What is ARP Protocol in Hindi? ARP क्या है और यह कैसे काम करता है?

ARP Protocol in Hindi

ARP का पूरा नाम “Address Resolution Protocol” है. यह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग किसी भी IP Address से MAC Address (हार्डवेर एड्रेस) का पता लगाने के लिए किया जाता है.

दुसरे शब्दों में कहे तो ARP का उपयोग IP Address को MAC Address में ट्रांसलेट करने के लिए किया जाता है. जब किसी LAN नेटवर्क में एक डिवाइस दुसरे डिवाइस से communicate करना चाहता है तो ARP प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है.

डाटा ट्रांसमिशन के समय होस्ट/राऊटर को लॉजिकल और फिजिकल दोनों प्रकार के एड्रेस की जरुरत पड़ती है. पर होस्ट के पास दोना एड्रेस का एक साथ होना पॉसिबल नहीं होता है. क्योकिं लॉजिकल एड्रेस कई बार चेंज होते रहता है. इसलिए होस्ट केवल एक ही एड्रेस रखता है या तो लॉजिकल एड्रेस रखेगा या फिर फिजिकल एड्रेस रखता है.

IP Address को लॉजिकल एड्रेस और MAC Address को फिजिकल एड्रेस कहा जाता है. जहाँ IP एड्रेस OSI Model के नेटवर्क लेयर में कार्य करता है वही MAC एड्रेस OSI Model के डाटा लिंक लेयर में कार्य करता है.

ARP प्रोटोकॉल कैसे काम करता है

जब भी कोई डिवाइस, किसी नेटवर्क में किसी दुसरे डिवाइस को डेटा पैकेट भेजना चाहता है. तो वो सबसे पहले उस डिवाइस के मैक एड्रेस का पता लगाता है. क्योकिं आई पी एड्रेस चेंज हो सकता है पर MAC Address चेंज नहीं होता है. नेटवर्क के अन्दर डिवाइस को मैक एड्रेस से ही identify किया जाता है.

ARP-प्रोटोकॉल-कैसे-काम-करता-है

दोस्तों चित्र के अनुसार मान लीजिये computer A नेटवर्क में उपस्थित computer C से कम्यूनिकेट करना चाहता है. लेकिन computer A के पास कॉम computer C का मैक एड्रेस नहीं है. इसलिए computer A नेटवर्क में एक ARP Request भेजेगा जिसमे computer B अर्थात रिसीविंग डिवाइस का IP Address होता है.

ARP Request Process Hindi

नेटवर्क में भेजे गए ARP Request को, उस नेटवर्क सेगमेंट के सभी डिवाइस देखते है. लेकिन computer C ही ARP Message का Respond करता है. क्योकिं computer C का IP Address उस ARP मेसेज में होता है. इसके बाद रिप्लाई मेसेज में computer C अपने MAC Address को भेजता है. इस प्रकार computer A के पास computer C से communicate करने के लिए information मिल जाता है.

ARP Respond Process Hindi

ARP Request में क्या-क्या होता है?

    1. सेन्डर के IP Address को रखता है.
    2. सेन्डर के MAC Address को रखता है.
    3. रिसीवर के IP Address को रखता है.
    4. रिसीवर कंप्यूटर के लिए MAC Address का Request होता है.

ARP के प्रकार

Address Resolution Protocol (ARP) के 4 प्रकार होते है. जिसके बारें में हम निचे चर्चा करते है.

    1. Proxy ARP (प्रॉक्सी)
    2. Gratuitous ARP
    3. Reverse ARP
    4. Inverse ARP

Proxy ARP क्या है?

जब कोई एक डिवाइस, दुसरे डिवाइस के लिए ARP Request का जवाब देता है तो उसे Proxy ARP कहा जाता है. ऐसा तब होता है जब कोई नेटवर्क, राऊटर के जरिये नेटवर्क सेगमेंट में बता होता है. अर्थात दो डिवाइस एक ही केबल से ना जुड़ के, राऊटर के माध्यम से जुड़े होते है.

