What is E Commerce in hindi
दोस्तों! आज हम ई-कॉमर्स क्या है? (What is E Commerce in hindi) के बारे में बात करेंगे। जिसमें ई-कॉमर्स के कार्य (E Commerce hindi) के साथ-साथ ई-कॉमर्स के विशेषताएं (advantage) और ई-कॉमर्स की कमियाँ (disadvantage) को समझायेंगे। साथ ही इस लेख में हम ई-कॉमर्स से जुड़े विभिन्न पहलु के बारें में बताऊंगा।
Contents:-
- ई-कॉमर्स क्या है? (E-Commerce in Hindi)
- ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of E-Commerce)
- Business to Business E-Commerce
- Business to Consumer (B2C)
- Consumer to Consumer (C2C)
- Consumer to Business (C2B)
- Business to Administration (B2A)
- Consumer to Administration (C2A)
- Advantages of E-Commerce
- Disadvantages of E-Commerce
ई-कॉमर्स क्या है? (E Commerce in Hindi)
इन्टरनेट के माध्यम से ऑनलाइन खरीदने और बेचने के कार्य को ही E-Commerce कहा जाता है दुसरे शब्दों में जब किसी भी प्रकार के सामान, प्रोडक्ट या सर्विसेज की खरीदी-बिक्री होती है और यह खरीदी-बिक्री electronic Transaction के माध्यम से होता है तो इस प्रकार के बिज़नस को इ-कॉमर्स कहा जाता है।
ऑनलाइन Transaction के माध्यम से किये गए बिज़नस को ही E Commerce कहा जाता है।
Example:- Mobile Banking, Electronic Funds Transfer, Internet Banking, Online Shopping, Ticket Booking, Electronic Data Interchange इत्यादि।
ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of E-Commerce)
दोस्तों E commerce को 6 प्रकार में बांटा गया है जो निम्नलिखित है:-
1.Business to Business (B2B) E-Commerce
जब ऑनलाइन माध्यम से दो या दो से अधिक व्यापारी के मध्य बिज़नस किया जाता है किसी प्रोडक्ट के खरीदी बिक्री होती है और उनमे electronic Transaction हो तो इस प्रकार के e commerce को Business to Business (B2B) इ कॉमर्स कहा जाता है।
उदहारण:- मान लीजिये कोई कंपनी किसी प्रोडक्ट को बनाती है और प्रोडक्ट को बनाकर विभिन्न होल सेलर से ऑनलाइन बिज़नस करती है तो कंपनी और होल सेलर के मध्य किये जाने वाले बिज़नस को B2B E Commerce कहा जाता है।
2.Business to Consumer (B2C)
जब ऑनलाइन माध्यम से व्यापारी और ग्राहक के मध्य डायरेक्ट बिज़नस किया जाता है अर्थात किसी प्रोडक्ट के खरीदी बिक्री होती है और उनमे electronic Transaction हो तो इस प्रकार के E-Commerce को Business to customer या Business to Consumer e commerce (B2C) कहा जाता है।
उदहारण:- जब इन्टरनेट के माध्यम से दुकानदार के द्वारा सीधे ग्राहक को प्रोडक्ट बेचीं जाती है तो इस प्रकार के इ कॉमर्स को बिज़नस टू कस्टमर इ कॉमर्स कहा जाता है। जैसे:- FlipKard, Amazon, E-Bay इत्यादि।
3. Consumer to Consumer (C2C)
जब इन्टरनेट या ऑनलाइन माध्यम से एक ग्राहक की दुसरे ग्राहक को अपने ख़रीदे प्रोडक्ट को बेचता है। अर्थात जब दो customer के मध्य बिज़नस किया जाता है तो इस प्रकार के इ कॉमर्स को consumer to consumer e-commerce कहा जाता है।
उदहारण:- दोस्तों आपने देखा होगा वर्तमान में OLX और Quicker के माध्यम से एक ग्राहक, दुसरे ग्राहक को अपनी पुरानी सामान बेच सकता है अर्थात अपने पुराने सामान को बेचकर बिज़नस कर सकता है तो दोस्तों इस प्रकार के इ कॉमर्स को कस्टमर टू कस्टमर इ कॉमर्स कहा जाता है। जैसे:- OLX, Quicker इत्यादि।
4. Consumer to Business (C2B)
जब इन्टरनेट या ऑनलाइन माध्यम से ग्राहक किसी कंपनी या दुकानदार से अपने पुराने सामान को resale या Exchange करता है जैसे आपने देखा होगा flipkard और amazon जैसे ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट में ऑफर चलते रहता है की आप अपनी पुराने मोबाइल देकर नए मोबाइल ले जाये ऐसे ऑफर में जब customer अपने पुराने सामान की डील कंपनी से करता है तो इस प्रकार के इ कॉमर्स को consumer to consumer e-commerce कहा जाता है।
