नहीं हैं। SRAM बहुत फास्ट होता हैं बाकि RAM के तुलना में। static RAM ज्यादा power उपयोग करता हैं। ये बहुत ज्यादा heat generate करता हैं। ये cache के लिए use किया जाता हैं।
2.D-RAM
इसे dynamic random access memory कहते हैं, ये scram से कम expensive होता हैं, ये एक लो density device है, इसे बार बार refresh करने की जरूरत पड़ती हैं, इसमें का डाटा change किया जा सकता हैं बार बार बदलते रहता हैं. इसलिए इसे dynamic random access memory कहते हैं।
Static RAM की विशेषता
- ये static होते हैं मतलब इसके डाटा में बदलाव नहीं आता है।
- ये cache memory में use किया जाता हैं.
- ये ज्यादा heat generate करते हैं DRAM की तुलना में।
- इसकी capacity ज्यादा होती हैं और ये faster काम करता हैं।
- ये voltage के रूप में bit को स्टोर करता हैं।
- ये processor के साथ ही fix होती हैं।
- ये text को store करने के लिए उपयोगी होती हैं।
Dynamic RAM की विशेषता
- ये dynamic होते हैं मतलब इसके डाटा में बदलाव किया जा सकता हैं।
- ये memory जल्दी जल्दी refresh होती हैं
- ये main memory में use Kiya जाता हैं।
- ये कम expensive होता हैं SRAM की तुलना में।
- ये charge के रूप में bit को use करता हैं ।
- ये मदरबोर्ड में लगे एक slot में लगी होती हैं।
- ये text, video , graphics आदि को स्टोर करने के लिए उपयोगी होता हैं।
कंप्यूटर में रैम कितना होना चाहिए?
Computer में RAM कितना होना चाहिए ये इस बात पर depend करता हैं की आप क्या सोफ्टवेयर उपयोग कर रहें हैं और किस काम के लिए उपयोग कर रहें हैं. अगर कोई heavy software का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अधिक RAM की जरूरत पड़ती हैं और अगर नॉर्मल apps चलाते हैं तो कम RAM की जरूरत पड़ती है।
heavy application जैसे गेम्स, heavy video’s ये सारे software’s के लिए हमें ज्यादा RAM की जरूरत होती हैं और अगर सिर्फ व्हाट्सएप चलाना फेसबुक चलाना या नॉर्मल नेट चलाते हैं तो कम RAM में भी हमारा काम हो जाता हैं।
- 1GB
- 2GB
- 4GB
- 8GB
- 16GB
- 16+GB
1GB
1GB RAM की जरूरत तब पड़ती हैं जब आप कोई 32 bit प्रोसेसर और 32 bit window10 को चलाना चाहते हैं इस काम के लिए आपको 1GB पर्याप्त हैं लेकिन यदि आप windows 10 चलाना चाहते हैं. तो आपको कम से कम 2GB Ram की जरूरत पड़ेगी।
यदि आप बहुत सारे tabs खोलते हैं एक साथ या फिर बड़े बड़े विडियोज चलाना चाहते है, या बड़े बड़े एनीमेशन करना चाहते हैं तो 1GB RAM कम पड़ता हैं तथा इसमें बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ सकता हैं जैसे ज्यादा लोड होने पर फोन या सिस्टम hang करने लगता हैं।
2GB
यदि आप अपने सिस्टम में विंडोज 10 का use कर रहें हैं तो कम से कम 2GB Ram होना चाहिए। अगर नही होता हैं तो आपका सिस्टम हैंग करेगा और बहुत slow काम करेगा या हो सकता हैं कोई फाइल open ही ना हों। अगर 2GB RAM हैं तो आप बड़े बड़े सॉफ्टवेयर भी use कर सकते हैं जैसे गेम्स, एमएस ऑफिस, फोटोशॉप आदि ।
4GB
अगर आप अपने सिस्टम में 4GB ram use करते हैं तो आप बहुत सारे बड़े बड़े टास्क easy और fastly कर सकते हैं जैसे video फॉर्मेटिंग, वीडियो मिक्सिंग, डिजिटल गेम्स सभी खेल सकते हैं इसकी कैपेसिटी बहुत ज्यादा होती हैं 2GB की तुलना में। यह कुछ समय पहले बहुत ज्यादा डिवाइस में use किया जाता था, अब और भी heavy software उपयोग किए जा रहे हैं जिनके लिए 4GB RAM भी पर्याप्त नहीं हैं।
