इस लेख में आप जानेगें SMPS क्या है? जैसा कि हम जानते है पावर सप्लाई सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना किसी भी system को चालू नही किया जा सकता है।
लेकिन एक बात यहाँ समझने वाली है कि सभी electronic उपकरणों को समान वोल्टेज में इलेक्ट्रिक power की जरूरत नही होती है। अगर आप कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट में हाई वोल्टेज power supply देंगे तो उसके खराब होने के चांस ज्यादा है। इन्ही नुकसानों से बचने के लिए SMPS का इस्तेमाल किया जाता है, ये एक प्रकार की इलेक्ट्रिकल device है. इसका उपयोग अधिकतर PC, battery, mobile, charger, vehicles और TV में बिजली आपूर्ति के लिए किया जाता है। इस Post में आपको SMPS के बारे में पूरी जानकारी पढ़ने को मिलेगी जैसे SMPS क्या होता है और इसका पूरा नाम क्या है, कैसे काम करता है?, इसको अच्छे से जानते है.
SMPS क्या है? (What is SMPS in Hindi)
SMPS कंप्यूटर का एक हार्डवेयर होता है. जो कि एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है. SMPS कंप्यूटर के अलग–अलग हार्डवेयर उपकरणों के लिए बिजली को प्रदान करता है. इसका मुख्य कार्य इलेक्ट्रिक बोर्ड से आने वाले AC करेंट (AlterNet Current) को DC करेंट (Direct Current) में बदलना है.
कंप्यूटर के अन्दर में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते है जिसके अन्दर अनेक छोटे नाजुक पार्ट होते हैं. जिन्हें काम करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है. अगर इस वोल्टेज को डायरेक्ट कंप्यूटर के पार्ट को देंगे तो वे जल जायेंगे. इसलिए बिजली की सप्तोलाई के लिए कंप्यूटर में SMPS का उपयोग होता है जो कंप्यूटर के अन्दर devices को आवश्यकतानुसार पावर सप्लाई करता है. SMPS AC करेंट को DC में परिवर्तित करके पावर सप्लाई करता है.
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो “एसएमपीएस” एक प्रकार की बिजली आपूर्ति इकाई है, जो स्विचिंग उपकरणों का उपयोग करके अनियमित AC या DC वोल्टेज को विनियमित DC में परिवर्तित करता है।
SMPS बिजली की एक फॉर्म को दूसरे फॉर्म में बदलने के लिए स्विचिंग रेगुलेटर का उपयोग करता है। उदाहरण के लिए हमारे घरों में जो बिजली आती है, वो एक अल्टरनेटिंग करंट (AC) है। कंप्यूटर जैसे संवेदनशील उपकरण Stable 3 Welfare विद्युत आपूर्ति की आवश्यकता होती है। इसलिए pc के विभिन्न घटकों को बिजली प्रदान करने के लिए एसएमपीएस का उपयोग किया जाता है, जो AC को स्थिर ऊर्जा में बदल देता है। इसे हम डायरेक्ट करंट (DC) कहते हैं।
SMPS Switching Mode Power Supply को भी कहा जाता है। इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डायोड और MOSFETS जैसे इंडक्टर्स, कैपेसिटर और सेमीकंडक्टर डिवाइस का संयोजन शामिल है।
कंप्यूटर में SMPS एक कंप्यूटर हार्डवेयर होता है जो कंप्यूटर केस के अंदर पीछे की तरह फिट हो जाता है। अगर आप कंप्यूटर खोलेंगे तो आपको बैकसाइड में एक टिन का डब्बा दिखाई देगा। एक कंप्यूटर इसका काम अलग-अलग हिस्सों को बिजली देना होता है, जैसे रैम और मदरबोर्ड का उपयोग करने के लिए उपयुक्त बिजली देना होता है। हमारे लगभग सभी घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बिजली की आपूर्ति के लिए SMPS का उपयोग होता है।
SMPS कैसे काम करता है?
