आपने computer के साथ एक आयताकार box को तो जरुर देखा होगा जिससे आप डेस्कटॉप में Device को ऑन और ऑफ करते होंगे. इस Device का नाम UPS है जो computer को आपातकालीन पावर सप्लाई देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं UPS क्या है?, UPS का full form क्या है?, UPS कैसे work करता है?, UPS कितने प्रकार के होते हैं?, UPS के मुख्य पार्ट कौन से हैं? और UPS के फायदे, नुकसान क्या हैं.
अगर आप इन सब प्रश्नों का जवाब जानना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से अंत तक जरुर पड़ें, इसको पढने के बाद आपको UPS के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मील जायेगी तो चलिए शुरू करते हैं।
युपीएस क्या है? (What is UPS in Hindi)
UPS का फुल फॉर्म “Uninterrupted Power Supply” है. UPS एक ऐसा electrical equipment है जो main power विफल होने पर लोड को आपातकालीन Power प्रदान करता है. UPS हमेशा लोड को निरंतर पावर सप्लाई करती रहती है चाहे main supply ऑफ हो या फिर ऑन.
UPS Main पॉवर सप्लाई के absence में हमें पॉवर सप्लाई करता है जिससे हमारे डिवाइस को कोई भी issue न हो.UPS की सोर्स ऑफ एनर्जी होती हैं बैटरीज.
जब Main सप्लाई On रहती है तो UPS की बैटरी चार्ज होती है और जब Main सप्लाई Off हो जाती है तब UPS कंप्यूटर को इमरजेंसी पावर सप्लाई करता है. कोई भी UPS कितने समय तक लोड को Main पॉवर सप्लाई की अनुपस्थिति में पावर प्रदान कर सकता है यह UPS की बैटरी Quality पर निर्भर होता है.
UPS की battery को बदला भी जा सकता है. बाजार में अलग–अलग साइज के UPS मौजूद हैं पर आमतौर पर UPS का आकार आयताकार होता है. UPS में Device को ON और off करने के लिए एक स्विच लगा होता है. UPS कंप्यूटर के लिए एक इंपोर्टेंट Part तो नहीं है लेकिन इसका Use करना हमेशा फायदेमंद रहता है.
युपीएस कैसे काम करता है।
UPS में सबसे पहले Main पॉवर सप्लाई AC को UPS में इनपुट कराया जाता है। यहाँ से एक Line UPS के रेक्टिफायर तक जाती है। जब AC रेक्टिफायर तक पहुंचती है तब रेक्टिफायर AC को DC में बदल देता है और उसे बैटरी में संचित कर लेती है।
वहीं दूसरी Line UPS के स्विच तक जाती है और स्विच से डिवाइस को सेंड कर दिया जाता है। जब तक Main पॉवर सप्लाई Fail नहीं होता है तब तक UPS से जुड़े डिवाइस को इसी Line से पॉवर सप्लाई किया जाता है।
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लेकिन जैसे ही Main पॉवर सप्लाई थोड़ी देर के लिए बंद होती है। तब स्विच मार्ग को बदल देता है और बैटरी से पॉवर सप्लाई लेना शुरू कर देती है। जैसे ही UPS को Main पॉवर सप्लाई Fail का पता चलता है। तब सबसे पहले UPS के बैटरी में संचित DC को इन्वर्टर तक पहुंचाता है। जिसके बाद इन्वर्टर उस DC को AC में बदल देता है और डिवाइस के लिए भेज देता है। कुछ इस तरह UPS डिवाइस को निरंतर पॉवर सप्लाई करते रहता है।
युपीएस के कार्य
- UPS कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करता है। जैसे कि हम कंप्यूटर चला रहे हैं और अचानक से बिजली चली जाती है तो कंप्यूटर को नुकसान पहुंचता है।
- शॉर्ट सर्किट होने से हमारे कंप्यूटर सिस्टम को UPS बचाता है
- यूपीएस ही बिजली चले जाने पर कंप्यूटर को बिजली प्रदान करता है
- UPSबिजली की कमी को पूरी करता हैं। साथी कंप्यूटर को बिजली ठीक से पहुंच रही है कि नहीं इसकी Monitoring भी करता है।
- UPS कंप्यूटर user’s को कंप्यूटर को सही ढंग से switch करने और कंप्यूटर को बैटरी देने में सक्षम है.
