नमस्कार दोस्तों Computervidya में आपका स्वागत है आज के इस पोस्ट में हम आपको What is TCP/IP in Hindi (TCP/IP Kya Hai) के बारें में विस्तार से बताएँगे साथ ही Layer of TCP/IP in Hindi (TCP/IP के लेयर) तथा UDP और TCP के बारें में भी बतायेंगें।
Contents:-
- History of TCP/IP (TCP/IP का इतिहास)
- TCP/IP in Hindi (टी सी पी/आई पी मॉडल)
- TCP/IP मॉडल के लेयर
- Network Access Layer in TCP/IP
- Internet Layer in TCP/IP (इन्टरनेट लेयर)
- Transport Layer in TCP/IP (ट्रांसपोर्ट लेयर)
- TCP in Hindi (TCP क्या है?)
- UDP in Hindi (UDP क्या है?)
- Application Layer in TCP/IP (एप्लीकेशन लेयर)
- Use of TCP/IP Model (TCP/IP मॉडल का उपयोग)
- Transport Layer in TCP/IP (ट्रांसपोर्ट लेयर)
TCP/IP का इतिहास
दोस्तों आज के समय के इन्टरनेट को शुरुवात में ARPANET कहा जाता था जिसे सयुक्त राष्ट्र अमेरिका के रक्षा विभाग के एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (ARPA) के द्वारा सन् 1969 में बनाया गया था। उस समय ARPANET में जिस प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता था उसे NCP (Network Control Protocol) कहा जाता था। समय के साथ-साथ ARPANET का विकास बहुत तेजी से होने लगा जिसके कारण ARPANET को मैनेज करने के लिए नए प्रोटोकॉल की आवश्यकता पड़ने लगी क्योकिं NCP बहुत बड़े नेटवर्क को मैनेज करने में असफल था।
सन् 1974 में DRDA के दो वैज्ञानिक Vint Cerf और Robert Elliot Kahn ने पैकेट नेटवर्क इंटरकनेक्शन के लिए एक प्रोटोकॉल का विकास किया गया जिसका नाम TCP(Transmission Control Protocol) था और अन्तः NCP को TCP के द्वारा Replace कर दिया गया। इन दोनों Vint Cerf और Robert Elliot Kahn वैज्ञानिक को इन्टरनेट का जनक कहा जाता है।
सन् 1983 में ARPANET को TCP/IP से पूरी तरह से बदल दिया गया था और जैसे-जैसे नेटवर्क का विकास होते गया सन् 1990 में ARPANET का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो गया।अतः इस आधार पर हम कह सकते है की आज का टी सी पी/आई पी मॉडल का विकास ARPANET से हुआ है।
TCP/IP in Hindi (टी सी पी/आई पी मॉडल)
TCP/IP एक प्रैक्टिकल मॉडल है जिसका उपयोग पहले ARPANET में किया जाता था और वर्तमान में TCP/IP मॉडल का उपयोग इन्टरनेट में किया जा रहा है।
TCP/IP बहुत सारें प्रोटोकॉल का एक समूह है जिसके दो प्रमुख प्रोटोकॉल TCP (Transmission Control Protocol) और IP (Internet Protocol) प्रोटोकॉल के नाम पर इस मॉडल का नाम रखा गया है TCP/IP Model का उपयोग असमान नेटवर्क (Heterogeneous Networks) के बिच कम्युनिकेशन कराने के लिए किया जाता है। TCP प्रोटोकॉल का कार्य DATA को छोटे-छोटे भागों (सेगमेंट) में बाँटने का होता है और IP का कार्य इन डाटा पैकेट को नेटवर्क में सोर्स से डेस्टिनेशन तक पहुचाने का होता है।
TCP/IP मॉडल के लेयर
