Programming Language In Hindi
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक ऐसा लैंग्वेज है जिसके माध्यम से प्रोग्रामर कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करता है। जैसे एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति से बात करने के लिए हिंदी या इंग्लिश का उपयोग करता है वैसे ही कंप्यूटर से बात(कम्यूनिकेट) करने के लिए प्रोग्रामर एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग करता है। प्रोग्रामर के द्वारा प्रोग्राम/कोडिंग कंप्यूटर से बात/कम्यूनिकेट किया जाता है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज अनेक प्रकार के होते है जिनकी पूरी जानकारी हम इस पोस्ट में देंगे।
आप उस भाषा में किताबें पढ़ते हो या लेख लिखते हो, जिस भाषा में आप सहज महसूस करते हो। विभिन्न प्रकार के पुस्तको, उपन्यासो और साहित्य को उस भाषा में लिखा जाता है। जिस भाषा में मनुष्य एक दूसरे से बात करते हैं।
इसी प्रकार हम अपने कार्यों को संपन्न करने के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में कार्य करते हैं। इन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को भी एक विशेष भाषा में तैयार किया जाता है जिसे प्रोग्रामिंग भाषा कहा जाता है।
प्रोग्रामिंग भाषा और हमारी भाषा में कोई ज्यादा अंतर नहीं होता। इस आर्टिकल में हम आपको प्रोग्रामिंग भाषाओं के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे सरल व हिंदी में तो आइए शुरू करते हैं।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है? (Programming Language kya hai)
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक ऐसा लैंग्वेज है जिसके माध्यम से प्रोग्रामर कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करता है। Programming Language के बारे में जानने से पहले हम Program, Programmer or language के बारे में जानेंगे ताकि आप अच्छे से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को समझ सके।
प्रोग्राम क्या है? (Program in Hindi)
कंप्यूटर को समझ आने वाली भाषा में दिए गए निर्देश (instructions) के ग्रुप को कंप्यूटर Program कहा जाता है। कंप्यूटर बिना किसी निर्देश के किसी भी काम को करने में सक्षम नहीं होता है. इसीलिए इससे किसी भी काम को करवाने के लिए हमें program या Instruction का group Computer को देना होता है.
Program Computer को सरल बनाने के लिए तैयार किये जाते है। Computer पर काम करने के लिए software engineers दवारा कुछ ऐसे program या software तैयार किये जाते है जिससे हम कंप्यूटर पर आसानी से कार्य कर सकेंl
- Network Topology क्या है? समझाइए।
- OSI Model क्या है? समझाइए।
- लॉजिक गेट क्या है और कितने प्रकार के होते है?
प्रोग्रामर क्या होता है?
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के जानकार व्यक्ति को प्रोग्रामर या Computer प्रोग्रामर कहते हैं। ये वही व्यक्ति होते हैं जो अपने प्रोग्रामिंग स्किल से वेबसाइट एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर बनाते हैं। इन्हें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की अच्छी जानकारी होती है।
कंप्यूटर में कार्य करने के लिए एप्लीकेशन यानी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। जिसे प्रोग्रामर या सॉफ्टवेयर इंजीनियर पूरा करते हैं। इन्हें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान होता है। यह अलग-अलग तरह के एप्लीकेशन बना सकते हैं उसमें कुछ नए फीचर जोड़ सकते हैं उसकी कमी को दूर कर सकते हैं इन्हें मुख्यतः प्रोग्रामर, कंप्यूटर प्रोग्रामर Coder, और सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदि के रूप से जाना जाता है।
भाषा क्या होता है?
दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए तथा एक दूसरे से संपर्क स्थापित करने के लिए किसी माध्यम का होना आवश्यक होता है इस माध्यम को हम भाषा कहते हैं भाषा के माध्यम से ही व्यक्ति एक दूसरे से संपर्क स्थापित करते है, इसी तरह computer में कार्य करने के लिए Language की आवश्यकता होती है जिसे computer समझ सके और computer में उपयोग होने वाली लैंग्वेज को programming language कहते हैं।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है?
