What is Algorithm in Hindi
Algorithm एक प्रक्रिया हैं जिसमे किसी भी काम को आसान बनाने के लिए उसे कई चरणों में विभाजित कर पूर्ण किया जाता हैं. जैसे किसी एक प्रोग्राम को अलग-अलग steps में पुरा किया जाता हैं उसे एल्गोरिथम के माध्यम से अलग – अलग steps में लिखते हैं. जिसकी कोई लिमिट नहीं होती, जब तक पूरा नहीं हो जाता तब तक करते रहते हैं इसी प्रोसेस को ही algorithm कहते हैं.
Algorithm की परिभाषा?
Algorithm एक set of rules होता है, जो step by step यह सुनिश्चित करता है कि, कोई विशेष कार्य वांछित परिणाम (expected result) के लिए कैसे संपादित किया जाएगा.
Algorithm को प्रोग्रामिंग में प्रोग्राम लिखने से पहले बनाया जाता हैं जिससे बेहतर प्रोग्राम बन सकें। Algorithm का use किसी भी प्रोब्लम को solve करने के लिए किया जाता हैं. algorithm किसी भी प्रोब्लम को step by step solve करता हैं.
मान लो आपको किसी को फोन करना हैं तो इसमें भी बहुत सारे steps होंगे जैसे –
- Step 1. आप फोन को चेक करेंगे की फोन चालू है या नहीं ।
- Step 2. फिर ये देखेंगे की उस व्यक्ति का नंबर हैं या नहीं।
- Step 3.अगर नही हुआ तो लोड करेंगे फिर उस व्यक्ति को फोन लगाएंगे।
- Step 4. फिर उसका रिंग जाने का wait करेंगे।
- Step 5. फिर फोन उठाएगा बात करेंगे।
यहां पर एक सिंपल कॉल करने के लिए भी इतने सारे steps को follow करना पड़ता हैं और इसमें से आप किसी step को छोड़ भी नहीं सकते। अगर कोई एक स्टेप छोड़ देते हैं तो हमारा काम नहीं होगा तो इसी प्रकार किसी काम को करने के लिए कुछ स्टेप follow करने पड़ते हैं. जिन्हे प्रोग्रामिंग में algorithm कहा जाता हैं।
Algorithm की complexity?
यहां पर एल्गोरिथम में दो तरह की complexity देखी जा सकती हैं
- Time complexity – यहां पर टाइम complexity, program को run होने में जितना टाइम लगता हैं उसे ही कहते हैं। अर्थात् एक प्रोग्राम को जितना ज्यादा टाइम लगेगा run होने में उतनी ही अधिक time complexity होगी,अल्गोरिथम की टाइम कॉम्प्लेक्सिटी को Big O notation का use करके present किया जाता है।
- Space complexity – algorithm step by step रहते हैं अर्थात बहुत सारे लाइंस में रहते हैं जिसको हम इंस्ट्रक्शन भी कहतेहै इसे रखने में जितना अधिक space लगता हैं उसे ही space complexity कहा गया हैं,space कॉम्प्लेक्सिटी को Big O (O(n)) notation के द्वारा present किया जाता है।
एल्गोरिथ्म के प्रकार – Types of Algorithm
- Greedy algorithm – ये algorithm सबसे सरल और सबसे सीधी approach है,इस approach में, future की चिंता किये बिना present में available knowledge के आधार पर निर्णय लिया जाता है।
- Divide and conquer algorithm – इस तकनीक में सबसे पहले एक बड़े problem को छोटे छोटे parts में divide किया जाता हैं फिर उसे solve किया जाता हैं इसलिए इसे divide and conquer algorithm कहा जाता हैं।
- Recursive algorithm – इस Algorithm में recursion use किया जाता हैं अर्थात् यहां faction खुद को कॉल करतेहैं तथा उसे आगे प्रोसेस पर भेजते हैं।
- Brute force algorithm – ये किसी problem को solve करने की एक तकनीक हैं, जहां किसी problem के पॉसिबल सॉल्यूशन के साथ एक एक करके उसे टेस्ट किया जाता है। की रिजल्ट किसी problem के कथन को satisfy करता हैं या नहीं
- Backtracking algorithm – यहां पर problem को sub problem में
- Dynamic programming algorithm – dynamic programming एक bottom up approach है, इसमें हम सभी संभावित छोटी problems को solve करते हैं और फिर बड़ी problems के solution को प्राप्त करने के लिए उन्हें combine करते हैं।
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ऍल्गोरिथम के लाभ (Advantage)
यहां पर हम setoff struct ions को ही algorithm कहते हैं पर तभी उसे algorithm कहेंगे यदि उसमें कुछ विशेषता होगी जो की algorithm में होती हैं सभी set fin struct ions को algorithm नहीं कहा जा सकता, उस के लिए कुछ स्पेशल characteristics होने चाहिए। जो निम्नलिखित हैं।
- Well-defined input(अच्छी तरह से परिभाषित इनपुट)– एल्गोरिथम में इनपुट अच्छे से समझ आना चाहीए अर्थात् well defined manner में होना चहिए ताकि computer को समझ में आसानी से आ सके की इनपुट में क्या दीया गया हैं, ताकि उसका आउटपुट सही तरीके से जेनरेट किया जा सके।
- Well defined output(अच्छी तरह से परिभाषित आउटपुट)- algorithm के हर प्रोग्राम में सही तरीके से आउटपुट प्रदान करना चाहिए ताकि user को अच्छे से समझ आ जाए की उसके दिए गए टास्क को सही तरीके से solve किया गया हैं या नहीं।
- Finiteness(निश्चित स्टेप्स)- finiteness का अर्थ होता हैं किसी भी algorithm में loops की संख्या सीमित होनी चाहिए अर्थात्जितनेबार loop चलाने की जरूरत हैं उतने बार ही चलना चाहिए। infinite नहीं होना चाहिए।
- Feasible(होने लायक)- algorithm सरल, सामान्य और व्यावहारिक होना चाहिए, जैसे किय ह उपलब्ध संसाधनों को निष्पादित किया जा सकता है। इसमें कुछ भविष्यकीतकनीक, या कुछ भीशामिल नहीं होना चाहिए।
- Language in dependent(किसी भी भाषा पर डिपेंडना हों)- यहां पर Algorithm को किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा पर आधारित नहीं होना चाहिए. इसे सामान्य भाषा में लिखा होना चाहिए| जिसे कभी भी किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बदला जा सके. किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा में बदलने के बाद एक ही तरह का वांछित परिणाम मिलना चाहिए.