आप सभी को पता ही होगा की कंप्यूटर DC (direct current) में काम करता है. जबकि घर में चलने वाले इलेक्ट्रोनिक डिवाइस जैसे टेलीविज़न, लाइट, फैन सभी AC (Alternat Current) में चलता है. अतः घर के इलेक्ट्रिसिटी में कंप्यूटर को चलाने के लिए एक पॉवर कोवेर्टर की जरुरत होती है. जिस काम को SMPS करता है.
SMPS इलेक्ट्रिक पावर को AC से DC में बदलने के लिए एक पावर रेगुलेटर का उपयोग करता है. यह विद्युत शक्ति के एक स्रोत से करंट और voltage की विशेषताओं में परिवर्तन करके Load में स्थानांतरित करता है। SMPS हमेशा Input विविधताओं के बावजूद लोड को एक अच्छी विनियमित Power प्रदान करता है.
SMPS के पास एक transistor होता है जो ऊर्जा waste को कम करने के लिए 50 हर्ट्ज और 1 MHz के बीच आम तौर पर बहुत तेजी से खुद को switch करता रहता है। SMPS के केबल से जो Current कंप्यूटर में चला जाता है, तो सबसे पहले Current एसएमपीएस के अंदर छोटे डिवाइस मौजूद होते हैं.
जो एसी Current फिल्टर की प्रक्रिया के दौरान तटस्थ और phase के बीच में एनटीसी, फ्यूज के दौरान एसी Current फिल्टर के पास जाता है, लाइन फिल्टर, puff कैपेसिटर का उपयोग होता है, इस प्रक्रिया से जो आउटपुट तैयार होता है उसे फिर रेक्टिफायर और फिल्टर दिया जाता है. जो कि इस आउटपुट को एसी से डीसी में कन्वर्ट करता है। SMPS में मौजूद रेक्टिफायर और फिल्टर दो कैपेसिटर की मदद से एसी करंट को स्मूथ डीसी में कन्वर्ट करता है.
इस प्रक्रिया से जो आउटपुट तैयार होता है वो प्योर डीसी होता है और आउटपुट तैयार होने के बाद इसे स्विचिंग ट्रांजिस्टर दिया जाता है यहां पर हम दो NPN ट्रांजिस्टर का उपयोग करते हैं जो स्विचिंग साइकिल की मदद से फिर से एसी आउटपुट तैयार करता है फिर इस तैयार किए गए आउटपुट को हम SM ट्रांसफॉर्मर नाम की प्रक्रिया में रखते हैं।
इसके बाद इस आउटपुट को एक और बार रेक्टिफायर और फिल्टर को दिया जाता है. ये रेक्टिफायर और फिल्टर फिर से इस AC सप्लाई को स्मूथ DC में कन्वर्ट करता है (आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आपके ट्रांसफार्मर में जो करेंट आता है वो एसी करंट होता है और वही बैटरी में जो करंट आता है वो डीसी करंट होता है) इस प्रक्रिया के बाद जो आउटपुट सिस्टम होते हैं वो 12 वोल्ट, 5 वोल्ट, 3 वोल्ट तीन फॉर्म में होता है जो कि SMPS का प्राइमरी और सेकेंडरी सर्किट है।
एसएमपीएस से जो तीन आउटपुट केबल निकलते हैं उसे मदरबोर्ड से जोड़ दिए जाते हैं उसके बाद स्विचिंग ट्रांजिस्टर और एम्पलीफायर IC को एक ड्राइवर के साथ कनेक्ट किया जाता है और फिर इसे एम्पलीफायर IC की मदद से नियंत्रित किया जाता है सेकेंडरी स्विचिंग सर्किट से एक सेंसिंग वायर निकलता हैं.