उदहारण:- जब ऑनलाइन वेबसाइट में customer अपने सामान को एक्सचेंज करके नए सामान खरीदता है तो इस प्रकार के इ कॉमर्स को customer to customer e commerce कहा जाता है। जैसे: E Commerce वेबसाइट में सामान का एक्सचेंज करना।
5. Business to Administration (B2A)
जब इन्टरनेट या ऑनलाइन माध्यम से व्यापारी या कंपनी, Govt. के किसी प्रोजेक्ट से जुड़कर सरकार को प्रोडक्ट या सर्विस सेल करता है तो इस प्रकार के इ कॉमर्स को Business to Administration (B2A) E Commerce कहा जाता है।
उदहारण:- मान लीजिए कोई कंपनी सरकार के लिए वेबसाइट बनाने का प्रोजेक्ट लेती है और सरकार को वेबसाइट बनाकर देती है अर्थात कंपनी सरकार के साथ बिज़नस करती है इस तरह के इ कॉमर्स को ही B2A E-Commerce कहा जाता है।
6. Consumer to Administration (C2A)
जब Public सरकार के द्वारा दिए जाने वाले सर्विस या प्रोडक्ट के लिए electronic transaction करती है तो इस प्रकार के इ कॉमर्स को Customer to Administration (C2A) E Commerce कहा जाता है।
उदहारण:- Online बिल पेमेंट करना, Govt से ऑनलाइन हेल्थ इन्सुरेंस करना, ऑनलाइन टैक्स भरना इत्यादि।
Advantages of E-Commerce
- Fast Buying & Selling Procedure
- Buying/Selling 24/7
- More Reach to Customer
- No Need to Physical shop Setup
- Customer Easily Select Product
- Low Operation Cost
- No Location Limitation
- Better Quality of Services
- Compare Product and Price
- Customer Review Available
1. Fast Buying & Selling Procedure :-
दोस्तों इ कॉमर्स का प्रयोग करके व्यपारी अपने प्रोडक्ट को तेज गति से बेच सकते है और ग्राहक उतने ही तेज गति से प्रोडक्ट या सामान को खरीद सकता है। क्योंकि आप सभी जानते ही होंगे की इन्टरनेट कितना फ़ास्ट है अतः व्यापारी और ग्राहक अपने सामानों की खरीदी-बिक्री बहुत ही तेज गति से कर सकते है।
2. Buying/Selling 24/7 :-
दोस्तों अगर, कोई व्यपारी ऑफलाइन में शॉप खोलता है तो वह सप्ताह में केवल 6 दिन ही शॉप खोलता है और एक दिन में केवल 8 घंटे ही शॉप ओपन करता है लेकिन अगर इ कॉमर्स की बात करे तो ऑनलाइन माध्यम से खोले गए वेबसाइट सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे शॉप ओपन रहता है इससे व्यापारी की बिक्री काफी अधिक होती है और उसे लाभ भी बहुत अधिक मिलता है।
3. More Reach to Customer :-
दोस्तों ऑफलाइन शॉप के comparison में e commerce में खोले गए वेबसाइट या शॉप की पहुच ज्यादा कस्टमर तक होती है क्योंकि अगर आपने ऑफलाइन में शॉप खोला है तो केवल वहां रहने वाले लोकल लोग ही आपके कस्टमर होंगे लेकिन आपने ऑनलाइन शॉप खोल रखी है तो पुरे वर्ल्ड के लोग आपके कस्टमर बन सकते है जिसके कारण व्यापारी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
4. No Need to Physical Company Setup:-
दोस्तों इ कॉमर्स में बिज़नस शुरू करने के लिए आपको शॉप या दुकान लगाने की जरुरत नहीं होगी केवल आप एक वेबसाइट बनाकर बिज़नस शुरू कर सकते है या भी पहले से चल रहे इ कॉमर्स website जैसे filpkard या अमेज़न में अपने एकाउंट रजिस्टर करके भी बिज़नस को शुर कर सकते है। ऑनलाइन बिज़नस शुरू करने के लिए आपको शॉप, काउंटर इत्यादि खर्च करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
5. Easy to Start & Manage Business:-