- जब लंबी बिजली outage होती है तब devices को सही तरह से off करने का काम भी UPS का ही होता है।
- UPS का पहला काम electronic उपकरणों जैसे PC, Servers, और Audio device, video device को main पॉवर cut हो जाने की स्थिति में बैटरी बैकअप प्रदान करना है.
- Electronic उपकरणों को कम या ज्यादा वोल्टेज से भी प्रोटेक्ट करता है.
UPS के Advantage
- इसका use आपात स्थिति में Electricity की पूर्ति के लिए किया जाता है.
- वोल्टेज को regulate करता है यह ओवर वोल्टेज की Problem को भी दूर करता है। UPS पावर फेलियर से भी बचाता है।
- पावर outage की स्थिति में सभी computer और electronic systems को व्यवस्थित करता है।
- अचानक computer के off हो जाने पर data loss हो जाता है लेकिन अगर कंप्यूटर में UPS कनेक्ट है तो Data सुरक्षित रहता है।
UPS के Disadvantage
- UPS बैटरी ज्यादा देर तक नहीं चलती है आवश्यकता होने पर इसे change करना पड़ता है।
- बड़े corporate कार्यालय में UPS बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था के लिए एक बड़ा निर्देशक की आवश्यक होती है।
- UPS का उपयोग न करने पर आपको पावर फेल्योर का सामना करना पड़ सकता है। जैसे की बिजली चले जाने पर आप अपने computer पर जो भी काम कर रहे हैं उसे से सेव नहीं कर सकेंगे । जिसके कारण आपका डाटा Loss हो सकता है।
- इसके साथ ही आपको ओवर वोल्टेज की भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है
युपीएस के भाग
- Rectifier
- Switch
- Battery,
- inverter
Rectifier.
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि रेक्टिफायर का मुख्य कार्य AC को DC में convert करना हैं। इसे बैटरी charge करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। यह inverter circuit में फिट होता हैं। इसका आउटपूट, Load की आवश्यकता पर निर्भर करता है। रेक्टिफायर एक electronic device होती है।
Battery.
बैटरी Energy स्टोर करती हैं। यह main power फेल होने पर भविष्य मे किया जाता हैं। Battery एक इलेक्ट्रो केमिकल सेल होती है और यह Electricity के लिए charge की जाती है। इलेक्ट्रिक power supply करते समय बैटरी का पॉजिटिव टर्मिनल cathode होता है और नेगेटिव टर्मिनल anode होता है।
Inverter.
इनवर्टर भी एक electrical device होती है। इसका मुख्य कार्य rectifier के कार्य से बिल्कुल उल्टा होता है। inverter DC करंट को AC करंट में परिवर्तित करता है। इसके साथ ही यह लो वोल्टेज DC करंट को high voltage AC करंट में convert करता है।
Static Switch or Transfer Switch.
पावर को transfer करने के लिए एक static switch या transfer switch की आवश्यकता होती है। इसका कार्य बहुत Fast होता हैं। आम तौर पर 10 mile second के अंदर switching करने वाले switch का उपयोग किया जाता है।
युपीएस की जरूरत क्यों होती हैं?
electronics डिवाइस और कंप्यूटर में सेसेटिव electronic उपकरण होते है जैसे डिजिटल कंट्रोलर, पर्सनल कंप्यूटर, डेटा प्रोसेसर इत्यादि। इस तरह के डिवाइसेस को लगातार बिजली कि आवश्यकता होती हैं क्योंकि यह डिवाइसेस मेमोरी और प्रोसेसर के साथ डेटा को handle करते हैं।
ये डिवाइस power supply के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप shut down करने के बजाय सीधे अपने personal computer को बंद करते हैं तो आप अपना data खो देंगे।
आपके कंप्यूटर कि Operating System करप्ट हो सकती है। इसलिए बड़े पैमाने पर उद्योगों में बड़े data कि सुरक्षा के लिए इन devices को लगातार power supply प्रदान करना आवश्यक है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए UPS का Use किया जाता है।
युपीएस के प्रकार
- Standby
- Line Interactive
- Standby online hybrid
- Standby-Ferro
- Double Conversion On-Line
- Delta Conversion On-Line
Standby UPS
Standby UPS का तब Use किया जाता है। जब पावर सप्लाई बंद हो जाता है। तब यह पॉवर Off होने पर उस Consumed पॉवर को कंप्यूटर में सप्लाई करता है। जिसमे Computer का data सुरक्षित रहता है। Standby UPS सबसे कॉमन होती है जिसे की पर्सनल कंप्यूटर में इस्तमाल किया जाता है.
