सॉफ्टवेर क्या होता है – Software kya hai hindi
सॉफ्टवेर प्रोग्राम का समुह होता है जिसके माध्यम से कंप्यूटर टास्क को परफॉर्म करते है. कंप्यूटर के वे सभी भाग जिन्हें देख सकते है लेकिन छू नहीं सकते उन्हें कंप्यूटर सॉफ्टवेर कहा जाता है. उदाहरण:- MS Office, एंटीवायरस, नोटपैड, वर्डपैड इत्यादि।
मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल तो आप जरूर करते ही होंगे पर आपको पता है बिना सॉफ्टवेयर के मोबाइल और कंप्यूटर एक खाली बॉक्स के समान है. अगर कंप्यूटर और मोबाइल में सॉफ्टवेयर नहीं होगा तो उपयोगकर्ता कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं कर सकता जिस प्रकार मछली के लिए पानी का महत्व होता है, ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर सिस्टम के लिए सॉफ्टवेयर महत्वपूर्ण है।
आज हम आपको सॉफ्टवेयर क्या होता है इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं इस पोस्ट के माध्यम से तो चलिए शुरू करते हैं।
सॉफ्टवेर क्या है – Software in Hindi
सॉफ्टवेयर कई निर्देशों और प्रोग्रामों का समूह होता है जिनका उपयोग कंप्यूटर में विशेष कामों को करने तथा संचालित करने के लिए किया जाता है सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का ऐसा महत्वपूर्ण भाग है जिसके बिना कंप्यूटर एक प्लास्टिक डिब्बे के समान है।
जिस प्रकार हम कंप्यूटर के हार्डवेयर पार्ट को छू सकते हैं देख सकते हैं उस प्रकार से हम सॉफ्टवेयर को देख छू नहीं सकते क्योंकि इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता है इसको केवल महसूस कर सकते हैं और समझ सकते हैं।
प्रोग्राम के समूह को सॉफ्टवेर कहा जाता है। सॉफ्टवेर को कंप्यूटर में एक स्पेसिफिक टास्क परफॉर्म करने के लिए बनाया जाता है।
उदहारण के लिए जैसे कंप्यूटर दो चीजों से बना होता है एक होता है हार्डवेयर और दूसरा सॉफ्टवेयर होता है तो समझ लो हमारा हाथ, पाव, आंख, कान, हमारे शरीर के हार्डवेयर हैं जिन्हें हम छू सकते हैं, देख सकते हैं दूसरा प्यार, दया, दर्द यह सब हमारे शरीर के सॉफ्टवेयर होते हैं जिन्हें हम केवल महसूस कर सकते हैं छू नहीं सकते।
यदि हम हार्डवेयर को कंप्यूटर का शरीर समझे तो सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर का दिमाग कह सकते है जिस प्रकार दिमाग के बगैर एक व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं होता है उसी तरह सॉफ्टवेर के बिना कंप्यूटर को डेड अर्थात मृत माना जाता है।
सॉफ्टवेयर की परिभाषा ( Software meaning in Hindi)
सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के नाम से जानते हैं यह प्रोग्रामों का समूह होता है कंप्यूटर में कार्य को संपन्न करवाने के लिए कुछ निर्देश देते है इन निर्देशो के समूह को कंप्यूटर प्रोग्राम कहा जतका है software बहुत ही बड़े और मुख्य भूमिका निभाता है यूजर चाह कर भी कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर के बिना काम नहीं कर सकता।
सॉफ्टवेर की आवश्यकता
एक सॉफ्टवेयर क्या-क्या काम कर सकता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे किस उद्देश्य के लिए बनाया गया है जैसे कि कंप्यूटर में इंस्टॉल फाइलों को मैनेज करने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है संख्याओं की गणना करने के लिए केलकुलेटर का उपयोग किया जाता है यह सब एक सॉफ्टवेयर है।
इसके अलावा एंड्राइड iOS, Linux, Windows आदि सभी ऑपरेटिंग सिस्टम हैं जो एक प्रकार के सॉफ्टवेयर है। यह सभी हमारे कंप्यूटर को संचालित करते हैं तथा आप अपने मोबाइल और कंप्यूटर द्वारा जो कुछ भी कर पा रहे हैं वह एक सॉफ्टवेयर की मदद से ही कर पा रहे हैं। तो कुल मिलाकर इसका काम इस बात पर निर्भर करता है कि सॉफ्टवेर को किस उपयोग के लिए बनाया है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना होता है यदि इसमें से सॉफ्टवेयर को निकाल दिया जाए तो कंप्यूटर एक बॉक्स के समान रह जाएगा यह बॉक्स तब तक काम नहीं आएगा जब तक इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम लोड ना हो जाए इसका सिंपल सा अर्थ है कंप्यूटर में कुछ भी कार्य करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का होना अनिवार्य है।
सॉफ्टवेर का इतिहास (History)
19वीं शताब्दी में Ada Lovelace ने दुनिया का पहला प्रोग्राम लिखा था, इसे एनालिटिकल इंजन के लिए प्रकाशित किया था जिसे चार्ल्स बैबेज ने बनाया था। एडा को पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर कहा जाता है सॉफ्टवेयर शब्द का निर्माण जॉन टर्की ने किया था जो एक सांख्यिकीविद एव गणितज्ञ थे। लेकिन सॉफ्टवेयर का सिद्धांत सर्वप्रथम एलन टयूरिंग ने अपने निबंध Computable Numbers with an Application to the Entscheidungsproblem में प्रकाशित किया था।
सॉफ्टवेयर कैसे बनाते हैं?
