Multiple Access Protocol in Hindi
नेटवर्क में एक ही केबल से बहुत सारें डिवाइस या कंप्यूटर जुड़ी होती है। जिसको Multipoint या Broadcast लिंक कहा जाता है। और जब इस डाटा केबल को बहुत सारें डिवाइस या computer एक साथ Access करते है। तो इस केबल के माध्यम से उनके बिच में कम्युनिकेशन होता है उस प्रोसेस को Multiple Access कहा जाता है। और जिस रूल के माध्यम से मल्टीप्ल एक्सेस किया जाता है उसे मल्टीप्ल एक्सेस प्रोटोकॉल (Multiple Access Protocol in Hindi) कहा जाता है।
“ Network में जब एक ही communication link से बहुत सारें computer एवम् device कनेक्ट होते है और कम्युनिकेशन के लिए उन्हें एक साथ Access करते है। तो इन्हें मल्टीप्ल एक्सेस कहा जाता है। और जिस नियम के माध्यम से एक्सेस करते है उन्हें Multiple Access Protocol कहा जाता है ”
OSI मॉडल में डाटा लिंक लेयर को दो Sub layer में बाँटा गया है।
Data Link Control: – यह डाटा लिंक लेयर का ऊपरी sublayer है जो डाटा लिंक (कम्युनिकेशन लिंक) को कण्ट्रोल करने के लिए responsible रहता है। और यह error control, flow control तथा reliability के ऑपरेशन को perform करता है।
Multiple Access :- यह डाटा लिंक लेयर का lower sublayer है जो नेटवर्क में कम्युनिकेशन मीडिया के multiple access के लिए responsible होता है।
मल्टिपल एक्सेस प्रोटोकॉल के प्रकार
दोस्तों! Multiple Access Protocol को मुख्यतः 3 category में बाँटा गया है।
- Random Access Protocol
- Controlled Access Protocol
- Channelization Protocol
Random Access Protocol
जब नेटवर्क में उपस्थित कोई भी कंप्यूटर या डिवाइस Communication Link को कभी भी, कोई भी, Randomly एक्सेस करता है तो इस मेथड को Random access protocol कहा जाता है। इस मेथड में डाटा लिंक को एक्सेस करने के लिए कोई मेथड नहीं होता है, और न ही कोई sequence होता है। डाटा लिक को कोई भी कभी भी एक्सेस कर सकता है।
Types of Random Access Protocol
Random Access protocol को 4 category में बाँटा गया है।
- ALOHA
- CSMA
- CSMA/CD
- CSMA/CA
Controlled Access Protocol
नेटवर्क को Access (ट्रांसमिशन) करने के पहले कंप्यूटर या डिवाइस नेटवर्क के पाथ को चेक करता है। और यह देखता है की कम्युनिकेशन पाथ फ्री है या नहीं। यदि कम्युनिकेशन पाथ फ्री होता है तो वह पाथ को बुक करता है और यदि नहीं है तो देखता है की किस डिवाइस के पास कम्युनिकेशन का अधिकार है। एक स्टेशन तब तक ट्रांसमिट नहीं कर सकता जब तक कि पाथ दुसरे स्टेशन द्वारा अधिकृत है। जैसे ही कम्युनिकेशन पाथ फ्री होता है वह बुक करके ट्रांसमिट कर सकता है।
इस मेथड में कोई भी स्टेशन कभी भी रैंडम ट्रांसमिट नहीं कर सकता है। पहले पाथ को कण्ट्रोल किया जाता है उसके बाद ही ट्रांसमिट किया जाता है इसलिए इस मेथड को controlled access protocol कहा जाता है। अन्य प्रोटोकॉल की तुलना में इसमें collision बहुत ही कम होता है।
Types of Controlled Access Protocol
कंट्रोल्ड एक्सेस प्रोटोकॉल को तीन केटेगरी में बाँटा गया है जो निम्नलिखित है।
- Reservation
- Polling
- Token Passing
रिजर्वेशन (Reservation)
जिस प्रकार सफ़र करने से पहले ट्रेन की सीट का रिजर्वेशन होता है उसी प्रकार डाटा को नेटवर्क में ट्रांसमिट करने से पहले कम्युनिकेशन पाथ को रिज़र्व किया जाता है उसके बाद ही स्टेशन ट्रांसमिट कर सकता है। इस मेथड को ही रिजर्वेशन कहा जाता है।