इस UPS में ट्रांसफर स्विच लगा होता है। ये UPS केवल तभी स्टार्ट होगा जब की पावर fail होता है, इसलिए इसका नाम है Standby. Standby UPS उस समय तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को बैटरी पावर में स्विच नही करते है जब तक कि ये किसी प्रोब्लम को पता न कर ले.
Line Interactive UPS
Line-Interactive UPS का डिजाईन standby UPS की तरह है। यह कार्य standby UPS के जैसा ही करता है. Line-Interactive UPS छोटे Business Web, और departmental server’s में उपयोग होने वाला UPS है. इस प्रकार के UPS में बैटरी से AC पॉवर कन्वर्टर हमेशा UPS के आउटपुट से कनेक्ट होता है.
जब इनपुट AC सामान्य रहता है तो ऑपरेटिंग Inverter बैटरी को चार्जिंग प्रदान करता है. और जब अचानक बिजली चली जाती है तो यह system को पावर सप्लाई करता है.
जब इनपुट की AC पॉवर नॉर्मल होती है तब ये इन्वर्टर को reverse ऑर्डर में डाल देता है। जिससे की वो चार्ज हो रहा होता है. यह डिजाइन एडिशनल फिल्टरिंग प्रदान करती हैं और standby ups की तुलना में कम स्विचिंग transients पैदा करती है इसके अलावा यह वोल्टेज रेगुलेशन भी ठीक तरह से करते हैं।
Standby On-Line Hybrid
Standby Online Hybrid को on-line ups भी कहा जाता हैं। इस ups का इस्तेमाल 10 kilovolt-ampere के अंतराल में किया जाता है। इन UPS में बैटरी के साथ Standby कन्वर्टर स्विच on किया जाता है.
स्टैंडबाई ऑनलाइन हाइब्रिड UPS में बैटरी को charge करने वाला चार्जर लाइन इंटरएक्टिव UPS की तुलना में बहुत छोटा होता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि इसमें बैटरी चार्जर भी बहुत छोटी होती है बिल्कुल स्टैंडबाई यूपीएस की तरह होती है। इस UPS का उपयोग कभी कभी एक एडिशनल ट्रांसफर स्विच के साथ भी किया जाता है जिससे की कोई भी फंक्शन या ओवरलोड से इसे bypass किया जा सके।
The Standby-Ferry UPS
एक वक्त था जब Standby-Ferr UPS का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता था। इसकी रेंज लगभग 3-15 kilovolt-ampere के अंतर्गत थीं। इसकी मुख्य पावर path AC इनपुट से शुरू कर, ट्रांसफर स्विच से लेकर, ट्रांसफार्मर से लेकर, और output तक होती है.
Standby-Ferry का डिजाइन इनवर्टर स्टैंडबाई मॉड में होता है। यह तब पावरफुल होता है जब इनपुट पावर फेल हो जाता है और ट्रांसफर स्विच खुलता है। इस ट्रांसफार्मर की स्पेशल”Ferro-resonant” कैपेबिलिटी होती है, जो की इसे लिमिटेड वोल्टेज रेगुलेशन प्रदान करती है।
भले ही ये एक standby UPS डिजाइन है, फिर भी ये Standby-Ferr बहुत ही ज्यादा गर्मी उत्पन्न करता है इस UPS की डिजाइन भी बाकि के तुलना में बहुत वजनदार और बड़ी होती है. इन UPS का अब और उपयोग न होने का कारण यह प्रचलन से बाहर हो गए हैं ।
The Double Conversion On-Line UPS
यह बहुत ही सिंपल टाइप के यूपीएस होते हैं जो स्टैंडबाई की तरह होते हैं। इसमें मुख्य पावर पावर इनवर्टर होती हैं। यह इनपुट AC के फेल होने से इसमें ट्रांसफर स्विच एक्टिवेट नहीं होती है क्योंकि यहां इनपुट AC प्रायमरी सोर्स नहीं है बल्कि यह बैकअप सोर्स है।
लेकिन ये on-line मोड ऑफ ऑपरेशन तभी ट्रांसफर time दिखाती है जब पाॅवर प्राइमरी बैटरी इन्वर्टर पावर पाथ से फेल हो जाता है. ये तब होता है जब कोई भी ब्लॉक इस पॉवर path में फेल हो जाता है. यहाँ पर इनवर्टर पॉवर भी कुछ समय के लिए छोड़ देते है, जिससे एक ट्रांसफर होता है.