जो एम्पलीफायर आईसी को यह बताता है कि लोड बढ़ रहा है, ये जानकारी मिलती है कि ड्राइवर स्विचिंग ट्रांजिस्टर के ऑन-ऑफ प्रक्रिया को बढ़ाता है जिसके कारण निरंतर गति में वोल्टेज रहता है जो कुछ इस तरह होता है +12 वोल्ट, + 5 वोल्ट और + 3 वोल्ट। करंट के एक मोड से दूसरे मोड में बदलाव करने के कारण इस प्रक्रिया को स्विचिंग मोड पावर सप्लाई कहा जाता है मुझे आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि एसएनपीएस कैसे काम करता है।
SMPS कहाँ उपयोग होता है।
SMPS या स्विच्ड मोड पावर सप्लाई एक electronic पावर सप्लाई है. जिसमें इलेर्क्टिकल Power को कुशलतापूर्वक convert करने के लिए एक स्विचिंग रेगुलेटर शामिल होता है। अन्य पावर सप्लाई की तरह, एक SMPS डीसी या एसी स्रोत से डीसी Load, जैसे कि एक पर्सनल computer, वोल्टेज और Current कैरेक्टरिस्टिक को convert करते हुए power transfer करता है।
Haier इफेसिएंशी या हल्के वजन की आवश्यकता होने पर switching रेगुलेटर को लिनियर regulators के प्रतिस्थापन के रूप में उपयोग किया जाता है। उनके प्रदर्शन के परिणामस्वरूप, Switch-Mode Power Supply का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक system के अधिकांश form के लिए Power का एक कुशल और प्रभावी स्रोत प्रदान करने के लिए सबसे सटीक application में किया जाता है।
SMPS के प्रकार
मार्केट में अनेक प्रकार के पावर सप्लाई मौजूद हैं पर जो सबसे ज्यादा उपयोग किये जाते हैं वो इस प्रकार से हैं –
- DC – DC Convertor
- Forward Converter
- Fly back Converter
- Self-Oscillating Fly back Converter
1. DC – DC Convertor
इस प्रकार के SMPS में एसी मेन से हाई वोल्टेज डीसी के रूप में बिजली प्राप्त की जाती है जिसे रेक्टिफाइड और फिल्टर किया जाता है। इसके बाद हाई डीसी वोल्टेज को स्विच किया जाता है और करंट स्टेप-डाउन ट्रांसफॉर्मर के प्राइमरी साइड से गुजारा जाता है। स्टेप-डाउन ट्रांसफॉर्मर के दूसरी तरफ रेक्टिफाइड और फिल्टर में आउटपुट कलेक्ट किया जाता है जिसे आउटपुट के रूप में पावर सप्लाई के लिए भेजा जाता है।
ये एक SMPS कन्वर्टर का टाइप है जिसमें आपको बस, SMPS के पास जो करंट दिखता है वो AC होती है उसे DC में कन्वर्ट करने से पहले, जो करंट DC कन्वर्टर से पास होता है वो पहले स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर का प्राइमरी साइड से गुजरता है, ये स्टेप डाउन ट्रांसफरर SMPS का ही एक हिस्सा है जो 50 Hz का होता है, ये वोल्टेज रेक्टिफाइड और फिल्टर होक ट्रांसफर्मर के सेकेंडरी पार्ट में जाता है, अब ये आउटपुट वोल्टेज पावर से बहर निकल कर अलग-अलग हिस्सों में जा पहुंचायां है. इसका आउटपुट भेजा जाता है और एक बार वापस स्विच के पास जाता है वोल्टेज को कंट्रोल करने के लिए।
2. Forward Converter
ये भी एक कनवर्टर है जो की choke के जरिये करेंट को लेके ज्याता है चाहे ट्रांजिस्टर अपना काम करता हो या नहीं. जब ट्रांजिस्टर पूरा बंद हो ज्याता है तब ये काम Diode करता है. तो इसी वजह से लोड के अंदर एनर्जी जाता है वो दोनों off और on के time होता है, लेकिन choke एनर्जी को रखता है, ON Period के time और कुछ एनर्जी को वो आउटपुट लोड के पास भेजता है.
