Operating System in Hindi
आज हम आपको Operating System के बारे में जानकारी देंगे। ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा महत्वपूर्ण System Software हैं जिसकी मदद से हम अपने Computer को चला पाते हैं। जब आप एक नया कंप्यूटर खरीदते हैं तो सबसे पहले आप उसमें Window 8 या फिर Window 10 को install करवाते हैं फिर अपने Computer या Laptop को घर ले जाते हैं वरना बिना Operating System के आपका कंप्यूटर चालू नहीं होगा। आइए जानते हैं Operating System क्या है?
Operating System क्या है?
Operating System एक प्रकार का System Software होता है इसको छोटे नाम से लोग “OS” भी बोलते है। Operating System कंप्यूटर Hardware Components and Users के बिच में एक Interface के रूप में कार्य करता है अर्थात एक सेतु के रूप में कार्य करता है। यह हमारे निर्देशो को Computer तक पहुंचता है।
Operating System के माध्यम से ही computer के अलग-अलग Part एक-दूसरे से कनेक्ट रहते हैं तथा एक दूसरे के साथ आपस मे communicate (बातचीत) कर पाते हैं।
अगर हम Operating System को आसान भाषा में समझे तो Operating System के बिना कम्प्यूटर एक निर्जीव वस्तु होता है. क्योंकि ऑपरेटिंग सिस्टम बेजान हार्डवेयर को काम करने लायक बनाता है और हार्डवेयर के ऊपर अन्य सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स को भी Run करने सुविधा प्रदान कराता हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम काम कैसे करता है?
आइए इसको एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं जैसे कि हम Computer मे keyboard से कुछ Type करते हैं, जिसके बाद कंप्यूटर की Screen पर हमें शब्द दिखते है, तो यह चीजे Operating System की मदद से होता है, जिसका सीधा सा अर्थ है की यूजर कंप्यूटर के Operating System के साथ मिलकर ही कार्य कर पाता है। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर में कुछ भी नहीं किया जा सकता है।
Operating System की परिभाषा
Operating System कंप्यूटर का एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो hardware and software को संचालित करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं की (Operating System in hindi) कंप्यूटर में जान डालता है और बिना Operating System के कंप्यूटर मृत बॉक्स (dead box) के समान होता हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य
कंप्यूटर सिस्टम को चलाने में सरल बनाता है
कंप्यूटर सिस्टम user द्वारा दिए गए Data को केवल binary भाषा में अर्थात 0, 1 में ही समझता है। लेकिन user बायनरी भाषा में कंप्यूटर को डाटा दे यह तो संभव नहीं हो सकता इसलिए यूजर अपनी भाषा में डाटा को देता है।
जैसे कि हिंदी और इंग्लिश आदि मे, तो इसको Operating System बायनरी भाषा में convert करके कंप्यूटर तक पहुंचाता है ताकि कंप्यूटर हमारी बात को समझ सके और उसके हिसाब से हमे result दे सकें। इस प्रकार हम और आप अपनी खुद की भाषा में computer को निर्देश देकर अपना मनचाहा काम करवा लेते हैं.
Memory Management (स्मृति प्रबंधन)
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System in hindi) मेमोरी मैनेजमेंट को नियंत्रित करता है क्योंकि कंप्यूटर में primary memory और secondary memory होती है। जिसके अंदर बहुत सारा डाटा, जिससे CPU चलता है ऑपरेटिंग सिस्टम इन सभी memory को मैनेज करता हैं।
जैसे कि हमने बहुत सारी फाइल एक साथ ओपन कर रखी है तो ऐसे में मेमोरी पर बहुत Load आ जाता है। इस स्थिति में Operating System यह Decide करता हैं कि किस प्रोग्राम को कितनी मेमोरी देना है जब सारा कार्य खत्म हो जाता है तो Operating System सारी मेमोरी को स्टोर करके अपने पास रख लेती है।
Device Management (डिवाइस प्रबंधन)
कंप्यूटर के अंदर कई तरह के डिवाइस होते हैं जिनको मैनेज करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम का होता है। जैसे कि Wi-Fi Driver, Bluetooth Driver, Sound Driver आदि इसके अलावा Input devices और output devices भी होती है। जैसे keyboard mouse monitor cpu printer आदि।
इनको भी मैनेज करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम का ही है आइए एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं जैसे की हम प्रिंटर से प्रिंट निकालने की कमाड देते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम डाटा को प्रिंटर पर भेज देता है इसके बाद प्रिंटर से प्रिंट निकलता है।
File Management (फाइल प्रबंधन)
आपके कंप्यूटर में बहुत सारी फाइलें होती हैं तो उसको एक जगह सुरक्षित करके नियंत्रित करना और आप जब उस फाइल को देखना चाहते हैं तो उसका आवंटन करना भी Operating System का काम होता है।