दोस्तों ऑनलाइन बिज़नस को असानी से शुरू किया जा सकता है और उसे मैनेज भी किया जा सकता है केवल एक व्यक्ति ही इ कॉमर्स बिज़नस को शुरू करके आसानी से मैनेज कर सकता है। जबकि ऑफलाइन बिज़नस को शुरू करने के लिए शॉप की जरुरत पड़ती है और शॉप नहीं है तो किराये पर लेना पड़ता है साथ ही शॉप की पूरी तरह सेटअप तैयार करना पड़ता है इ कॉमर्स बिज़नस में इन सभी चीजो की जरुरत नहीं पड़ती है।
दोस्तों इनके अलावा भी इ कॉमर्स के और भी लाभ है जैसे:- low operational cost, better quality of service, no location limitation, customer easily select product, Compare Product and Price, Customer Review Available इत्यादि।
Disadvantages of E-Commerce
- Lack of Personal Touch
- Data Hacking and Security Issue
- Late Delivery
- Unsure About the Quality
- Internet Bandwidth
- Some Product are difficult to purchase
- Highly Competitive
- Anyone Can Start Online business
1. Lack of Personal Touch :-
दोस्तों यह इ कॉमर्स की सबसे बड़ी disadvantage है क्योंकि ऑनलाइन प्रोडक्ट को खरीदते समय खरीदार प्रोडक्ट को ना तो physically देख सकता है और ना ही touch कर सकता है और साथ ही व्यापारी से भी कस्टमर का पर्सनल पहचान नहीं होता है । ऐसे में कई बार लोग दुसरे प्रोडक्ट को दिखाकर दुसरे प्रोडक्ट को बेच देते है।
2. Data Hacking & Security Issue:-
कस्टमर जब ऑनलाइन प्रोडक्ट को खरीदता है तो उसको अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, बैंक डिटेल, ईमेल id जैसी विभिन्न पर्सनल इनफार्मेशन को वेबसाइट में भरना पड़ता है जिनके वजह से विभिन्न प्रकार के हैकिंग तथा सिक्यूरिटी इशू का सामना कस्टमर को करना पद सकता है।
3. Late Product Delivery :-
ऑनलाइन ख़रीदे प्रोडक्ट की डिलीवरी, ऑफलाइन ख़रीदे प्रोडक्ट के comparison में हमेशा लेट होती है क्युकी कस्टमर जब भी ऑनलाइन सामान खरीदता है तो प्रोडक्ट को कस्टमर तक पहुचने में कम से कम 2 से 7 दिन का समय लग जाता है जबकि ऑफलाइन प्रोडक्ट कस्टमर को तुरंत मिल जाता है।
4. Refund Policy:-
दोस्तों ऑनलाइन ख़रीदे प्रोडक्ट को रिफंड करने का procedure बहुत ही लम्बा होता है प्रोडक्ट को वापस करने में लगभग 15 दिन का समय लग जाता है जबकि ऑफलाइन प्रोडक्ट को आप तुरंत रिफंड कर सकते है यह भी इ कॉमर्स का एक बड़ा disadvantage है।
5. Some Product are Difficult to Purchase:-
दोस्तों ऑनलाइन माध्यम से सभी प्रकार के प्रोडक्ट को नहीं ख़रीदा जा सकता है क्योंकि कई प्रोडक्ट बहुत ही महंगे और कीमती होते है जिसको ऑनलाइन खरीदना risky होता है जैसे gold, diamond से बने गहने इत्यादि। दोस्तों इनके अलावा कई प्रोडक्ट बहुत बड़े साइज़ के होते है जिनकी कीमत से ज्यादा ट्रांसपोर्ट चार्ज लग सकता है ऐसे प्रोडक्ट को भी ऑनलाइन खरीदना मुश्किल होता है।
दोस्तों इनके अलावा भी इ कॉमर्स के और भी Disadvantage है जैसे:- unsure about the product quality, Highly competitive, Internet Bandwidth, Anyone Can Start Online Business, User Data Hacking, Minimum chance of direct customer to company interaction इत्यादि।
तो दोस्तों उम्मींद करता हु यह लेख ई-कॉमर्स क्या है? ( What is E Commerce in hindi) आपको बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख ( E Commerce kya hai ) पसंद आया हो तो लाइक करें। लोगो को शेयर करें।
अब दोस्तों यदि कोई ये ई-कॉमर्स क्या है? (What is E Commerce in hindi) से जुड़े तथ्यों की चर्चा करता है ई-कॉमर्स क्या है? (What is E Commerce in hindi) तो आप आसानी से जवाब दे पाएंगे। दोस्तों कोई सवाल आप पूछना चाहते है तो निचे Comment Box में जरुर लिखे और अगर आपके को सुझाव है तो जरुर दीजियेगा। दोस्तों हमारे अन्य वेबसाइट https://www.nayabusiness.in एवं Youtube चैनल computervidya को अगर आप अभी तक सब्सक्राइब नहीं किये तो तो जरुर सब्सक्राइब कर लेवें।