माइक्रोसॉफ्ट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम एक फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम है. डॉस सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है तो कमांड लाइन में कार्य करता है. आज के इस लेख में हम आपको disk operating system in Hindi (Disk Operation system क्या हैं।) के बारे में विस्तार से बताएंगे, साथ ही दोस्तो disk operating system के प्रकार और dos operating system के commands के बारे में बताएंगे।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? (DOS in Hindi)
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसके द्वारा हम विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन परफॉर्म करते है। यह एक 16 bit operating system हैं।ऑपरेटिंग सिस्टम user और system के बीच interface की तरह कार्य करता है। इसे माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा विकसित किया गया था,Winsows operating system के आने से पहले DOS(disk operating system) का use computer के ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में किया जाता था। इसका यूज 1981 से 1995 तक बहुत ज्यादा किया जाता था । दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच एक इंटरफेस का कार्य करता है, यह एक सिंगल यूजर operating system हैं।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम एक command line system है इसमें हम commands का use करके different types के ऑपरेशन perform कर सकते है। यह mouse के द्वारा दिए गए instructions (input) को accept नही करता।सिर्फ commands के द्वारा दिए गए instructions को accept करता है। इसलिए इसे command line operating system भी कहते है।
DOS के commands easy और understandable होते है इनको use करना आसान होता हैं और ये commands case sensitive नही होते , जिससे हम इसको uppercase तथा lowercase दोनो मे लिख सकते है।
यह एक free और open source operating system हैं। अर्थात इसे डाउनलोड तथा install करने में user को पैसे खर्च नही करने पड़ते है।
यह GUI (Graphical user interface) को support नही करता यह सिर्फ़ CUI (Character user interface) को support करता है, अर्थात् सिर्फ characters को समझता है।
DOS की सरंचना (Structure)
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम की सरंचना में 4 लेयर शामिल है जिसमे डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम कार्य करता है।
- HARDWARE : यह सबसे निचला लेयर है. जिसमे सिस्टम के सभी हार्डवेयर पार्ट्स शामिल होता है. सिस्टम के बूट के समय डॉस सभी हार्डवेयर पार्ट को इनेबल करता है।
- DOS KERNAL: यह हार्डवेयर उअर डॉस शेल कम मध्य इंटरफ़ेस का काम करता है. इसमें मुख्य डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी कोड शामिल होते है।
- DOS SHELL: यह तीसरा लेयर है जिसमे शैल एक टर्मिनल की तरह काम करता है यह एक कमांड प्रांप्ट है जिसमे कमांड रन किये जाते है।
- USER: अंतिम लेयर सिस्टम को उपयोग करने वाला या टास्क परफॉर्म करने वाला उपयोगकर्ता होता है.
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम के संस्करण (Version)
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम के निम्नलिखित versions है –
- 1981 – Microsoft PC-DOS 1.0 यह ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला official version है, जो अगस्त 1981 में जारी किया गया था।
- 1982 – MS-DOS 1.25 यह OS का पहला version था, जिसका नाम ” MS-DOS ” रखा गया था।
- 1984 – MS-DOS 3.0 इसे अगस्त 1984 में IBM PC AT के लिए जारी किया गया था। Large hard disc drive support करता था।
- 1985 – MS-DOS 3.1 यह DOS का पहला version था जोकि local area networks को support करता था।microsoft network को support करता था।
- 1986 – MS-DOS 3.2 यह फ्लॉपी डिस्क ड्राइव के 3 1/2 इंच, 720 KB को support करता था।