प्रोग्रामिंग भाषा को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग या फिर प्रोग्रामिंग और कोडिंग के नाम से भी जाना जाता है प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को कंप्यूटर से बातचीत करने के लिए इंसानों द्वारा बनाया गया है इसलिए इसे कृत्रिम लैंग्वेज कहते हैं इसके माध्यम से कंप्यूटर को आदेश दिया जाता है कि क्या करने पर क्या करेगा यह सब फिक्स रहता है प्रोग्रामिंग लैंग्वेज द्वारा इसे पहले से ही प्रोग्राम कर दिया जाता है।
Computer, tablet, mobile या अन्य डिवाइस में आप जो कुछ भी देखते हैं या इन डिवाइस से जो कुछ भी कर पाते हैं उसे पहले से ही प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के द्वारा प्रोग्राम कर दिया जाता है प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के द्वारा ही एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर, वेबसाइट आदि बनाया जाता है।
“प्रोग्रामिंग भाषा computer की भाषा होती है जिसे कंप्यूटर के विद्वानों द्वारा कंप्यूटर पर Applications को विकसित करने के लिए बनाया जाता है पारंपरिक भाषा की तरह ही प्रोग्रामिंग भाषाओं के अपने व्याकरण होते हैं इसमें भी वाक्य, शब्द, वर्ण इत्यादि होते हैं।”
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग क्या है?
Programming language क्या होता है ऊपर में हमने आसान भाषा में बताया है इससे हमको पता चल जाता है कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या होता है इसको किस लिए और कौन-कौन से कार्य करने के लिए बनाए गए इसके कुछ उपयोग एवं कार्य निम्नलिखित हैं.
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है।
- एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर बनाने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है।
- कंप्यूटर से संवाद या कम्युनिकेट करने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है।
- कंप्यूटर के डिजाइन अपने मन मुताबिक तैयार करने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है।
- कंप्यूटर को अपने अनुसार कार्य कराने के लिए तथा निर्देश देने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है।
प्रोग्रामिंग भाषाओ कितने प्रकार के होते है?
प्रोग्रामिंग भाषा कई प्रकार के होते हैं। कुछ को हम समझते हैं और कुछ को केवल कंप्यूटर ही जानता है और समझ पाता इंसानों के बस की बात नहीं होती। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के दो प्रकार होते हैं।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?
निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?
वे भाषाएं जिन्हें अपने code को मशीनी कोड में बदलने के लिए किसी भी ट्रांसलेटर की आवश्यकता नहीं होती उसे निम्न स्तरीय भाषा कहते हैं। निम्न स्तरीय लैंग्वेज में लिखे हुए प्रोग्राम को run करने के लिए किसी भी प्रकार compiler या interpreter जैसे ट्रांसलेटर की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए इस लैंग्वेज में लिखे प्रोग्राम को प्रोसेस करने में प्रोसेसर को ज्यादा समय नहीं लगता। इसे दो भागों में बांटा गया है।
- मशीन भाषा क्या है?
- असेंबली भाषा क्या है?
मशीन भाषा क्या है? (Machine Language in Hindi)
कंप्यूटर सिस्टम केबल डिजिटल सिगनल कोई समझता है जो बायनरी 1 या 0 है। कंप्यूटर को निर्देश सिर्फ बाइनरी कोड से ही दिया जाता है बायनरी कोड में दिए गए निर्देशों को मशीन भाषा कहा जाता है।
इस भाषा को कंप्यूटर ही समझ सकता है। मनुष्य के लिए इसे समझना व प्रोग्राम लिखना आसान नहीं है। इसलिए प्रोग्राम जो एक मशीन पर लिखा होता है वह दूसरी मशीन पर नहीं चलता।
इस लैंग्वेज को किसी भी ट्रांसलेटर की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि कंप्यूटर मशीन लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम को आसानी से समझ सकता है।
असेंबली भाषा क्या है? (Assembly Language in Hindi)
असेंबली भाषा में निर्देश अंग्रेजी के शब्दों से ही दिए जाते हैं जैसे कि all, sub, sum आदि इसे हम mnemonic कोड कहते हैं। मशीन लैंग्वेज की तुलना में असेंबली लैंग्वेज को समझना काफी आसान होता है। लेकिन हम जानते हैं कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एजुकेबल बायनरी कोर्ट को ही समझता है।
इसलिए प्रोग्राम जो असेंबली लैंग्वेज में लिखा होता है उसे computer मशीन लैंग्वेज में ट्रांसलेट करता है। इस ट्रांसलेटर को असेंबलर (Assembler) कहा जाता है। असेंबली लैंग्वेज का फायदा यह होता है कि इसे रन करने के लिए कम मेमोरी खर्च करने पड़ते हैं और असेंबली लैंग्वेज में लिखा हुआ प्रोग्राम जल्दी Run हो जाता है।
निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा के फायदे (Advantage)
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा की Speed बहुत अधिक होती है क्योंकि मशीनी संकेतों को CPU सीधे समझ पाता है। इस लैंग्वेज में translate की जरूरत नहीं होती है।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे हुए programs काफी तेजी से RUN होते है।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में Memory कम लगती है।
- प्रोग्रामर निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करके Processor और memory का बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में सोर्स कोड को machine code में ट्रांसलेट करने की जरुरत नहीं होती है इसलिए यहा पर कम्पाइलर या इंटरप्रेटर की जरुरत नहीं होती है।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा सीधे hardware उपकरणों के साथ संवाद कर सकती है।
निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा के नुकसान (Disadvantage)
- इसमें पूरा प्रोग्राम 0 और 1 कोड में बनाया जाता है इसमें प्रोग्राम को समझना और लिखना बहुत कठिन होता है। प्रत्येक कंप्यूटर के लिए मशीन लैंग्वेज अलग-अलग होती है एक कंप्यूटर के लिए तैयार की गई मशीन लैंग्वेज दूसरे कंप्यूटर में नहीं चलाया जाता है। आउटपुट भी हमें कोड में ही प्राप्त होता है।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करके विकसित किये गए programs मशीन पर निर्भर होते हैं और वे portable भी नहीं होते हैं।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में प्रोग्राम develop करना और debug करना मुश्किल होता है।
- निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में Errors आने की संभावना ज्यादा होती है।
- प्रोग्रामर को निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में प्रोग्रामिंग के लिए विशेष machine और computer आर्किटेक्चर का ज्ञान होना चाहिए।
- कंप्यूटर मशीन लैंग्वेज को बहुत आसानी से समझ पाते हैं। इस लैंग्वेज में प्रोग्राम रन करने में कम समय लगता है।
उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा क्या है? (High Level Language in Hindi)
हाई लेवल लैंग्वेज को बड़े ही ध्यान से बनाया जाता है इसका अर्थ यह है कि यह मशीन भाषा पर निर्भर नहीं रहताl यह भाषा, अंग्रेजी के भाषा कोड जैसी होती है इसलिए इसे कोड करना और समझना सरल होता है।
हाई लेवल लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करने के लिए लैंग्वेज ट्रांसलेटर की आवश्यकता होती है जिससे कंपाइलर या इंटरप्रेटर कहते हैं। कुछ उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाएं नीचे दिए गए हैं।
- Assembler (असेम्बलर)
- Compiler (कम्पाइलर)
- Interpreter (इंटरप्रेटर)
असेम्बलर क्या है? (Assembler in Hindi)
असेंबली भाषा में लिखे गए program को मशीनी भाषा में परिवर्तित करने के लिए जिस program का उपयोग किया जाता है वह assembler कहलाते हैं।
assembler का मुख्य कार्य होता है कि वह असेंबली भाषा के program को बदल कर machine code में परिवर्तित कर दें ताकि assembly भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को computer समझ सके।
कम्पाइलर क्या है? (Compiler in Hindi)
एक कंपाइलर एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को लो लेवल यानी कि मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करता है। जिससे कंप्यूटर का प्रोसेसर आसानी से समझ सके हाई लेवल प्रोग्रामिंग को मशीन लैंग्वेज में बदलना हो जाता है उसे ही कंपाइलर कहते हैं।
आइए कम्पाइलर को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
अगर हमें किसी ऐसे व्यक्ति से बात करनी पड़े, जो हमारी भाषा को नही जानता और हम भी उसकी भाषा को नही जानते हैं। पर हमें उससे बात करनी हैं, तो ऐसे में, हमें किसी तीसरे व्यक्ति की जरूरत पड़ेगी, जो दोनों भाषाओं का जानकार हो, और हमारी भाषा का अनुवाद कर उसे बता सके और उसकी भाषा का अनुवाद कर हमें बता सके, ताकि हम दानों पार्टी इस तीसरे व्यक्ति की मदद से अपना संवाद कर सकें।
तो यहाँ जो तीसरे व्यक्ति ने हमारी मदद की, वही काम कम्पाइलर हमारे लिए करता है और उच्च स्तरीय भाषा (High level language) में लिखे गये प्रोग्राम को कम्प्यूटर के समझ में आने भाषा, बाइनरी भाषा (0,1) में बदल देता है।
अगर हम किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर रहे हैं जिसे हमारी भाषा नहीं आती और हमें उनकी भाषा नहीं आती तो हमें किसी तीसरे व्यक्ति को रखना पड़ेगा जो हमारी और उनकी भाषा, यानी दोनों की भाषा को जानता हो जिससे हमारी भाषा के अनुवाद करके उसे बता सके और उसके भाषा का अनुवाद करके हमें बता सके ताकि हम एक दूसरे से संवाद कर सकें।