सॉफ्टवेयर बनाने के लिए आपको बहुत सारे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखना पड़ेगा जिसके माध्यम से आप जरूरत के हिसाब से सॉफ्टवेयर बना सकते हैं आप सभी भाषाओं में विशेषज्ञ तो नहीं बन सकते मगर आप सीख जरूर सकते हैं शुरुआत में आपको Java, C, C++ इन भाषाओं में कमांड अच्छे होने चाहिए।
सॉफ्टवेर के प्रकार (Types of Software in Hindi)
वैसे तो सॉफ्टवेर कई प्रकार के होते है लेकिंन मुख्य रूप से 3 केटेगरी में डिवाइड किया गया है जिसकी जानकारी निचे विस्तार से बताएँगे।
- System software
- Application software
- Utility software
1. सिस्टम सॉफ्टवेर (System Software in Hindi)
सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर होता है जो हार्डवेयर संसाधनों को मैनेज एवं नियंत्रित करता है ताकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर अपना कार्य पूरा कर सकें यह कंप्यूटर सिस्टम का मुख्य भाग होता है ऑपरेटिंग सिस्टम इसका एक उदाहरण है।
सिस्टम सॉफ्टवेर वे सॉफ्टवेर होते है जिनके माध्यम से कंप्यूटर और हार्डवेयर में कम्युनिकेशन होता है। जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, डिवाइस ड्राईवर, लैंग्वेज ट्रांसलेटर इत्यादि।
यह कंप्यूटर प्रोग्राम को नियंत्रित करता है तथा हार्डवेयर पार्ट्स के साथ कम्युनिकेट करने से लेकर सीपीयू और मेमोरी को कंट्रोल तथा मॉनिटर करता है तथा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए माहौल प्रदान करता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के और भी कई उदाहरण हैं –
- Operating System
- Device Driver
- Assembler
- Compiler and Interpreter
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System in hindi)
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का ऐसा पहला सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर के स्टार्ट होने के बाद लोड होता है कंप्यूटर में बूटिंग के लिए यह एक महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है यह केवल कंप्यूटर की बूटिंग ही नहीं बल्कि दूसरे एप्लीकेशन और यूटिलिटी सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में चलाने के लिए भी आवश्यक होता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर को अपडेट करने से संबंधित कई कार्यों को संभालता है तथा कंप्यूटिंग डिवाइस को ऑपरेट करने के लिए इस सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती हैl
उदाहरण:
- IOS,
- MACOS,
- Linux
- Unix,
- Android,
- Windows
डिवाइस ड्राईवर (Device Driver in Hindi)
हार्डवेयर पार्ट्स को कंप्यूटर से कम्युनिकेट करने के लिए एक खास प्रकार के सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है जिसे हम डिवाइस ड्राइवर कहते हैं जो ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ मिलकर काम करते है जैसे कि हम कीबोर्ड को कंप्यूटर से कनेक्ट करते हैं तो कीबोर्ड सही तरीके से कार्य कर पाए इसके लिए कंप्यूटर में पहले से ही एक कीबोर्ड ड्राइवर होता हैl
उदाहरण:
- USB Drivers,
- Printer Drivers,
- Motherboard Driver,
- Network Adapter Drivers,
- ROM Drivers
- VGA Drivers
असेम्बलर क्या है? (Assembler in Hindi)
कंप्यूटर मशीन भाषा में लिखे प्रोग्राम को ही समझ पाता था लेकिन मशीन भाषा में प्रोग्राम लिखना कठिन काम था इसलिये असेम्बली भाषा को बनाया गया और असेम्बली भाषा को मशीनी भाषा में अनुवाद करने के लिये बनाया गया Translator है जो असेम्बली भाषा को मशीन भाषा में Translate करता है, उसे असेम्बलर कहते हैl
कम्पाइलर और इंटरप्रेटर
compiler and Interpreter वो प्रोग्राम होता है जो किसी उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे प्रोग्राम को किसी मशीनी भाषा में बदल देता है। उच्च स्तरीय कंप्यूटर भाषाएँ जैसे सी++, Java में लिखे program को सोर्स कोड कहा जाता है, compiler इन सोर्स कोड को ऑब्जेक्ट कोड में बदलता है ऑब्जेक्ट कोड binary कोड होते हैं जिन्हें computer समझ सकता है या कहें तो compiler and Interpreter उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा को निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में बदलने का काम करता हैl
एप्लीकेशन सॉफ्टवेर क्या है? (Application Software in Hindi)
सिस्टम सॉफ्टवेयर के बाद सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है इसके अंदर सभी प्रमुख सॉफ्टवेयर आते हैं जिस पर यूजर कार्य करता है।
Application software ऐसे प्रोग्रामों को कहते है, जो हमारे computer पर आधारित प्रमुख कार्य को करने के लिए बनाए जाते हैं । जरूरत के हिसाब से भिन्न भिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर बनाए जाते हैं। सॉफ्टवेयर को बड़ी कंपनियों तथा यूजर के जरूरत को ध्यान में रखकर Software programmers द्वारा बनाया जाता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेर वे सॉफ्टवेर होते है जिसके माध्यम से कंप्यूटर और यूजर कम्यूनिकेट करते है. एप्लीकेशन सॉफ्टवेर हार्डवेयर से डायरेक्ट कम्यूनिकेट नहीं कर पाते है. जैसे माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, अडोब फोटोशॉप, पेंट, कैलकुलेटर, वर्डपैड, नोटपैड इत्यादि।
जैसे आपको डॉक्यूमेंट तैयार करने हैं तो उसके लिए MS Word, फोटो से संबंधित कार्य करने हैं तो उसके लिए फोटोशॉप तथा आपको कोई वीडियो देखना है तो उसके लिए मीडिया प्लेयर का प्रयोग करते हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेर के प्रकार
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को २ केटेगरी में बाँटा गया हैं:-
- Basic Application Software
- Special Application Software
बेसिक एप्लीकेशन सॉफ्टवेर
इस सॉफ्टवेयर का उपयोग हम हमेशा करते हैं हमारे दैनिक जीवन के रोजमर्रा के कार्यों के लिए इनका उपयोग किया जाता है किसी भी कंप्यूटर यूजर को कंप्यूटर पर काम करने के लिए बेसिक एप्लिकेशन सॉफ्टवेर का उपयोग करना आना ही चाहिए इस सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं.