- 1987 – MS-DOS 3.31 जिसे Compaq computers के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- 1988 – MS-DOS 4.01 इसमें volume serial numbers को support किया गया था।
- 1991 – MS-DOS 5.0 इसकी विशेषता थी कि यह 3.5 इंच 2.88 MB फ्लॉपी डिस्क और full screen text editor को support करता था।
- 1993 – MS-DOS 6.0 इसमें QBASIC, disk compression, UMA optimization, और antivirus software MSAV की विशेषता मौजूद थी।
- 1994 – MS-DOS 6.22 यह MS-DOS का अंतिम stand-alone version था।
- 1995 – MS-DOS 7.0 MS-DOS 7.0 को Windows 95 command line में index किया था। FAT 32 file system support करता था।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषता (Feature)
- यह एक 16 bit operating system है।
- यह file management me सहायता करता है file बनाना, delete करना, manage करना यह कार्य करता है।
- यह एक character based interface system हैं।
- यह एक सिंगल यूजर operating system हैं।
- डॉस डायरेक्ट कमांड के माध्यम से चलता है जिसके कारण यह बहुत ही तेज होता है।
- डॉस को रन करने के लिए कंप्यूटर में ज्यादा रिसोर्स की जरूरत नहीं होती है।
- इसके उपयोग करने के लिए पैसे की जरूरत नहीं है अर्थात यह फ्री में उपलब्ध है।
- इसको कंप्यूटर में चलाने के लिए केवल 2 GB स्पेस की जरुरत होती है।
- इसके हेल्प से नए फोल्डर क्रिएट कर सकते है और फोल्डर को रीनेम तथा डिलीट भी कर सकते है।
DOS के कमांड (Commands of DOS)
डिस्क एक CUI (Character user interface) बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है अतः इसमें काम करने के लिए कमांड रन करने की जरुरत होती है। छोटे से बड़े सभी प्रकार के ऑपरेशन केवल कमांड के माध्यम से परफोर्म किया जाता है. इसमें विंडोज की तरह GUI (graphical user interface) में काम नहीं हो सकता है।
डॉस कमांड के प्रकार
डॉस में रन किये जाने वाले सभी कमांड को 2 केटेगरी में बाँटा गया है।
- Internal commands
- External commands
डॉस के इंटरनल कमांड क्या है? (Internal)
जब डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (dos) को computer में load करते है तब ये commands अपने आप ही load हो जाती है कंप्यूटर में अलग से load करने की जरूरत नहीं होती है। इन सभी कमांड को इंटरनल कमांड कहा जाता है।
उदाहरण:– break, rd, md, cd, for, copy, erase, goto, vol, cls, echo, rmdir, if, path, ver, shift, ren, exit, time, rmdir, chdir, verify, prompt, chcp,type, mkdir, for, date इत्यादि।
Internal commands ऐसे कमांड्स होते है जो booting process के दौरान स्वतः ही मेमोरी में load हो जाते है। ये कमांड्स common jobs के लिए use किए जाते है जैसे – copying ,erasing, remaining files.
इंटरनल डॉस कमांड के उदाहरण
- call – इसका use बैच फ़ाइल को किसी अन्य फ़ाइल से कॉल करने के लिए किया जाता है।
- cd – इस कमांड का use सिस्टम डिरेक्टरी को change करने के लिए किया जाता है।
- cls – इस कमांड का use system के screen को clean करने के लिए किया जाता है।
- cmd – इसका उपयोग कमांड इंटरप्रेटर को open करने के लिए किया जाता है।
- color – इसका use window स्क्रीन के फोरग्राउंड और बैकग्राउंड रंग को modify करने के लिए किया जाता है।
- copy – इसका use एक या एक से अधिक फाइलों को किसी अलग जगह पर कॉपी करने के लिए किया जाता है।
- date – इसका use system में date को देखने या बदलने के लिए किया जाता है।
- del – इसका उपयोग एक या एकाधिक files को delete करने के लिए किया जाता है
- erase – इसका उपयोग सिस्टम से files को delete करने के लिए किया जाता है।
- exit – इस कमांड का use डॉस कमांड इंटरप्रेटर से बाहर निकलने के लिए किया जाता है।
- goto – इसका उपयोग batch file को किसी विशेष लेबल या स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है।
- mkdir – इस कमांड का प्रयोग सिस्टम में एक नई डिरेक्टरी बनाने के लिए किया जाता है।