दोस्तों जिस तरह OSI मॉडल में 7 लेयर होते है उसी प्रकार TCP/IP मॉडल में 4 लेयर होते है लेकिन कई किताबों में इन 4 लेयर को 5 लेयर में डिवाइड करके बताया गया है। क्योकिं अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा इस टी सी पी/आई पी मॉडल को बनाकर प्रैक्टिकल उपयोग किया गया था और डॉक्यूमेंट प्रॉपर तरीके से नहीं बनाया गया था जिसके कारण अलग अलग बुक में अलग अलग लेयर बताया जाता है।
- 4. Application layer
- 3. Transport Layer
- 2. Internet Layer
- 1. Network Access Layer
नेटवर्क एक्सेस लेयर
यह TCP/IP मॉडल का पहला लेयर है जो नेटवर्क में डाटा ट्रांसमिशन के लिए Responsible होता है। यह लेयर OSI मॉडल के फिजिकल और डाटा लिंक लेयर दोनो के कार्य और फंक्शन को परफॉर्म करते है। नेटवर्क एक्सेस लेयर Node to Node delivery के लिए जिम्मेदार होता है।
► नेटवर्क एक्सेस लेयर के फंक्शन:-
नेटवर्क एक्सेस लेयर विभिन्न प्रकार के फंक्शन के लिए Responsible होता है जो निम्नलिखित है: –
- Data को binary bit के रूप में Represent एवम् ट्रांसमिट करना।
- bit को सिंक्रोनाइज करने का कार्य।
- Device के function और procedure को डिफाइन करना।
- Access Control
- Physical Addressing
► नेटवर्क एक्सेस लेयर में काम करने वाले डिवाइस: –
TCP/IP मॉडल के इस लेयर में केबल और विभिन्न प्रकार के डिवाइस जैसे: – हब, स्विच, मॉडेम,ब्रिज इत्यादि।
Internet Layer in TCP/IP (इन्टरनेट लेयर)
यह TCP/IP मॉडल का दूसरा लेयर है जो ट्रांसमिट होने वाले डाटा पैकेट के एड्रेस और रूट (Path) के लिए Responsible होते है। इन्टरनेट लेयर Source से Destination तक डाटा पैकेट को ट्रांसमिट करने के लिए Responsible होता है। इन्टरनेट लेयर में मुख्य रूप से राउटर (Router) काम करता है जो डाटा पैकेट के पाथ का निर्धारण करता है।
► Internet Layer के Function: –
इन्टरने लेयर विभिन्न प्रकार के फंक्शन एवम् सर्विसेस के लिए Responsible होता है जो निम्नलिखित है: –
- Logical Addressing (IP Addressing)
- Routing Algorithm
- Best Path का selection करना।
► Internet Layer के Protocol: –
इन्टरनेट लेयर में मुख्य रूप से IP (Internet Protocol) कार्य करते है। इनके अलावा ARP, IGMP और ICMP प्रोटोकॉल इन्टरनेट लेयर में कार्य करते है।
Transport Layer in TCP/IP (ट्रांसपोर्ट लेयर)
यह TCP/IP मॉडल का तीसरा लेयर है जो Process to Process Delivery के लिए Responsible होता है। ट्रांसपोर्ट लेयर का मुख्य कार्य ट्रांसमिट किये जाने वाले डाटा या मैसेज को छोटे छोटे पार्ट अर्थात सेगमेंट में डिवाइड करना होता है साथ ही Data ट्रांसमिशन के लिए Flow Control एवम् Error Control जैसे ऑपरेशन को परफॉर्म करते है।
► Transport Layer के Function: –
ट्रांसपोर्ट लेयर के द्वारा विभिन्न प्रकार के फंक्शन को परफॉर्म किया जाता है जो निम्नलिखित है: –
- Segmentation (डाटा को सेगमेंट में बाँटना)
- Re sequencing & Re-transmit
- Error Control
- Flow Contro
► Transport Layer के Protocol: –
ट्रांसपोर्ट लेयर में दो प्रोटोकॉल TCP(Transmission Control Protocol) और UDP(User Data Protocol) कार्य करते है।
TCP in Hindi (TCP क्या है?)