ये ट्रांसफर तब भी हो सकता है अगर इन्वर्टर में आंतरिक नियंत्रण की समस्याएं पैदा हो. यह UPS भी ट्रांसफर टाइम दिखाती हैं लेकिन अलग-अलग कंडीशन के हिसाब से या standby यूपीएस से बिल्कुल अलग है.
The Delta Conversion On-Line UPS
Delta Conversion On-Line UPS की design, एक नयी टेक्नोलोजी है। इसकी रेंज लगभग 5 KVA से 1 MW के अंतराल में होती हैं। इसका उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि ये Double Conversion On-Line design के ड्रॉबैक को दूर कर सके।
Delta Conversion On-Line UPS में भी हमेशा एक इन्वर्टर होता है जो लोड वोल्टेज को सप्लाई करता है. लेकिन यहाँ पर एडिशनल Delta कन्वर्ट इन्वर्टर आउटपुट को पावर देता है. लेकिन AC फेलियर होने के कारण यह डिजाइन डबल कन्वर्सेशन ऑनलाइन के जैसे ही व्यवहार करता है।
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इस यूपीएस में मुख्य रूप से एनर्जी एफिशिएंसी में सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है डेल्टा कन्वर्जन टेक्नोलॉजी का मुख्य उद्देश्य एनर्जी को सेव करके रखने का होता है। ऐसा करने के लिए ये केवल शूरू और लास्ट पॉइंट्स के delta में ही energy Store करती हैं. और power को इनपुट से आउटपुट तक मूव करती है.
युपीएस की कीमत
मार्केट में Ups की कीमत लगभग 2000 से सुरू होती है। क्वालिटी के अनुसार 6000 से 10,000 इससे और अधिक जाती है। UPS होने की वजह से बिजली जाने पर ups से कंप्यूटर को चलाया जा सकता है क्योंकि यूपीएस में बैटरी होती है। तो जितना अधिक महंगा यूपीएस होगा उसकी बैटरी उतनी ही अच्छी और लॉन्ग टाइम चलने वाली होगी।
बेस्ट ups के लिस्ट नीचे दिया गया।
- Foxin FPS-755
- Zebronics Zeb-U725
- APC Backups BX600C-IN
- Ball Nirantar UPS 622 [cheap ups for computer]
- V Guard UPS Sesto 600 [best ups for laptop]
- Luminous Pro 600
यूपीएस और इन्वर्टर में अंतर
- UPS बिजली कटौती के मामले मे बिजली देती है और ज्यादातर Inverter बैटरी और inverter circuit होते है जो DC को बिजली मे convert करता है।
- UPS desktop computer के बिजली बैकअप लेने के लिए Use किया जाता है। ज्यादातर inverter का उपयोग घरों में बिजली backup लेने के लिए किया जाता है।
- UPS का मुख्य कार्य बिजली को Store करना है जबकि इन्वर्टर AC power को dc power में convert करता है। inverter की तुलना में UPS अधिक महंगा है।
FAQ
UPS का Full form क्या है?
UPS का पूरा नाम “Uninterrupted Power Supply” होता है. इसका ये मतलब है की हम UPS का इस्तमाल एक वैकल्पिक बिजली रूप में करते हैं। यह निरंतर हमें फ्री पावर सप्लाई प्रदान करती है.
यूपीएस कितने प्रकार के होते हैं?
UPS के 6 प्रकार होते है जो निम्न लिखित है.
1. Standby
2. Line Interactive
3. Standby online hybrid
4. Standby-Ferro
5. Double Conversion On-Line
6. Delta Conversion On-Line
युपीएस और इन्वर्टर एक ही तरह के काम करते है पर युपीएस AC को DC में कन्वर्ट करके सप्लाई करता है और इन्वर्टर DC को AC में कन्वर्ट करता है.
आज आपने क्या सिखा
आज इस आर्टिकल UPS क्या है और कैसे काम करता है? – हिंदी में (What is UPS in Hindi) में मैंने आपको यूपीएस के बारे में समझाने का प्रयास किया है। मुझे आशा है कि आप लोग समझ आया होगा। अगर आपको यूपीएस से संबंधित और भी कोई जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। अगर यह आर्टिकल (What is UPS in Hindi) आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ और सोशल मीडिया में शेयर जरूर करें।
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