दोस्तों! आज हम असेम्बलर क्या है? (What is Assembler in hindi) के बारे में बात करेंगे। जिसमें असेम्बलर के कार्य (Assembler work hindi) के साथ-साथ असेम्बलर के विशेषताएं (advantage) और असेम्बलर की कमियाँ (disadvantage) को समझायेंगे। साथ ही इस लेख में हम असेम्बलर से जुड़े विभिन्न पहलु को जैसे Interpreter एवम् Compiler के बारें में बताऊंगा।
असेम्बलर क्या है (What is Assembler in Hindi)
असेम्बलर एक प्रकार का Computer Program है जो ट्रांसलेटर का कार्य करता है। दुसरे शब्दों में कहे तो असेम्बलर एक प्रकार का ट्रांसलेटर है तो असेंबली लैंग्वेज (Assembly Language) को मशीन लैंग्वेज (Machine language) में ट्रांसलेट करता है। मशीन लैंग्वेज को ही लो लेवल लैंग्वेज भी कहा जाता है।
उदाहरण :- मान लीजिये आप हिंदी बोलते हो, आपको इंग्लिश नहीं आता है. ऐसे में यदि सामने वाला केवल इंग्लिश बोलता और समझता है। तो आपको उनसे बात करने के लिए एक ट्रांसलेटर की जरुरत पड़ेगी जिनके हेल्प से आप सामने वाले से बात कर पाएंगे।
इसी प्रकार कंप्यूटर केवल मशीन भाषा को समझता है उसे केवल 0 और 1 की भाषा समझ आता है। लेकिन प्रोग्रामर या यूजर को केवल इंग्लिश या हिंदी समझ आता है। ऐसे में कंप्यूटर और प्रोग्रामर के बिच कम्युनिकेशन के लिए ट्रांसलेटर की जरुरत पड़ती है। जिसे असेम्बलर कहा जाता है। मशीन लैंग्वेज को हो लो लेवल लैंग्वेज कहा जाता है।
असेम्बलर कैसे कार्य करता है?
असेम्बलर एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो असेंबली लैंग्वेज (C/C++/java etc.) में लिखे गए प्रोग्राम को मशीन लैंग्वेज (object/target/machine) में कन्वर्ट करता है। अर्थात असेम्बलर, प्रोग्रामर और कंप्यूटर के मध्य में इंटरफ़ेस का कार्य करता है। जब प्रोग्रामर असेंबली लैंग्वेज में प्रोग्राम को लिखता है। और उसे run करता है तो सबसे पहले वह Assembler के पास जाता है। उसके बाद असेम्बलर उस source code को object code में बदलकर कंप्यूटर को देता है। यदि सोर्स कोड में कोई एरर होता हो तो उसे डिस्प्ले करता है। असेम्बलर एक बार में एक ही लाइन को ट्रांसलेट कर सकता है. जबकि कम्पाइलर पुरे प्रोग्राम को एक साथ ट्रांसलेट कर सकता है. असेम्बलर अन्य ट्रांसलेटर जैसे कम्पाइलर की तुलना में स्लो कार्य करता है.
असेंबली लैंग्वेज क्या है? Assembly Language in Hindi
कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग करने के लिए मशीन कोड (0/1) का उपयोग करना बहुत ही कठिन था। जिसके कारण इस समस्या को दूर करने के लिए अल्फानुमेरिक चिन्हों (ADD,SUB,MUL और SUM इत्यादि) पर आधारित कंप्यूटर लैंग्वेज का विकास किया गया, जिसे assembly language कहा जाता है।
असेंबली लैंग्वेज एक लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसका उपयोग कंप्यूटर और अन्य प्रोग्रामिंग डिवाइस में किया जाता है। असेंबली लैंग्वेज में उपयोग किये जाने वाले चिन्हों को निमोनिक्स कहा जाता है।
असेम्बलर की विशेषताएं (Advantage)
- असेम्बलर में सोर्स कोड, प्री-कम्पाइल्ड कोड और स्क्रिप्ट शामिल होते है, जिसके कारण प्रोग्राम को कम्पाइल करने की जरुरत नहीं होती है, वह डायरेक्टली रन होती है।
- जिनको प्रोग्रामिंग का ज्ञान कम है और जो अभी शुरवाती लेवल में सिख रहे है उनके लिए अन्य ट्रांसलेटर की तुलना में असेम्बलर का उपयोग करना बहुत ही असान है।
- प्रोग्राम में एरर आने पर प्रत्येक लाइन के सामने एक एक करके दिखता है जिससे एरर को solve करना बहुत ही असान हो जाता है।
असेम्बलर की कमियाँ (Disadvantage)
- यह एक समय में केवल एक लाइन को ही ट्रांसलेट करता है जिसके कारण पुरे प्रोग्राम को ट्रांसलेट करने में समय लगता है।
- अन्य ट्रांसलेटर जैसे compiler की तुलना में यह स्लो कार्य करता है।
- डेवलपमेंट एनवायरनमेंट और प्रोग्राम के लिए असेम्बलर बेस्ट आप्शन है। परन्तु प्रोडक्शन के लिए यह अच्छा आप्शन नहीं है।
तो दोस्तों उम्मींद करता हु यह लेख असेम्बलर क्या है ( What is assembler in hindi) आपको बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख ( assembler kya hai ) पसंद आया हो तो लाइक करें। लोगो को शेयर करें।
अब दोस्तों यदि कोई ये असेम्बलर क्या है ? (What is assembler in hindi) से जुड़े तथ्यों की चर्चा करता है असेम्बलर क्या है? (What is assembler in hindi) तो आप आसानी से जवाब दे पाएंगे। दोस्तों कोई सवाल आप पूछना चाहते है तो निचे Comment Box में जरुर लिखे और अगर आपके को सुझाव है तो जरुर दीजियेगा। दोस्तों हमारे अन्य वेबसाइट https://www.nayabusiness.in एवं Youtube चैनल computervidya को अगर आप अभी तक सब्सक्राइब नहीं किये तो तो जरुर सब्सक्राइब कर लेवें।