मान लीजिए कि आपने एक फ़ोल्डर बनाया है और उसने बहुत सारी फाइल को सेव किया है अब आप उस फाइल को ढूंढना चाहते हैं तो फाइल explorer में जाकर टाइप कर देंगे तो os उस फाइल की जानकारी आपको दे देगा।
Security (सुरक्षा)
ऑपरेटिंग सिस्टम आपके कंप्यूटर को अनचाहे Access से बजाता है। अगर आपने इसमें पासवर्ड लगा दिया है तो जब भी आप कंप्यूटर को on करेंगे तो वह आपसे पासवर्ड मांगेगा और उस पासवर्ड को डालने पर ही आप कंप्यूटर में कुछ काम कर पाएंगे।
इसके अलावा अगर आपने अपने कंप्यूटर को किसी और को दे दिया है और वह क्रोम में जाकर आपके से किए हुए पासवर्ड को देखना चाहता है तब भी वह वही पासवर्ड मांगेगा जो पासवर्ड आपने लगाएं हैं।
mediates (मध्यस्था)
ऑपरेटिंग सिस्टम ( Operating System in hindi) यूजर और हार्डवेयर के बीच एक मध्यस्थता का काम भी करता है। जब यूजर कंप्यूटर को कोई निर्देश देता है तो वह ऑपरेटिंग सिस्टम के रास्ते ही हार्डवेयर computer तक पहुंचता है।
जैसे कि आप कंप्यूटर में गाना बजाना चाहते हैं तो आप प्ले का बटन क्लिक करेंगे तो यह निर्देश को ऑपरेटिंग सिस्टम स्पीकर हार्डवेयर तक पहुंचाता है फिर आपको आवाज के रूप में आउटपुट मिलता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार
ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते है. जिनकी जानकरी निचे दे रहे है।
- Batch Operating System
- Time-Sharing Operating System
- Distributed Operating System
- Network Operating System
- Real-Time Operating System
Batch Operating System (बैच ऑपरेटिंग सिस्टम)
एक बैच ऑपरेटिंग सिस्टम ( Operating System in hindi) में एक समान कार्य को करने के लिए User एक समूह बनाता है और उन्हें एक batch में रखा जाता है। इसके बाद इन बैच को एक-एक Executed किया जाता हैl इससे कम से कम समय में ज्यादा डाटा प्रोसेस कर सकते हैं यानी कि एक जैसे डाटा को batches के रूप में रखा जाता है और उसे प्रोसेस किया जाता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग ऐसे कार्यों के लिए किया जाता है जहां बड़ी मात्रा में डाटा को प्रोसेस करना होता है।
Multi-user Operating System
इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक से अधिक उपयोगकर्ता कार्य कर सकते है इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक ही समय में सैकड़ों उपयोगकर्ता अपना अपना कार्य कर सकते हैं।
Single-user Operating System
इसके विपरीत सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में केवल एक ही उपयोगकर्ता कार्य कर सकता है इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय में कई उपयोगकर्ता कार्य नहीं कर सकते।
Multitasking Operating System
मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम को ही टाइम शेरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है. एक ही समय में कई टास्क को चलाया जा सकता है. इसमें कंप्यूटर डायरेक्ट ऑपरेटिंग सिस्टम से कनेक्टेड रहता है.
इस ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर एक साथ कई अलग-अलग प्रोग्राम को चला सकता है जैसे कि आप ईमेल भी लिख सकते हो और अपने फ्रेंड से चैट भी कर सकते हो, आप वीडियो भी देख सकते हो और गाना डाउनलोड भी कर सकते हो वो भी एक ही समय मे।
Operating System प्रत्येक काम को पूर्ण करने के लिए बराबर समय देता है इसलिए इसे हम मल्टीटास्किंग सिस्टम कहते हैं प्रत्येक task को पूर्ण करने के लिए जितना समय लगता है उतना समय देता है। एक Task को पूर्ण करने के बाद ही वे अगले टास्क को शुरू कर देता है ।
Distributed Operating System
Distribute operating system में Processing फास्ट होती है इसे मैनेज करने वाले मशीन के ऊपर Load कम होती है क्योंकि Load distribute हो जाता है। एक Distributed Operating System में यूजर के पास बहुत सारे सिस्टम होते हैं जैसे कि CPU memory, processor आदि। यह सभी Shared Communication Network के द्वारा आपस में कनेक्ट रहते हैं और और प्रत्येक सिस्टम Individually अपना कार्य कर करते है।
Distributed Operating System सिस्टम में User दूसरे सिस्टम के डाटा को एक्सेस कर सकता है और उसके अनुसार काम कर सकता है।
Network Operating System
नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम को सर्वर में चलाया जाता है. जो नेटवर्क में उपस्थित डाटा, यूजर, ग्रुप, एप्लीकेशन इत्यादि को मैनेज करने के लिए काम करता है. किसी भी छोटे से नेटवर्क में फाइल शेयरिंग, डाटा मैनेजमेंट, प्रिंटर शेयरिंग इत्यादि कार्य को करता है.