- Word Processing Software – Word Processing Software का उपयोग Text की Formatting के लिए तथा डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए किया जाता हैl
- Multimedia Software – Multimedia Software का उपयोग ऑडियो, वीडियो और Text के संपादन में किया जाता हैl
- Graphic Application Software – Graphic Application Software का इस्तेमाल जटिल रेखाचित्र को सरल बनाने तथा फोटो को सुंदर एवं आकर्षक बनाने के लिए किया जाता हैl
- Entertainment Software – इस प्रकार के Software का इस्तेमाल हम अपने दैनिक जीवन में Entertainment के लिए करते हैंl
- presentation software– इसका इस्तेमाल हम बड़े प्रोजेक्टर तथा स्क्रीन पर व्यवसायिक रणनीतियों को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने के लिए करते हैं।
- Gaming Software – इस प्रकार के Software की मदद से हम अपने computer या Mobile में अनेक प्रकार के game खेल सकते हैंl
स्पेशल एप्लीकेशन सॉफ्टवेर
Special Application Software को विशेष उद्देशीय सॉफ़्टवेयर भी कहा जाता हैं इन सॉफ्टवेयर को किसी निश्चित उद्देश्य व विशेष कार्य के लिए बनाया जाता है इसका इस्तेमाल भी किसी निश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है नीचे कुछ विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए प्रोग्राम के उदाहरण दिए जा रहे हैं।
- Accounting Software – इस प्रकार के Software की मदद से हम अपने बैंक खाते से लेन – देन कर सकते हैंl
- database management system – इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का उपयोग हम डाटा को एक जगह सुरक्षित रखने उसको व्यवस्थित करने और जरूरत पड़ने पर उसको उपलब्ध कराने के लिए करते हैं।
- Online Booking Software – इस प्रकार के Software के माध्यम से आप online, होटल, रेल, बस, प्लेन आदि की Ticket बुक कर सकते हैं
- Educational Software – इस प्रकार के Software, Student को शिक्षा से सम्बंधित Content प्रदान करवाते हैंl
यूटिलिटी सॉफ्टवेर क्या है? (Utility Software in Hindi)
यूटिलिटीज एक प्रकार का सर्विस प्रोग्राम होता है इनका उपयोग कंप्यूटर के परफॉर्मेंस और कार्यक्षमता को बनाएं रखने के लिए किया जाता है या यह सिस्टम की क्षमता को बनाएं रखने और बढ़ाने में उपयोगी होता है।
इन्हें हम सहायक प्रोग्राम कहते हैं। इस सॉफ्टवेयर को विशेष रुप से कंप्यूटर हार्डवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एवं ऑपरेटिंग सिस्टम को मैनेज करने के लिए बनाया जाता है नीचे कुछ यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के उदाहरण दिए जा रहे हैं.
वे सभी प्रोग्राम या सॉफ्टवेर जिनका उपयोग कंप्यूटर की रिपेयरिंग या मेंटेनेंस के लिए किया जाता है उन सभी सॉफ्टवेर को यूटिलिटी प्रोग्राम कहा जाता है.
फाइल प्रबंधन प्रोग्राम