TCP का पूरा नाम Transmission Control Protocol है यह एक Connection Oriented एवम् Reliable प्रोटोकॉल है क्योकिं TCP डाटा ट्रांसमिट करने से पहले कनेक्शन सेटअप करता है और Reliable कनेक्शन होने के बाद ही डाटा ट्रांसमिट करता है। टी सी पी प्रोटोकॉल प्रत्येक डाटा पैकेट के ट्रांसमिशन के पहले और बाद में Acknowledgement भेजता है और यह कंफ़र्म करता है की डाटा पैकेट Successfully ट्रांसमिट हुआ है की नहीं। TCP में डाटा पैकेट के पहुचने की गारेंटी होती है अतः टी सी पी को reliable प्रोटोकॉल कहा जाता है।
► TCP प्रोटोकॉल के विशेषताएं : –
ट्रांसपोर्ट लेयर के द्वारा विभिन्न प्रकार के फंक्शन को परफॉर्म किया जाता है जो निम्नलिखित है: –
- Connection Oriented Protocol)
- Reliable Protocol
- Flow Control
- Congestion Control
- Slow Protocol Compare UDP
UDP in Hindi (UDP क्या है?)
UDP का पूरा नाम User Datagram Protocol है यह एक Connection-less Protocol है। क्योकिं UDP प्रोटोकॉल डाटा ट्रांसमिशन के लिए कनेक्शन Establish नहीं करता है और ना ही डाटा ट्रांसमिशन में acknowledgement का उपयोग करता है इसलिए UDP प्रोटोकॉल को Unreliable Protocol भी कहा जाता है। UDP में डाटा पैकेट के पहुचने की गारेंटी नहीं होती है इस लिए UDP को Unreliable Protocol कहा जाता है।
► UDP प्रोटोकॉल के विशेषताएं : –
ट्रांसपोर्ट लेयर के द्वारा विभिन्न प्रकार के फंक्शन को परफॉर्म किया जाता है जो निम्नलिखित है: –
- Connection-less Protocol)
- Unreliable Protocol
- Fast Protocol Compare UDP
Application Layer in TCP/IP (एप्लीकेशन लेयर)
यह TCP/IP मॉडल का सबसे उपरी लेयर है जो एप्लीकेशन को नेटवर्क सर्विसेस उपलब्ध कराने के लिए Responsible होती है।
उदाहारण: – एप्लीकेशन लेयर का उदाहरण जैसे ब्राउज़र, Skype, Team-viewer इत्यादि है जिसका उपयोग यूजर इन्टरनेट या नेटवर्क को एक्सेस करने के लिए करता है।
► Application Layer के फंक्शन : –
एप्लीकेशन लेयर के द्वारा विभिन्न प्रकार के फंक्शन को परफॉर्म किया जाता है जो निम्नलिखित है: –
- File Transfer
- File Access & Management
- Directory Services
- Network Access (Authentication)
- Mail Services
- Virtual Terminal
► Application Layer के Protocol: –
Application Layer में विभिन्न प्रकार के प्रोटोकॉल कार्य करते है जैसे HTTP(hypertext transfer protocol), FTP( file transfer protocol), SMTP( simple mail transfer Protocol), DNS(Domain Name system), Telnet, POP3, IMAP इत्यादि।
TCP/IP मॉडल का उपयोग
TCP/IP का उपयोग दो या दो से अधिक असमान नेटवर्क को आपस में Communicate करने के लिए किया जाता है। TCP/IP एक प्रैक्टिकल मॉडल है जिसका उपयोग पहले ARPANET में किया जाता था और वर्तमान में TCP/IP मॉडल का उपयोग इन्टरनेट में किया जा रहा है।
► तो दोस्तों उम्मीद करतें है की यह पोस्ट TCP/IP in Hindi (TCP/IP Model in Hindi) आपको पसंद आया होगा अगर यह पोस्ट (Explain TCP/IP in Hindi) आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों को शेयर करें और अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो पोस्ट के निचे कमेंट करना न भूले। धन्यवाद्!