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3. Fly back Converter.
fly back converter में जब स्विच ऑन रहता है तो प्रारंभ करनेवाला का चुंबकीय क्षेत्र विद्युत स्टोर करता है। जब स्विच खुला अवस्था में होता है तो विद्युत आउटपुट वोल्टेज सर्किट खाली हो जाता है। फ्लाईबैक कन्वर्टर में ड्यूटी साइकिल आउटपुट वोल्टेज निर्धारित किया जाता है।
4. Self-Oscillating Fly back Converter
ये सबसे आसान और बेसिक कन्वर्टर है जो फ्लाईबैक के उपर काम करता है। चालन के समय स्विचिंग ट्रांजिस्टर, स्थानांतरण से प्राथमिक रूप से रैखिक के रूप में एक ढलान के हिसाब से बढ़ता है जो कि Win/LP. होता है।
SMPS के कनेक्टर
SMPS पावर ट्रांसफर का उपयोग कर एक कंप्यूटर सिस्टम के अलग-अलग (घटक) जैसे कि हार्ड डिस्क ड्राइव, मदरबोर्ड और अन्य उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करता है, power connector डीसी वोल्टेज को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक इलेक्ट्रिक चार्जर है, ये 5 प्रकार के होते हैं.
- ATX Power Connectors
- 24 Pin Connectors
- ATX P4 Power Connector
- Molex Connector
- SATA Power Connectors
- PCI-E 6 Pin Connectors
ATX Power Connectors
यह एक 20 पिन connector है जिसमें से 6 प्रकार के Voltas बाहर आ रहे हैं। ATX का इस्तेमाल हम मदरबोर्ड को power supply करने के लिए करते हैं। Pin पर तार के रंग उससे संबंधित voltage दर्शाता है।
24 Pin Connectors
यह 24 पिन एसएमएसएस भिन्न पावर कनेक्टर्स की एटीएक्स शैली के साथ बनाया गया है। इस अनुपात को बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए, इसे पीसी मुख्य शक्ति ट्रांसफर के रूप में जाना जाता है 24 पिन SMPS में 4 अतिरिक्त पिन होते हैं जो 20 पिन connector की तुलना में भिन्न voltage स्तर लेते हैं। पिन नंबर 11, 12 और 23 क्रमशः +12 V, +3.3 V, +5 V और Pin नंबर 24 को ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
इस कनेक्टर से आपके मदरबोर्ड और उससे जुड़े सभी कंपोनेंट्स जैसे रैम, ऑनबोर्ड, पीसीआई ग्राफ़िक, कार्ड, कार्ड्स इत्यादि को पावर सप्लाई की जाती है। इसमे कुल 24 pin होते है, जिसमे 20 pin अलग और 4 pin अलग होते है। अगर आपके पास पुराने motherboard मौजूद है। तो उसमें 20 पिन लगेंगे। लेकिन आधुनिक मदरबोर्ड में 24 पिन के पावर कनेक्टर की आवश्यकता होती है।
ATX P4 Power Connector
ये कनेक्टर मदरबोर्ड में लगे CPU को पावर सप्लाई करता है। इसके द्वारा दी जानी वाली Current 12V होती है। आमतौर पर कुछ मदरबोर्ड में CPU को पावर सप्लाई करने के लिए 4 पिन वाले सॉकेट होते है और कुछ में 8 पिन वाले सॉकेट उपलब्ध होते है। इसीलिये ये 8 पिन (4+4) में आते है।
Standard Peripheral Power Connectors (Molex)
Disk Drive पावर कनेक्टर्स 4 Wire कनेक्टर्स का उपयोग करते हैं जिन्हें आमतौर पर Molex connector कहा जाता है। हार्ड डिस्क ड्राइव, डीवीडी ड्राइव, सीडी आदि Molex connector का उपयोग करते हैं I Pin के तारों के रंग उनके संबंधित voltage को दर्शाता है।
SATA Power Connectors
SATA पॉवर कनेक्टर के द्वारा computer के हार्ड डिस्क ड्राइव, सीडी/डीवीडी ड्राइव को connect करने और power supply करने के लिए होता है । यह एक 15-पिन connector होता है। बड़ी संख्या में pins का उपयोग तीन अलग-अलग voltage-3.3 V, 5 V, और 12 V के लिए किया जाता है। प्रत्येक voltage को तीन pins द्वारा एकत्रित किया जाता है और ground के लिए 6 पिन होते हैं।
PCI-E 6 Pin Connectors
इन कनेक्टर में 6 से 8 पिन होते है। ये कनेक्टर कंप्यूटर के PCI-E एक्सप्रेस devices जैसे ग्राफिक्स कार्ड को power supply करते है। ये कनेक्टर 12V की पावर सप्लाई करते है। इन्हें कभी-कभी PCI Express केबल या PEG (पीसीएल एक्सप्रेस ग्राफिक्स) केबल कहते हैं।
ATX Power Supply क्या?