यहां पर तीसरे व्यक्ति ने हमारी मदद की वही काम कंप्यूटर में कंपाइलर का होता है जो उच्च स्तरीय भाषा को कंप्यूटर समझ सके वह भाषा में कन्वर्ट कर देता है जिसे हम मशीन भाषा कहते हैं।
इंटरप्रेटर क्या है? (Interpreter in Hindi)
इंटरप्रेटर भी कंपाइलर की तरह काम करता है जो हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को मशीन भाषा में कन्वर्ट करता है लेकिन यह अनुवाद लाइन बाई लाइन करता है। यानी की एक लाइन का अनुवाद करता है फिर दूसरी लाइन का, लेकिन पहले लाइन में त्रुटि हो तो वह अगले लाइन में नहीं बढ़ता है पहली लाइन सही होने पर ही दूसरी लाइन का अनुवाद करता है।
उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा के फायदे (Advantage)
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा प्रोग्रामर friendly होता है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में program लिखना आसान होता है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में Errors आने की संभावनाएं बहुत कम होती है
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में Errors को ढूँढना और उन्हें Debug करना काफी आसान होता है।
- Program की coding आसान होती हैl
- Program समझने में Easy होता हैl
- इस लैंग्वेज में उपयोग होने वाला वर्ड इंग्लिश के होते हैं इसलिए आसानी से प्रोग्राम कर सकते हैं।
उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा के नुकसान (Disadvantage)
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा प्रोग्रामर friendly होता है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में program लिखना आसान होता है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में Errors आने की संभावनाएं बहुत कम होती है
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में Errors को ढूँढना और उन्हें Debug करना काफी आसान होता है।
- Program की coding आसान होती हैl
- Program समझने में Easy होता हैl
- इस लैंग्वेज में उपयोग होने वाला वर्ड इंग्लिश के होते हैं इसलिए आसानी से प्रोग्राम कर सकते हैं।
मशीन लेवल लैंग्वेज और हाई लेवल लैंग्वेज में अंतर
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा यह पोर्टेबल है। निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा यह गैर पोर्टेबल है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा किसी भी प्लेटफॉर्म पर चल सकता है। निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा मशीन पर निर्भर है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में अनुवाद के लिए अनुवादक की आवश्यकता है। निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में अनुवाद के लिए assembler की जरूरत नहीं है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा यह programming के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा यह आमतौर पर programming में आजकल उपयोग नहीं किया
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा एक प्रोग्रामर friendly प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जबकि निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा एक machine फ्रेंडली programming language है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा प्रोग्रामर के लिए समझना Easy है जबकि programmer के लिए निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा को समझना hard है।
- उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा को maintain रखना आसान है जबकि निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा को maintain रखना थोड़ा कठिन है।
पॉपुलर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी
- JAVASCRIPT
- PYTHON
- JAVA
- C/C++
- PHP
- Visual basic
JavaScript (जावास्क्रिप्ट)
JavaScript का उपयोग हम केवल वेब पेज में ही नहीं करते बल्कि सर्वर प्रोग्राम Cookies के निर्माण में भी इसका उपयोग करते हैं। यह एक टेस्ट पर आधारित स्क्रिप्टिंग और web page की दुनिया में सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है किसी वेबपेज में जटिलता लाना है तो इसका उपयोग किया जाता है।मूल रूप से, JavaScript, जावा Programming Language से प्रभावित है, इसका Syntax C लैंग्वेज के समान है वेबसाइटों को गतिशील और interactive बनाने के लिए Netscape ने जावास्क्रिप्ट भाषा निर्माण किया।
- नंबर सिस्टम क्या है उसके प्रकार को विस्तार से समझाइए.
- ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? और कैसे काम करता है?
- घर में बनाओ ये प्रोडक्ट, होगा मुनाफा 10 गुना
वर्तमान समय में इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग हर एक वेब ब्राउज़र जैसे गूगल क्रोम ओपेरा मिनी आदि। जावास्क्रिप्ट को पहले लाइव स्क्रिप्ट कहां जाता था लेकिन नेटस्कैप में इसका नाम बदलकर जावास्क्रिप्ट रखा। जावास्क्रिप्ट एक free platform इसका उपयोग सभी लोग फ्री में कर सकते हैं।
PYTHON (पाइथन)
पाइथन एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होता है जिसका उपयोग हम वेबसाइट बनाने एप डेवलपमेंट करने, डाटा एनालिसिस करने में करते हैं इसका निर्माण 1980 के दशक में हुआ था यह दुनिया की सबसे पॉपुलर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बन चुकी है पाइथन प्रोग्राम को मॉड्यूलर स्टाइल में डिजाइन कर सकते हैं और इसके कोड को दूसरे प्रोजेक्ट में रिपीट या उपयोग कर सकते हैं।
अगर आप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना चाहते हो तो पाइथन से शुरुआत करना चाहिए क्योंकि इनके कोड इंग्लिश लैंग्वेज की तरह होते हैं और इन्हें लिखने के लिए करली ब्रैकेट curly bracket ({}) की जरूरत नहीं होती।
JAVA (जावा)
जावा भाषा का विकास sun Micro System द्वारा 1990 के दशक में किया गया था। इस भाषा का उपयोग मुख्य रूप से Web programming मे web page Applets निर्माण में किया जाता था। Applets छोटे प्रोग्राम को कहते हैं जावा किसी विशेष प्रकार के Platform के लिए बाध्य नहीं है इसलिए इसे platform independent language भी कहा जाता है।
जावा एक कंप्यूटर लैंग्वेज है जो बाकी अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तुलना में सिंपल और सुरक्षित है इसका उपयोग व्यापक हो गया है। जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को कोड में लिखा जाता है।। जिसके कुछ नियम होते हैं इसे सेंटेक्स (Syntax) कहा जाता है।
C/C++
सी भाषा का विकास 1972 में अमेरिका की बेल प्रयोगशाला में हुआ था इसका निर्माण डेनिश रिची ने किया था इसका नाम इसलिए C रखा था क्योंकि इसके पहले वर्जन का नाम B था। आजकल सॉफ्टवेयर के निर्माण में इसका उपयोग व्यापक हो गया है। आजकल यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है क्योंकि यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम इसी भाषा में तैयार किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली भाषा है क्योंकि यह मेमोरी में स्टोर किए गए डाटा को एड्रेस प्रदान करने की सुविधा देता है।
C++, C भाषा का अगला version है। एक जैसे प्रॉब्लम को बार-बार हल करने के लिए प्रोग्रामर की परेशानी को दूर करने के लिए C++ भाषा का निर्माण किया गया है। इस भाषा का निर्माण Bjarne Stroustrup ने 1980 में बेल प्रयोगशाला में किया था। यह एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है जिससे जटिल और बड़े प्रोग्राम को तैयार किए जाते हैं और व्यवस्थित करके रखे जाते हैं जो एक कठिन कार्य होता था।
PHP
PHP एक general Purpose स्क्रिप्टिंग भाषा है जिसे 1994 में कैनेडियन प्रोग्रामर रैसमस लेरडोर्फ (Rasmus Lerdorf) द्वारा बनाया गया है यह वेब सर्वर पर चलती है और एप्लीकेशन बनाने या वेब पेज डिजाइन करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। PHP इस का फूल फार्म होता है PHP: Hypertext Preprocessor. इस लैंग्वेज का उपयोग आप फ्री में कर सकते हो। ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म में यह एक पावरफुल लैंग्वेज होता है जैसे कि वर्ड प्रेस का नाम तो सुने होंगे वर्ल्ड पर इस दुनिया की सबसे बड़ी प्लेटफार्म है जो बड़ी से बड़ी वेबसाइट को operate करती है।