8GB
कोई भी फाइल स्मार्टफ़ोन में चलने से पहले प्रोसेस होती है कम रैम में ये प्रोसेसिंग स्पीड कम हो जाती है इसलिए ही आपका फ़ोन बाकियों के मुकाबले धीमा चलता है। 8GB रैम के फ़ोन में ये परेशानी आपको नहीं होती है।
अगर आप gamer हैं तो 8GB रैम के phone के साथ आपको gaming का शानदार अनुभव करने को मिलेगा. ज्यादा रैम के फ़ोन में आप गेम खेलते समय हाई रेजोल्युशन और 3D gaming का एक्सपीरियंस कर पाते हैं. इसलिए gamer के लिए हमेशा ही ज्यादा रैम वाला फ़ोन लेने की सलाह दी जाती है।
16GB
16GB ram प्रोफेशनल computers के लिए सही रहता हैं प्रोफेशनल कंप्यूटर वे computer है जिन्हें भारी भरकम काम जैसे की प्रोफेशनल editing, फॉर्मेटिंग करते हैं अगर ये सभी काम आसानी से करना हैं तो 16GB रैम की जरूरत होती हैं। अगर आपके पास पैसे की कमी नहीं हैं और आप प्रोफेशनल काम करते हैं तो आपको 16जीबी रैम ही use करना चाहिए।
- ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? और कैसे काम करता है?
- युपीएस क्या है? और कैसे काम करता है?
- स्टोरेज डिवाइस क्या है? इसके प्रकार और उदाहरण
- यूऍसबी क्या है और कितने प्रकार के है?
16+RAM
अगर आप 16GB से अधिक रैम उपयोग करना चाहते हैं तो कर सकते हैं इसे अपने सिस्टम में install कर के उपयोग कर सकते हैं। लेकिन windows 10 में 128जीबी रैम तक ही इंस्टॉल कर सकते हैं। ये बहुत ही बड़े पैमाने में प्रोफेशनल्स use करते हैं। इस प्रकार के मेमोरी (computer memory in Hindi) का उपयोग गेमिंग और विडियो एडिटिंग या ग्राफिक एडिटिंग में किया जाता है.
RAM or ROM में अंतर –
FAQ
कंप्यूटर मेमोरी क्या है और इसके प्रकार
कंप्यूटर के इलेक्ट्रोनिक स्टोरेज एरिया को कंप्यूटर मेमोरी कहा जाता है. कंप्यूटर मेमोरी के दो प्रकार होते है.
1. प्राथमिक मेमोरी : RAM, ROM
2. द्वितीयक मेमोरी: CD, DVD, HDD, Pen Drive, Flash Memory, SD Card इत्यादी.
Memory क्या है?
मेमोरी को हम सरल भाष में समझे तो यह एक स्टोरेज डिवाइस होती है. जहां हम डाटा को permanently और temporary समय की लिए data स्टोर करते है।
कंप्यूटर मेमोरी किससे बनी होती है?
कंप्यूटर मेमोरी को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के रजिस्टर, कैपीसिटर और ट्रांसिटर का उपयोग किया जाता है. computer memory in Hindi
आज आपने सिखा
यहाँ हमने कंप्यूटर के मेमोरी (What is computer memory in Hindi) की पूरी जानकारी को हिन्दी में देने की प्रयास किया है। मेमोरी कंप्यूटर (computer memory in Hindi) का महत्वपूर्ण पार्ट है जिसके बिना कंप्यूटर कार्य नहीं कर सकता है. मुझे आशा है यदि आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ा होगा तो आपको कंप्यूटर मेमोरी (computer memory in Hindi) से जुड़े विभिन्न तथ्यों की जानकारी मिल गया होगा.
यदि यह पोस्ट (computer memory in Hindi) आपको अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों को फेसबुक, Whatsapp और इन्स्ताग्राम इत्यादि में इस पोस्ट computer memory in Hindi को शेयर जरुर करें. इसी प्रकार के नए-नए टेक्नोलॉजी और बिजनेस स्टार्टअप की जानकारी के लिए आप मेरे YouTube चैनल computervidya और मेरा वेबसाइट nayabusiness.in में विजिट जरुर करें.