ऍल्गोरिथम के कमियाँ (Disadvantage)
- Algorithm बहुत ही time taking होता हैं अर्थात् algorithm को लिखने में काफ़ी time लगता हैं।
- बड़े प्रोजेक्ट के लिए ये सही नहीं होता क्योंकि इसमें पहले बहुत बडा एल्गोरिथम लिखना पड़ता हैं फिर flow chart बनाना पड़ता है और फिर प्रोग्रामिंग करनी होती हैं, तो इसमें बहुत अधिक समय लग जाता हैं इसलिए ये बड़े प्रोजेक्ट के लिए अच्छा नहीं है।
- Complex logic को algorithm की मदद से समझाना मुश्किल हो जाता है।
- Algorithm में looping और branching को दर्शाना काफ़ी मुस्किल होता हैं।
Factors of Algorithm in Hindi – एल्गोरिथम के फैक्टर
किसी algorithm को लिखने से पहले कुछ factors को ध्यान में रखना पड़ता हैं
- Extendible – algorithm extensible होनी चाहिए ताकि कोई भी प्रोग्रामर या डिजाइनर इसका उपयोग future में कर सकें।
- Robustness – ये program की capacity होती है जिससे प्रोग्राम अच्छे से डेवलप और रन हो सके। ये सभी प्रोग्राम में होना चाहिए।
- Functionality – algorithm में अलग अलग तरीके की functionality होनी चाहिए ताकि प्रोग्राम attractive और उपयोग करने में आसान हो।
- Simplicity – algorithm सिंपल होना चाहिए अर्थात् उसमे सिंपल लेंग्वेज का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि सबके लिए समझना आसान हो और काम करना भी आसान हो।
- Modularity – किसी दिए गए प्रोग्राम को छोटे छोटे programs या steps में तोड़ना ही modularity कहलाती हैं।
- Correctness – algorithm correct होना चाहिए ताकि उससे सही आउटपुट आ सके और कभी भी run करने पर वही same output आए।
- User friendly – algorithm यूजर फ्रेंडली होना चाहिए ताकि यूजर comfort के साथ काम कर सकें और algorithm बनाने में कठिनाई महसूस ना करे।
Algorithm की जरूरत क्या हैं?
Algorithm किसी प्रोग्राम को easy बनाता है, हम algorithm के जरिए किसी प्रोग्राम को बनाने से पहले उसके steps लिखने के लिए उपयोग करते है, जिससे की प्रोग्राम की रूपरेखा आसनी से समझ आ सकें और प्रोग्राम का उद्देश्य समझना आसान हो जाए।
Algorithm का एक उदाहरण?
write Algorithm To find smallest of three numbers
1.Start
2. Read 3 numbers : num1,num2,num3
3. If num1< num2 than go to step 5
4. If num2<num3 than
Print num2 is smallest
Else
Go to step 6
5. If num1 < num3 than
Print num1 is smallest
Else
Print num3 is smallest
End.
FAQ
एल्गोरिथम क्या हैं
एल्गोरिथम निर्देशो का एक ग्रुप हैं जिसके जरिए हम प्रोग्राम के स्तर को आसनी से समझ सकते हैं इसके द्वारा किसी भी विशेष प्रकार के समस्या का समाधान किया जा सकता हैं ।
एल्गोरिथम के प्रकार
एल्गोरिथम के बहुत सारे प्रकार होते हैं – डिवाइड एंड conquer, ब्रूट फॉर्स एल्गोरिथम, रोडमाइज्ड एल्गोरिथम, ग्रीडी एल्गोरिथम, रिकर्सिव एल्गोरिथम, बैकट्रेकिंग एल्गोरिथम, डायनेमिक प्रोग्रामिंग एल्गोरिथम।
एल्गोरिथम और फ्लोचार्ट में क्या अंतर है?
एल्गोरिथम किसी problem को सॉल्व करने की एक प्रक्रिया हैं और फ्लोचार्ट एक डायग्रामेटिकल रिप्रेजेंटेशन हैं।
आज आपने सिखा
यहाँ हमने एल्गोरिथम (What is Algorithm in Hindi) की पूरी जानकारी को हिन्दी में देने की प्रयास किया है। एल्गोरिथम (What is Algorithm in Hindi) प्रोग्रामिंग का महत्वपूर्ण पार्ट है जिसके बिना प्रोग्रामिंग करना बहुत ही मुस्किल होता है अल्गोरिथम की मदद से आसानी से प्रोग्राम तैयार किये जा सकते है. मुझे पूरा विश्वाश है की यदि आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ा होगा तो आपको अल्गोरिथम (What is Algorithm in Hindi) से जुड़े विभिन्न तथ्यों की जानकारी मिल गया होगा.
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