नेटवर्क में जितने स्टेशन होते है रिजर्वेशन की संख्या उतना ही होता है। जिस स्टेशन को भी डाटा भेजने की जरुरत होती है वह पाथ को चेक करके बुक करता है और उसके बाद डाटा को ट्रांसमिट करता है।
पोलिंग (Polling)
इस प्रकार के नेटवर्क में दो प्रकार के स्टेशन होते है एक प्राइमरी स्टेशन और दूसरा सेकेंडरी स्टेशन। प्राइमरी स्टेशन वह स्टेशन होता है जो यह निर्णय लेता है की कौन सा स्टेशन कब ट्रांसमिट करेगा। सेकेंडरी स्टेशन अन्य स्टेशन होते है जो डाटा को ट्रांसमिट करते है।
जिस भी स्टेशन को डाटा ट्रांसमिट करना होता है वह प्राइमरी स्टेशन को रिक्वेस्ट करता है सारें ट्रांसमिशन प्राइमरी स्टेशन के द्वारा किया जाता है सारें स्टेशन डाटा को पहले प्राइमरी स्टेशन के पास भेजते है उसके बाद प्राइमरी स्टेशन यह निर्णय लेता है की कौन सा डाटा कब ट्रांसमिट होगा।
जिस प्रकार ट्राफिक पुलिस ट्राफिक को कण्ट्रोल करता है उसी प्रकार सेकेंडरी स्टेशन नेटवर्क ट्राफिक को कण्ट्रोल करता है। इस मेथड को पोलिंग कहा जाता है इसमें भी collision की संभावना कम होती है।
पोलिंग मेथड दो मोड में कार्य करता है पहला पोल मोड और दूसरा सेलेक्ट मोड। पोल मोड़ में प्राइमरी स्टेशन डाटा तो प्राप्त करता है और सेल्क्ट मोड में डाटा को डेस्टिनेशन तक ट्रांसमिट करता है।
टोकन पासिंग (Token Passing)
Token Passing में स्टेशन के द्वारा टोकन (विशेष डाटा फ्रेम) का उपयोग किया जाता है। नेटवर्क में जिस स्टेशन के पास टोकन होगा केवल वह स्टेशन ही कम्युनिकेशन लिंक का प्रयोग कर पायेगा और अपना डाटा ट्रांसमिट कर पायेगा। इस प्रकार के एक्सेस मेथड को कंट्रोल्ड एक्सेस प्रोटोकॉल कहा जाता है।
टोकन क्या है?
टोकन एक विशेष डाटा फ्रेम होता है जो एक कंटेनर की तरह कार्य करता है। Token का कार्य डाटा को सोर्स से डेस्टिनेशन तक पहुचना होता है। जब टोकन फ्री होता है तो वह नेटवर्क में घूमते रहता है जब भी किसी भी स्टेशन को डाटा ट्रांसमिट करना होता है तो वह टोकन को देखता है की वह फ्री है की नहीं। जैसे ही टोकन फ्री होता है उसे स्टेशन कैप्चर करके डाटा ट्रांसमिट करता है। डाटा ट्रांसमिट होने के बाद टोकन को छोड़ देता है।
चैनलाइजेशन ( Channelization)
चैनलाइजेशन एक Multiple Access Protocol है। जिसमें कम्युनिकेशन लिंक को नेटवर्क में उपस्थित स्टेशन की संख्या के अनुसार बाँट दिया जाता है। ट्रांसमिशन मीडिया को टाइम, फ्रीक्वेंसी एवं कोड के अनुसार बाँट दिया जाता है।
आपने देखा होगा रेलवे स्टेशन में प्रत्येक ट्रेन को टाइम में बाँट दिया जाता है। प्रत्येक ट्रेन अपने टाइम के अनुसार एक स्टेशन से दुसरे स्टेशन में जाता है इस प्रकार चैनलाइजेशन में टाइम, फ्रीक्वेंसी एवं कोड के अनुसार बाँट देते है। जिसके अनुसार स्टेशन डाटा ट्रांसमिशन का कार्य करते है।
चैनलाइजेशन के प्रकार (Types of Channelization)
चैनलाइजेशन को मुख्यतः तीन केटेगरी में बाँटा गया है जो निम्नलिखित है।
- फ्रीक्वेंसी डिविजन मल्टीप्ल एक्सेस (FDMA)
- टाइम डिविजन मल्टीप्ल एक्सेस (TDMA)
- कोड डिविजन मल्टीप्ल एक्सेस (CDMA)
टाइम डिविजन मल्टीप्ल एक्सेस (TDMA)