इस language को आप Free में इस्तेमाल कर सकते हो. Blogging platform को चलाने के लिए ये बोहत ही powerful language हैl जैसे आप word press का नाम सुने ही होंगे जिसको इस Language से ही Design किया गया है. Word press platform से दुनिया की बोहत बड़ी बड़ी Websites को Operate कि जाती हैंl
Visual basic (विजुअल बेसिक)
इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग माइक्रो कंप्यूटर में बहुत अधिक होता है तथा यह सीखने के लिए सरल उच्च स्तरीय भाषा हैं इसे Thomas Kurtz और Denis Ritchi ने 1964 में अमेरिका में तैयार किया था। बेसिक भाषा के प्रोग्राम को मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करने के लिए इंटरप्रेटर द्वारा जांचा जाता है इसमें त्रुटि होने पर तत्काल पता चल जाता है अतः विद्यार्थियों को अगर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना है यह बेस्ट और उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा उपयुक्त है। इस भाषा को कंप्यूटर में स्टोर करने के लिए कम स्पेस चाहिए क्योंकि इसके ट्रांसलेटर का आकार छोटा होता है।
विजुअल बेसिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा उनके ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए विकसित किया गया था लेकिन उस समय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जिसमें COBOL, FORTRAN जैसे लैंग्वेज थी इसको सीखने में बहुत कठिन लगता था इसी समस्या को दूर करने के लिए विजुअल बेसिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का निर्माण किया गया। इसमें एप्लीकेशन पर गलत किया जा सकता हैं।
FAQ
प्रोग्रामिंग भाषा क्या है?
कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने के लिए प्रोग्रामर जिस भाषा का उपयोग करता है उसे प्रोग्रामिंग भाषा कहा जाता है। जिस प्रकार एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति से बात करने के लिए हिंदी या इंग्लिश जैसे भाषा का उपयोग करता है उसी प्रकार प्रोग्रामर कंप्यूटर से प्रोग्रामिंग भाषा के माध्यम से कम्यूनिकेट करता है।
उदाहरण: JavaScript (जावास्क्रिप्ट), PYTHON (पाइथन), Visual basic (विजुअल बेसिक), PHP, C, और C++ इत्यादि।
प्रोग्रामिंग भाषा कितने प्रकार के होते हैं?
प्रोग्रामिंग भाषा को मुख्य रूप से 3 प्रकार में बाँटा गया है.
1. मशीन लेवल लैंग्वेज
2. असेंबली लेवल लैंग्वेज
3. हाई लेवल लैंग्वेज
दुनिया में कितनी प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं?
दुनिया में वर्तमान में 9000 से अधिक प्रोग्रामिंग भाषाएँ है. कंप्यूटर के कोडिंग की शुरुवात सन 1800 से हुआ था. जो समय के साथ विकास होता गया. आज वर्तमान में 9000 से भी अधिक प्रोगामिंग भाषाएँ उपलब्ध है.
पहली प्रोग्रामिंग भाषा कौन सी है?
सबसे पहली आधुनिक प्रोग्रामिंग भाषा फोरट्रान था जिसे सन 1955 में लाँच किया गया था. इसके पश्चात् COBOL जिसे सन 1959 में लाया गया.
तो दोस्तों आज का पोस्ट प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है और इसके कितने प्रकार है? (programming language in hindi) आपको कैसा लगा है आप जरुर कमेंट करके बताएं. यदि आपके मन में कुछ सवाल है या फिर आपका कोई सुझाव है तो पोस्ट के निचे कमेंट जरुर करें. दोस्तों आप इसी प्रकार के कंप्यूटर नोट्स की जानकारी और बिजनेस आइडियाज की जानकारी के लिए मेरे यूट्यूब चैनल computervidya में एक बार जरुर विजिट करें. नए नए बिजनेस आइडियाज के जानकारी के लिए मेरे दुसरे वेबसाइट nayabusiness.in में विजिट जरुर करें.