यह आम ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में काफी महंगा होता है. इसे खासतौर पर सर्वर के लिए बनाया जाता है.
Real Time Operating System
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम में डाटा को इनपुट करने और रेस्पोंस करने के लिए बहुत ही कम समय दिया जाता है. इंस्ट्रक्शन का रेस्पोंस करने के लिए सिस्टम द्वारा लिया जाने वाला समय को प्रतिक्रिया समय कहा जाता है. किसी डिवाइस को एक फिक्स्ड टाइम में कण्ट्रोल करने या चलाने के लिए रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है.
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम ( Operating System in hindi) दो प्रकार के होते है जिसमे पहला हार्ड रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम और दूसरा सॉफ्ट रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम है.
ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएं
- Operating System विभिन्न Hardware Part के साथ Coordinate (समन्वय) करता है। और सभी Hardware Device के साथ उसी की भाषा में Communicate करता है, जिस भाषा को कंप्यूटर समझता है।
- Operating System कंप्यूटर के सभी सॉफ्टवेयर को Run कराने के लिए माहौल प्रदान करता है और प्रत्येक Software को आवश्यक Resources (संसाधन) उपलब्ध कराता है।
- ऑपरेटिंग सिस्टम, Primary Memory, Secondary Memory और CPU को control करता है। और विभिन्न Programs और Tasks को Memory और CPU Power में बाटता है।
- यह एक कम्प्यूटर में मौजूद सभी Files को मैनेज करता है। उन्हें Directories के रूप में व्यवस्थित करके सेव करता है। साथ ही Files और Folders को Copy, Rename और Delete करने सुविधा भी प्रदान करता है.
- यह system को Monitor करता है और साथ ही यह भी देखता है कि इसकी performance ठीक है या नहीं और साथ ही उसे Improve करने का भी काम करता है।
- यह hardware और Software दोनों को नियंत्रित करता है और इन के बीच तालमेल बैठाकर कंप्यूटर और अन्य प्रोग्राम हो सही ढंग से चलाने का काम करता है।
- यह Password तथा अन्य तकनीकों की मदद से System को Secure रखने का काम करता है। और Errors तथा virus के बारे में जानकारी देता है।
- यह user द्वारा Computer मे किये जाने वाले कार्यों का ध्यान रखता है और उनको रिकॉर्ड करता हैं. साथ ही यह Processor को मैनेज करता है और यह देखता है यह ठीक प्रकार से काम कर रहा है कि नहीं।
Disadvantage of Operating System in Hindi
- Costly: वर्तमान में लिनक्स और एंड्राइड जैसे कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम फ्री में उपलब्ध है लेकिन विंडोज और मैक ऑपरेटिंग सिस्टम काफी महंगे होते है. जिसके चलते कंप्यूटर खरीदने पर उनकी कीमत में 7 से 10 हजार का मूल्य अधिक देना पड़ता है।
- लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स तो है लेकिन उसका GUI(ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस) बहुत ही कठिन है. इस कारण से बेसिक यूजर को ऑपरेट करने में काफी अधिक परेशानी होती है।
- वर्तमान के लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाने के लिए हैवी सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन की आवश्यकता होती है।
- ऑपरेटिंग सिस्टम में वायरस का खतरा बना रहता है।
- फायरवाल और एंटीवायरस जैसे सिक्यूरिटी फीचर को और अधिक स्ट्रोंग होने की जरुरत है।
कुछ Popular OS के उदाहरण निम्न प्रकार से हैं –
- Apple IOS
- Microsoft Windows
- Linux OS
- Google Android
- Apple Mac OS
FAQ
ऑपरेटिंग सिस्टम की परिभाषा क्या है?
ऑपरेटिंग सिस्टम को OS भी कहा जाता है. यह एक सिस्टम सॉफ्टवेर है जो कंप्यूटर और यूजर के मध्य में इंटरफ़ेस का कार्य करता है. ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कंप्यूटर का चलना असंभव है.
ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण कौन कौन से हैं?
वर्तमान में ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य रूप से तिन प्रकार के आते है जिसमे पहला विंडोज, दूसरा मैक और तीसरा लिनक्स शामिल है.
Windows OS.
Mac OS.
Linux OS.
Ubuntu.
Android OS.
iOS.
MS-DOS.
Symbian OS.
ऑपरेटिंग सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं?
ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते है. जिसमें
-बैच ऑपरेटिंग सिस्टम
-रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम
-डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम
-मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम
-नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम
सरल शब्दों में ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?
ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेर है जो कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेर को मैनेज करने का काम करता है.
मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?
मल्टीयूज़र ऑपरेटिंग सिस्टम उस सिस्टम को कहा जाता है जिसमे एक ही समय में एक से अधिक यूजर कंप्यूटर में काम कर सकते है. अर्थात एक साथ अनेक यूजर लॉग इन कर सकते है. आजकल वर्तमान में आने वाली सभी ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम होते है.
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