TDMA का पूरा नाम Time Division Multiple Access है। यह एक चैनल एक्सेस मेथड है। जिसमे कम्युनिकेशन लिंक को नेटवर्क में उपस्थित सभी स्टेशन को समय के अनुसार बाँट दिया जाता है। प्रत्येक स्टेशन के लिए अलग अलग टाइम स्लॉट होता है। अर्थात सभी स्टेशन को ट्रांसमिशन के लिए समय आबंटित कर दिया जाता है। जिस समय जिस स्टेशन का टाइम स्लॉट होता है केवल उसी का कैरियर उपस्थित रहता है।
उदहारण:- जिस प्रकार रेलवे में प्रत्येक ट्रेन के लिए एक समय स्लॉट होता है। उसी के अनुसार वह ट्रेन एक से दूसरी जगह जाता है जबकि रेल पटरी एक ही होती है। इसी प्रकार नेटवर्क में उपस्थित प्रत्येक स्टेशन को एक टाइम स्लॉट दे दिया जाता है उसी में वह ट्रांसमिशन का कार्य करता है।
Advantage of TDMA
- किसी भी दिए गए समय में केवल एक स्टेशन ट्रांसमिट कर सकता है जिसके कारण collision की संभावना बहुत कम होती है।
- TDMA एक प्रभावी ट्रांसमिशन सिस्टम है क्योकिं इसमें कम्युनिकेशन लिंक का अच्छा यूटिलाइजेशन होता है।
- TDMA के अंतर्गत टाइम स्लॉट में सिग्नल को तैयार करना बहुत ही असान होता है।
Disadvantage of TDMA
- TDMA नेटवर्क में सभी स्टेशन को सिंक्रोनाइज करना आवश्यक होता है।
- प्रत्येक स्टेशन के द्वारा ट्रांसमिशन दिए गए निश्चित समय में हो जाना चाहिए।
- एक स्टेशन ही दिए गए स्टेशन में ट्रांसमिट कर सकता है और वो भी दिए गए टाइम स्लॉट में ही ट्रांसमिट कर सकता है।
कोड डिविजन मल्टीप्ल एक्सेस (CDMA)
CDMA का पूरा नाम Code Division Multiple Access है। यह एक चैनल एक्सेस मेथड है। CDMA के अंतर्गत नेटवर्क में उपस्थित प्रत्येक स्टेशन को एक यूनिक बाइनरी कोड आबंटित (assign) किया जाता है। इस यूनिक बाइनरी कोड को चिप कोड कहा जाता है।
CDMA में प्रत्येक स्टेशन आवश्कतानुसार किसी भी समय डाटा का ट्रांसमिशन कर सकता है। और वह पुरे बैंडविड्थ का उपयोग कर सकता है। अर्थात एक ही समय में एक ही चैनल का उपयोग करके विभिन्न स्टेशन एक साथ ट्रांसमिट कर सकते है।
CDMA technology का उपयोग मोबाइल टेलीकम्यूनिकेशन और अन्य वायरलेस सिस्टम में मल्टीप्ल एक्सेस के लिए किया जाता है।
Feature of CDMA (CDMA की विशेषताएँ)
- यह एक advanced communication technology है।
- यह नेटवर्क को Anti-Jam और Security Feature प्रदान करता है।
- FDMA और TDMA की तुलना में इसकी कैपेसिटी बहुत अधिक होती है।
- यह Spread Spectrum Technology का उपयोग करता है।
- CDMA में हाई बैंडविड्थ का अच्छा utilization करता है।
तो दोस्तों उम्मींद करता हु यह लेख मल्टिपल एक्सेस प्रोटोकॉल क्या है ( Multiple Access Protocol in Hindi) आपको बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख ( Multiple Access Protocol kya hai ) पसंद आया हो तो लाइक करें। लोगो को शेयर करें।
अब दोस्तों यदि कोई ये मल्टिपल एक्सेस प्रोटोकॉल क्या है ? Multiple Access Protocol in hindi से जुड़े तथ्यों की चर्चा करता है मल्टिपल एक्सेस प्रोटोकॉल क्या है? (Multiple Access Protocol kya hai) तो आप आसानी से जवाब दे पाएंगे। दोस्तों कोई सवाल आप पूछना चाहते है तो निचे Comment Box में जरुर लिखे और अगर आपके को सुझाव है तो जरुर दीजियेगा। दोस्तों हमारे अन्य वेबसाइट https://www.nayabusiness.in एवं Youtube चैनल computervidya को अगर आप अभी तक सब्सक्राइब नहीं किये तो तो जरुर सब्सक्राइब कर लेवें।