इस तरह के program का उपयोग हम computer में फाइल को organize करने के लिए करते है। यह प्रोग्राम किसी भी user को डाटा से related कुछ काम करने में मदद करता है। जैसे कि file को save या delete करना, फाईल में data को edit करना और उसकी Location को बदलना, file के नाम को Change करना आदि Operations शामिल है।
इसमें बहुत सारी files को मैनेज कर सकते है और काफी फाइल्स को एक folder में Store भी कर सकते है साथ में हम किसी एक file को Search करके भी प्राप्त कर सकते है। यह सारे काम की वजह से एक user काफी आसानी से file को कर सकता है।
फाइल कम्प्रेशन प्रोग्राम
इस प्रोग्राम के उपयोग से हम अपने computer में फाइल की size को कम कर सकते है जिससे computer की ड्राइव की स्टोरेज capacity को बढ़ाया जा सकता है। Winrar, 7-Zip जैसे कुछ Windows Operating System के लिए सबसे लोकप्रिय फाईल compression programs है। इन programs की मदद से एक user बड़ी ही आसानी से डाटा को कम्प्रेस कर सकता है।
बैकअप एंड रिकवरी टूल्स
यह program आपके computer सिस्टम के data को इलेक्ट्रॉनिक रूप में save करता है। अगर किसी भी वजह से आपका कोई फाइल या डेटा corrupt हो जाता है तो आप इन program के मदद से अपने फाइल या data को वापस भी प्राप्त कर सकते है।
Backup Utilities आपके कम्प्यूटर में रखे डाटा को किसी दुसरे स्थान पर backup बना देता है। यह Data आपके Microsoft One Drive और Google Drive, आदि कुछ प्रमुख cloud स्टोरेज मौजूद है जिसमे हमारा Data सेव रहता है। इसके अलावा आप recovery tool का उपयोग करके अपने delete हुए डाटा को वापस प्राप्त कर सकते है।
सिक्यूरिटी प्रोग्राम
Virus हमारे computer को बहुत तरीकों से इफेक्ट कर सकते है जैसे कि Trojans, worms, spyware आदि। इन virus की वजह से एक यूजर को काफी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। यहाँ तक की computer के डाटा की चोरी भी हो सकती है।
ऐसे में कंप्यूटर को इन malwares से बचने के लिए अलग अलग तरह के साफ्टवेयर यूटिलिटी की जरुरत पड़ती है। इस तरह के Software हमे Online से आने वाले खतरों से बचाता है। इनमें से antivirus, network, firewall आदि जैसे कुछ नाम शामिल हैं।
डिस्क क्लीनर एंड डिस्क मैनेजमेंट टूल्स
computer का उपयोग करते करते काफी सारा Data कंप्यूटर की Drive में निर्माण हो जाता है जिसे हम temporary files भी कहते है। जैसे जैसे हम computer का उपयोग करते रहते है वैसे वैसे computer में Data निर्माण होता रहता है और यह डाटा काफी ज्यादा मात्रा जमा हो जाता है।
जिसके कारण computer की performance slow होने लगती है और कंप्यूटर की storage भी भरने लगती है।
तो इन फाइल्स को डिलीट करने के लिए “Disk Cleaners” की जरुरत पड़ती हैं। यह programs हमारे system की बेकार और अनुपयोगी files या डाटा को ढूंढ कर उसे Disk से delete कर देता है।
FAQ
सॉफ्टवेयर क्या है?