यह एक मदरबोर्ड कनेक्टर है जो कि संबद्धता और उससे जुड़े अन्य घटक को विद्युत आपूर्ति करता है। इसमें कुल 24 पिन होते हैं। पुराने मदरबोर्ड में 20 पिन होते हैं और आधुनिक मदरबोर्ड में 24 पिन कनेक्टर वाली होती हैं।
SMPS के output वोल्टेज कलर Wire क्या है?
SMPS के एम्पलीफायर IC से 3 मेजर केबल निकलते हैं एक है हरा जो केबल की on पावर है दूसरा बैंगनी रंग में आता है जो की +5 वोल्ट का स्टैंड बाई करंट देता है, और तीसरा जो वो gray रंग में आता है, जिसको पावर बूड केबल बोला जाता है। ये तीनों आउटपुट Cable मदर बोर्ड को दिए गए हैं.
SMPS के advantage
- SMPS कम पावर की कमी को भी easily पूरा कर सकता है.
- SMPS वजन में हल्का और आकार में छोटा होता है.
- SMPS सभी इलेक्ट्रोनिक Device को उनकी आवश्यकतानुसार पावर Supply करता है.
- SMPS आकार में छोटा और वजन में लाजिमी होता है।
- SMPS सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को उनके सॉकेट में पॉवर सप्लाई करता है।
- इनपुट वोल्टेज चाहे कितना भी ऐफिसिअल क्यों न हो लेकिन SMPS आउटपुट वोल्टेज बिल्कुल स्थिर ही रखता है।
- SMPS की आउटपुट Range बहुत ज्यादा होती है।
- ये बहुत कम ऊष्मा निकलता है वो भी इसकी क्षमताओं पर ही निर्भर करता है।
- SMPS का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें Work करने की Capacity होती है क्योंकि यह कम Power की Shortage को भी आसानी से पूरा कर देता है।
SMPS के disadvantage
- इसके कार्य काफी जटिल होते हैं।
- इसमें केवल एक ही आउटपुट वोल्टेज होता है।
- SMPS के कार्य को समझना बहुत ही difficult होता है।
- इसके अलावा SMPS हार्मोनिक गड़बड़ी का कारण भी बन सकता है।
- इसमें High Frequency का विद्युत शोर होता है।
- SMPS लगाने से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की कीमत बढ़ जाती है।
SMPS की किमत, कोन कोन कंम्पनी की आते है।
एसएमपीएस हर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जो हर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आंतरिक उपकरण को आवश्यकतानुसार बिजली सप्लाई करता है वैसे देखा जाए तो एसएमपीएस का प्राइस 500 से शुरू होकर 5000 तक या उससे और अधिक उसके क्वालिटी के अनुसार चला जाता है. नीचे कुछ प्रमुख कंपनी के SMPS और उसके प्राइस के बारे जानकारी दिया गया।
- Frontbench PS-0006 – Price approx. – 1120
- DEW SMPS – Price approx. – 400
- ZEBRONICS ZEB – Price approx. – 799
- LAPCARE LPS – Price approx. – 750
- Art Sports VS-0006L– Price approx. – 2,249
AC क्या है?