- move – इसका उपयोग एक या एक से अधिक फाइल को एक डिरेक्टरी से दूसरी डिरेक्टरी में ले जाने या change करने के लिए किया जाता है।
डॉस के एक्सटर्नल कमांड क्या है? (External)
ये वो commands है जो dos me already नही होते इनके लिए अलग से seprate file use करना पड़ता है। ये अपने आप load नही होते है सिस्टम में।.exe , .com ये हार्ड ड्राइव में already exist होती है हम इनका यूज करके external commands का use कर सकते है। Dos- prompt को execute करके।
उदाहरण:– more, mem, move, sort, attrib, dosshell, keyb, msav, sys, chkdsk, expand, label, tree, deltree, xcopy, graphics,restore, diskcomp, sys, append, doskey, help, more, msbackup, backup, nlsfunc, undelete, mem, fastopen, keyb इत्यादि।
ये ऐसे कमांड्स होते हैं जो system में separate files में रखे जाते है। ये एक तरह के छोटे programs होते है जिनको system अपने need के according use करता हैं। ये commands system में file के रूप मे मौजूद होते है इन्हे modify ,delete या copy किया जा सकता है।
इंटरनल डॉस कमांड के उदाहरण
- find – इस कमांड का use file में टेक्स्ट को खोजने के लिए किया जाता है।
- edit – इसका कमांड का use फाइलों को देखने और एडिट करने के लिए किया जाता है।
- Tree – इस कमांड की मदद से हम file और डायरेक्टरी को tree फॉर्मेट में देखने के लिए करते हैं।
- Move – इस कमांड का use करके आप किसी भी file को एक स्थान से दुसरे स्थान पर move कर सकते है।
- Chkdsk – इस command का use करके disk कि जांच की जा सकती हैं।
- Print – इस कमांड का use करके एक या एक से अधिक file को printer की help से print किया जा सकता है।
डॉस और विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में अंतर
DOS की हानि – Disadvantages of DOS
- यह सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है अर्थात एक समय में एक ही यूजर कार्य कर सकता है।
- इसमें एक समय में एक ही टास्क परफॉर्म किया जा सकता है अर्थात मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है।
- नार्मल यूजर के लिए चलाना बहुत ही कठिन होता है क्योकिं यह ऑपरेटिंग सिस्टम कमांड बेस्ड होता है।
- यह केवल 16 बिट का ही ऑपरेटिंग सिस्टम है।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) के फंक्शन
- ये keyboard से कमांड लेता है और उसे इंटरप्रेट करता है।
- ये सारे फाइल्स को सिस्टम में show करता है।
- ये नई फाइल बनाता है और उसे space allocate करता है प्रोग्राम के लिए।
- ये फाइल के नाम को change करके new name create करता है।
- ये information को floppy में copy करता है।
- ये permanently file को remove कर सकता है।
- ये file को locate करने मे help करता है।
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FAQ
डॉस क्या है इसकी विशेषताएं?
डॉस एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरशन ने बनाया है।
MS डॉस कमांड क्या है?
MS डॉस एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कमांड बेस्ड होता है. यह वर्तमान के नए कंप्यूटर में कमांड प्रांप्ट के रूप में काम करता है। यह एक सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कमांड में कार्य करता है।
DOS की विशेषता क्या है?
डॉस डायरेक्ट कमांड के माध्यम से चलता है जिसके कारण यह बहुत ही तेज होता है।
डॉस को रन करने के लिए कंप्यूटर में ज्यादा रिसोर्स की जरूरत नहीं होती है।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम 16 बिट का है।
इसके उपयोग करने के लिए पैसे की जरूरत नहीं है अर्थात यह फ्री में उपलब्ध है।एमएस डॉस का नाम क्या है?
एमएस डॉसका पूरा नाम माइक्रोसॉफ्ट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम है. जो एक सिंगल यूजर, करैक्टर बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है।
आज आपने क्या सीखा
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