कंप्यूटर के वे भाग जिन्हें देख सकते है लेकिन छू नहीं सकते है उसे कंप्यूटर सॉफ्टवेर कहा जाता है. कंप्यूटर सॉफ्टवेर प्रोग्राम का समूह होता है जिसके माध्यम से कंप्यूटर टास्क को परफॉर्म करते है.
सॉफ्टवेर कितने प्रकार के होते है?
सॉफ्टवेर वैसे तो बहुत प्रकार के होते है लेकिन सॉफ्टवेर को 3 केटेगरी में बाँटा गया है. जिसमे एप्लीकेशन सॉफ्टवेर, सिस्टम सॉफ्टवेर और यूटिलिटी प्रोग्राम शामिल है.
सॉफ्टवेयर का क्या काम है?
सॉफ्टवेर यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के मध्य इंटरफ़ेस का कार्य करते है. यूजर द्वारा कंप्यूटर को दिए गए काम को पूरा करने के लिए सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता है. सॉफ्टवेर के बिना कंप्यूटर कोई भी कार्य को नहीं कर सकता है.
सिस्टम सॉफ्टवेर क्या है?
वे सभी सॉफ्टवेर जो यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बिच डायरेक्ट कम्यूनिकेट करते है उन्हें सिस्टम सॉफ्टवेर कहा जाता है. इसमें मुख्य रूप से ऑपरेटिंग सिस्टम, सिस्टम ड्राईवर, असेम्बलर और कम्पाइलर इत्यादि शामिल है.
एप्लीकेशन सॉफ्टवेर क्या है?
वे सभी सॉफ्टवेर जो यूजर और ऑपरेटिंग सिस्टम के बिच कम्यूनिकेट करते है उन्हें एप्लीकेशन सॉफ्टवेर कहा जाता है. एप्लीकेशन सॉफ्टवेर कंप्यूटर हार्डवेयर से डायरेक्ट कम्यूनिकेट नहीं करते है. एप्लीकेशन सॉफ्टवेर में नोटपैड, वर्डपैड, MS ऑफिस, पेंट इत्यादि शामिल है.
यूटिलिटी प्रोग्राम क्या है?
वे सभी सॉफ्टवेर जिनका उपयोग कंप्यूटर को रिपेयरिंग या मेंटेनेंस करने के लिए उपयोग किया जाता है उन्हें यूटिलिटी प्रोग्राम कहा जाता है. यूटिलिटी प्रोग्राम के उदहारण में डिस्क डिफ्रेगमेंटर, डिस्क क्लीनअप, PC डॉक्टर, पार्टीशन रिकवरी इत्यादि सॉफ्टवेर शामिल है.
तो दोस्तों आज का यह पोस्ट Software kya hai Hindi आपको कैसा लगा जरुर बताएं. यदि यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा तो लोगो को शेयर और लाइक करें. आपके सुझाव को कमेंट में लिखना ना भूले. इसी प्रकार के कंटेंट और बिजनेस आइडियाज की जानकारी के लिए आप हमारे youtube चैनल computervidya में विजिट करें और साथ ही हमारी दूसरी वेबसाइट nayabusiness.in में विजिट करें. धन्यवाद्!