AC का फुल फॉर्म अल्टरनेटिंग करंट होता है और इसे हिंदी में “प्रत्यावर्ती धारा” कहते है। इस प्रकार के Current की प्रक्रिया में, करंट एक निश्चित Time के बाद ही अपना डायरेक्शन और वैल्यू बदलता है, इसलिए इस प्रकार के करंट को अल्टरनेटिंग करंट कहते हैं।
alternating current का उत्पादन अधिक से अधिक करंट वोल्ट पैदा की जा सकती है, इससे लगभग 33000 वोल्ट तक बिजली पैदा की जा सकती है। इस Current को जहां पर भी भेजना है वहां पर भेज सकते है और तो और voltage को कम या ज्यादा कर सकते है।
अल्टरनेटिंग करंट ज्यादा महंगी नहीं है, क्योंकि ac current को आसानी से जेनरेट किया जा सकता है। AC करंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि, इसे Transformer की मदद से कम या ज्यादा किया जा सकता है। इसलिए alternating current को ज्यादा दूरी तक भेजा जा सकता है।
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- SMPS क्या है? इसके कार्य और प्रकार
AC करंट उदाहरण Alternating Current से मशीन, मशीनरी और अन्य उपकरण चलते है, और हमारे घर में TV, – grinder, mixer, juicer, microwave oven, cook top, water pump, Induction, cooler, etc. में Ac करंट का उपयोग होता है।
DC क्या है?
DC का फुल फॉर्म “डायरेक्ट करंट” होता है और इसे हिंदी में “दिष्ट धारा” कहते है। इस प्रकार के Current की प्रक्रिया में Direction और Value नहीं बदलता इसलिए इसे direct current कहा जाता हैं। DC करंट का उत्पादन केवल 650 volt तक ही किया जा सकता है।
DC करंट उदाहरण आजकल alternating current का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। मगर कुछ जगह पर DC करंट की आवश्यकता होती है जैसे की हम mobile phone का इस्तेमाल करते है उसकी बैटरी में DC करंट होता है।
कई जगह पर Welding Machine में, Television, Radio, Computer, Mobile, Electronics Appliances, Multimeter Tester, Battery और Cell इत्यादी में भी DC करंट का प्रयोग होता है। किसी भी प्रकार की battery को चार्ज करने के लिए सिर्फ DC का इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि ac current को स्टोर नहीं कर सकते और DC current को बैटरियों में Store किया जा सकता है।
FAQ
SMPS का उपयोग कहाँ होता है?
SMPS का उपयोग डेस्कटॉप कंप्यूटर में होता है. SMPS का पूरा नाम Switched Mode Power Supply है. यह एक हार्डवेयर डिवाइस है जो AC करेंट को DC करेंट में बदलकर कंप्यूटर के विभिन्न भाग में सप्लाई करता है.
पावर सप्लाई का क्या काम होता है?
पॉवर सप्लाई का मुख्य काम इलेक्ट्रिक बोर्ड से AC करेंट लेकर DC करेंट में बदलकर कंप्यूटर के विभिन्न हार्डवेयर डिवाइस में सप्लाई करना होता है. साथ ही वोल्टेज के कम या ज्यादा होने पर उसका इफ़ेक्ट कंप्यूटर डिवाइस में नहीं होने देता है.
एसएमपीएस का आउटपुट कितना होता है?
एसएमपीएस कंप्यूटर के अलग-अलग भाग को उनके जरुरत के हिसाब से DC (3.3V से 12V) तक सप्लाई करता है. SMPS मेन सप्लाई से AC करेंट लेकर DC में कन्वर्ट करके सप्लाई करता है.
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने एसएमपीएस क्या होता है? (What is SMPS in Hindi) इसके बारे में जाना है इस लेख के माध्यम मैने एसएमपीएस (What is SMPS in Hindi) के बारे में जानकारी दी है। अगर यह आर्टिकल What is SMPS in Hindi आपको पसंद आया होगा तो अपने दोस्तों के साथ या फिर अन्य सोशल मीडिया में शेयर करें ताकि आपके माध्यम से बहुत से लोगों को एसीएम की पूरी जानकारी मिल सके।
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