इस स्थिति में जब दोनों कंप्यूटर आपस में कम्यूनिकेट करने की कोशिश करते है तो डायरेक्ट कम्युनिकेशन नहीं हो पता है. क्योकिं राऊटर उपस्थित होता है. और राऊटर मैक एड्रेस से कम्यूनिकेट नहीं करता है.

इस स्थिति में सेन्डर कंप्यूटर, डाटाग्राम को, राऊटर के मैक एड्रेस में ट्रांसमिट करता है. और राऊटर उस डाटाग्राम को रिसीवर कंप्यूटर तक ट्रांसमिट कर देता है.

Gratuitous ARP क्या है?

जब किसी नेटवर्क में IP एड्रेस conflict करता है अर्थात दो या अधिक सिस्टम के IP एड्रेस एक सामान होते है. तो इस स्थिति में दोनों कंप्यूटर सही से communicate नहीं कर पाते. इस स्थिति को पता करने के लिए ARP Request किया जाता है. उसे Gratuitous ARP कहते है.

Gratuitous ARP प्रोटोकॉल का उपयोग नेटवर्क में उपस्थित डुप्लीकेट IP Address का पता लगाने के लिए किया जाता है. जब कोई होस्ट नेटवर्क में डुप्लीकेट IP Address को पता लगाने या दुसरे डिवाइस के IP टेबल को अपडेट करने के लिए ARP Request करता है. तो उसे Gratuitous ARP कहा जाता है.

RARP क्या है?

RARP का पूरा नाम “Reverse Address Resolution Protocol” है. यह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है. इसका उपयोग क्लाइंट मशीन द्वारा नेटवर्क गेटवे-राउटर की ARP Table से IP Address को पता लगाने के लिए किया जाता है.

सामान्यतः एक नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर नेटवर्क के राऊटर/गेटवे में एक IP Table बनाता है. इस टेबल का उपयोग मैक एड्रेस से IP एड्रेस में मैप करने के लिए किया जाता है. जब नेटवर्क में कोई नया मशीन लगाया जाता है तो उसके पास IP एड्रेस नहीं होता है. उस स्थिति में IP एड्रेस प्राप्त करने के लिए एक ARP रिक्वेस्ट करता है. जिसमे उसका मैक एड्रेस होता है. इसे ही RARP प्रोटोकॉल कहा जाता है.

लोकल एरिया नेटवर्क में जिस होस्ट को RARP के लिए जिम्मेदार बनाया जाता है उसे RARP सर्वर कहा जाता है.

Inverse ARP क्या है?

Inverse ARP को RFC 2390 में डिफाइन किया गया है. यह ARP प्रोटोकॉल के ठीक विपरीत कार्य करता है. ARP प्रोटोकॉल IP Address से MAC Address (हार्डवेर एड्रेस) का पता लगाने के लिए किया जाता है. जबकि Inverse ARP प्रोटोकॉल MAC Address से IP Address का पता लगाने के लिए किया जाता है.

Inverse ARP को InARP भी कहा जाता है. RARP प्रोटोकॉल को सबसे पहले BOOTP से और उसके बाद DHCP से Replace कर दिया गया है. वर्तमान में RARP का उपयोग नहीं होता है जबकि Inverse ARP का उपयोग केवल Device Configuration के लिए किया जाता है. Inverse ARP का ATM Network (Asynchronous Transmission Mode) और Frame Relays नेटवर्क में होता है.

ARP से जुड़े महतवपूर्ण बाते: –

    1. ARP को सन 1982 में RFC 826 द्वारा डिफाइन किया गया है.
    2. ARP इन्टरनेट स्टैण्डर्ड STD 37 के अंतर्गत आता है.
    3. रिसीवर के IP Address को रखता है.
    4. ARP को मूल रूप से Dec/Intel/Xerox के 10mbps इथरनेटनेटवर्क के लिए तैयार किया गया था।

तो दोस्तों उम्मींद करता हु यह लेख ARP क्या है? ( What is ARP in hindi) आपको बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख ( ARP kya hai ) पसंद आया हो तो लाइक करें। लोगो को शेयर करें।

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